किडनी हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है, जो ब्लड को प्यूरिफाई कर टॉक्सिंस को यूरिन के माध्यम से शरीर से बाहर निकलने में मदद करता है। परंतु कई बार व्यक्ति की लापरवाही और कुछ स्वास्थ्य समस्याएं जैसे कि ब्लड प्रेशर और डायबिटीज के कारण किडनी खराब होने लगती है और इसके फंक्शन भी कमजोर पड़ने लगते हैं। ऐसे में कई लोगों की किडनी पूरी तरह से काम करना बंद कर देती है, जिसे हम किडनी फेलियर कहते हैं। यह स्थिति बेहद खतरनाक हो सकती है।

किडनी संक्रमण, किडनी के अन्य बीमारी खासकर किडनी फेलियर के मरीजों को खान-पान पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है। ऐसे व्यक्ति में दवाइयों के साथ ही खान-पान उनके जीवन काल को लंबा और स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है। अब सवाल यह है कि ऐसे मरीजों को क्या खाना चाहिए और क्या नहीं?

प्रोटीन है बेहद महत्वपूर्ण

क्रोनिक किडनी रोग और डायलिसिस के परिणामस्वरूप नकारात्मक कैटोबोलिक अवस्था कहलाती है। वास्तव में इसका मतलब यह है कि शरीर जितनी तेजी से मरम्मत या निर्माण कर सकता है, उससे अधिक तेजी से टूटता है।

इसके अलावा अगर प्रोटीन का कोई बाहरी स्रोत उपलब्ध नहीं है तो शरीर उपभोग के लिए अपनी मांसपेशियों को तोड़ देता है। ऐसे में लोगों को अंडे, मछली, पनीर और सोया पनीर (टोफू) खाने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। इस दौरान रेड मीट से परहेज करें। भारतीय आहार में पहले से ही प्रोटीन की कमी है इसलिए आगे प्रतिबंध उचित नहीं है।

कैलोरी लेना है जरूरी

आमतौर पर शरीर के वजन और जीवनशैली के आधार पर प्रतिदिन लगभग 2000 से 3000 K cal कैलोरी की आवश्यकता होती है। यह सुनिश्चित करना बेहद महत्वपूर्ण है कि आप पर्याप्त मात्रा में कैलोरी ले रही हैं। परहेज का मतलब यह नहीं कि आप आवश्यक पोषक तत्वों की जरूरतों को नजरअंदाज कर दें।

फलों के ये विकल्प हैं पूरी तरह से सुरक्षित

फलों में पपीता, सेब, अमरूद और अनानास का सेवन पूरी तरह से सुरक्षित है। उच्च पोटेशियम सामग्री के कारण अन्य फलों के सेवन से बचना चाहिए। साथ ही फलों को पूरा खाएं, इनका जूस न निकालें।

पानी की मात्रा का ध्यान रखें

डायलिसिस सेशन के बीच अत्यधिक वजन बढ़ने से बचने के लिए पूरे दिन के वॉटर इंटेक का ध्यान रखना महत्वपूर्ण है। पानी के सेवन को जितना हो सके सीमित रखें। प्यास लगने पर पानी के 3 से 4 छोटे-छोटे घूंट लें। एक बार में अधिक पानी पीने से बचें।

नमक की सही मात्रा का ध्यान रखें

सामान्य नमक का सेवन करें। यदि आपका सोडियम लेवल बढ़ हुआ है तब ही कम सोडियम वाले नमक और अन्य नमक जैसे पिंक स्लॉट और हिमालयन साल्ट का प्रयोग करें। 

अगर किडनी को स्वस्थ रखना है, तो कुछ खास भोजन से परहेज करना चाहिए. 

अचार: भले ही आपको कितनी भी तलब लगे, लेकिन आपको अचार खाने से बचना चाहिए. ऐसा इसलिए क्योंकि इसमें सोडियम की मात्रा बहुत अधिक होती है.

प्रोसेस्ड मीट: स्वाद को बेहतर बनाने के लिए प्रोसेस्ड मीट में बहुत ज्यादा नमक और प्रिजर्वेटिव डाले जाते हैं. ज्यादा मीट खाने से किडनी पर जोर पड़ता है.

नमक: खाने में बहुत ज्यादा नमक होने की वजह से आपको हाई ब्लड प्रेशर से जूझना पड़ सकता है, जो किडनी पर भी दबाव डालता है. फास्ट फूड, पैकेट वाले खाने से भी बचना होगा.

हाई प्रोटीन वाला खाना: अगर आप किडनी की समस्या से परेशान हैं, तो आपको ज्यादा प्रोटीन वाला भोजन नहीं करना चाहिए. दाल, बीन्स और अन्य हाई प्रोटीन वाले भोजन से दूरी बना लें.

केले: केले में प्रचुर मात्रा में पोटैशियम होता है, इसलिए किडनी के मरीजों को इस फल से परहेज करना चाहिए. इसकी जगह अनानास खाया जा सकता है, जिसमें विटामिन ए भी होता है.

आलू: आलू में बड़ी मात्रा में पोटैशियम पाया जाता है. इसलिए इसे खाने से परहेज करना चाहिए.

मीठे ड्रिंक्स: मीठे सोडा और कोला पीने से बचना चाहिए, क्योंकि इसमें फॉस्फेट होता है, जो पथरी की वजह बन जाता है. इनमें मौजूद फ्रुक्टोज भी किडनी के लिए खतरनाक है.

फॉस्फोरस से भरपूर फूड: ज्यादा फॉस्फोरस वाला खाना शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है. डेयरी, नट्स, साबुत अनाज और कार्बोनेटेड ड्रिंक्स जैसे खाने से बचना चाहिए या फिर उनका कम मात्रा में सेवन करना चाहिए.

 प्रियंवदा दीक्षित, फूड फॉर हील  ‌‌                              (क्वालीफाईड डायटीशियन, आगरा)

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