ब्रेस्‍ट में लगातार दूध बनता रहे, इसके लिए खून और मांसपेशियों से पोषक तत्‍व लेने की जरूरत होती है

Breastfeeding Mistakes Mothers Should Avoid: मां का दूध बच्चों के लिए सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होता है। नवजात शिशु का मानसिक, शारीरिक विकास सही तरीके से हो सके इसके लिए जन्म से लेकर 6 माह तक डॉक्टर उसे सिर्फ ब्रेस्टफीड ही करवाने की सलाह देते हैं। बच्चे के जन्म के बाद कई महिलाओं के लिए ब्रेस्टफीड करवाना बहुत आसान होता, जबकि कुछ के लिए यह काम मुश्किल साबित होता है। कई बार महिलाएं ब्रेस्टफीडिंग को आसान बनाने के लिए परिवार वालों की मदद लेती हैं, लेकिन फिर भी कुछ ऐसी गलतियां हैं, जो हो ही जाती हैं। आज हम आपको कुछ ऐसी ही गलतियों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो ब्रेस्टफीड करवाने वाली महिलाओं से हो जाती हैं और वह समझ नहीं पाती हैं।

दूध पिलाने वाली ज्यादातर मां करती हैं ये गलतियां

लेटकर बच्चे को दूध पिलाना

ज्यादातर महिलाएं नवजात शिशुओं को लेटकर दूध पिलाती हैं। नई मांओं से होने वाली यह सबसे आम गलतियों में से एक है। नवजात को लेटकर दूध पिलाने से एस्पिरेशन का जोखिम बढ़ता है। कई बार इसकी वजह से शिशु के फेफड़ों में दूध अटक सकता है, जिसकी वजह से सांस लेने में तकलीफ हो सकती है।” एक्सपर्ट का कहना है कि कभी भी शिशु को लेटकर दूध नहीं पिलाना चाहिए।

लंबे समय तक स्तनपान कराना

मां जो एक और गलती करती हैं वह है शिशु को बहुत देर तक ब्रेस्टफीडिंग कराना।  “मांएं अपने बच्चों को लगातार एक, डेढ़ घंटे तक दूध पिलाती रहती हैं, जो बिल्कुल गलत है। शिशु को 15-20 मिनट का दूध पिलाना पर्याप्त है; इससे अधिक उन्हें ब्रेस्टफीडिंग की जरूरत नहीं होती है।”

फॉर्मूला मिल्क

कुछ महिलाएं अपने नवजात शिशु को ब्रेस्टफीडिंग करवाने की बजाय बाजार में मिलने वाला फार्मूला मिल्क देने लगती हैं, लेकिन यह गलत है। “जन्म से लेकर 6 माह तक शिशु को लेकर स्तनपान की करवाना चाहिए। इससे मां और बच्‍चे को कई लाभ मिलते हैं। फॉर्मूला मिल्क ब्रेस्‍ट मिल्‍क जैसा नहीं होता है और इसमें इम्यूनिटी को बढ़ाने वाले तत्व नहीं होते हैं। अगर किसी स्थिति में शिशु को फॉर्मूला मिल्क देना भी पड़ रहा है, तो इसके लिए पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।”

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खुद पर ध्यान न देना

ब्रेस्टफीडिंग के दौरान अक्सर महिलाएं खुद पर ध्यान नहीं देती हैं, जिसकी वजह से उन्हें भविष्य में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। एक्सपर्ट का कहना है कि शिशु के लिए मां का शरीर सही मात्रा में दूध का उत्पादन कर सके इसके लिए उन्हें सही पोषक तत्वों की जरूरत होती है। इसके लिए महिलाओं को कैल्शियम, आयरन और प्रोटीन युक्त चीजों को डाइट में शामिल करना चाहिए।

     ज्योति गुप्ता , न्यूट्री डाइट्स

(क्वालिफाइड डायटीशियन, हैदराबाद)

By JYOTI

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