पीसीओडी की समस्या आजकल काफी तेजी से बढ़ रही है, और इसके साथ ही बढ़ रही हैं पेट और पाचन से जुड़ी अन्य समस्याएं।
जब पीसीओडी के कारण ब्लोटिंग होती है, तो यह बहुत असहजता का अहसास कराती है। इस स्थिति में, कई महिलाएं दवाओं का सहारा लेती हैं, लेकिन यह जरूरी नहीं कि हर बार दवाओं पर निर्भर रहना पड़े। यदि आप अपने जीवनशैली में कुछ बदलाव करें और अपनी दिनचर्या को थोड़ा बदलें, तो इससे आपको हल्का और ऊर्जावान महसूस हो सकता है.
रोजमर्रा की आदतों में लाएं बदलाव
आपकी दैनिक बदलावों में केवल खान-पान ही नहीं, बल्कि आपके दिन की शुरुआत और तनाव प्रबंधन भी महत्वपूर्ण हैं। आइए जानते हैं कुछ ऐसी आदतों के बारे में जो पीसीओडी के कारण होने वाली ब्लोटिंग को कम करने में सहायक हो सकती हैं:
दिन की शुरुआत में नींबू पानी
अपने दिन की शुरुआत नींबू पानी से करें.एक गिलास गुनगुने पानी में नींबू का रस मिलाकर पीने से शरीर के टॉक्सिन बाहर निकलते हैं और पाचन में सुधार होता है, जिससे ब्लोटिंग की समस्या कम होती है. लेकिन याद रहे नींबू पानी का सेवन कभी भी खाली पेट न करें वरना गैस और ब्लोटिंग की समस्या और बढ़ सकती है.इसलिए हमेशा हल्के नाश्ते के बाद ही नींबू पानी का सेवन करें.
नमक और प्रोसेस्ड फूड का सेवन कम करें
प्रोसेस्ड फूड में सोडियम की मात्रा अधिक होती है, जो पानी को रोकता है और ब्लोटिंग बढ़ाता है। इसलिए, चिप्स, फ्रोजन फूड और फास्ट फूड से दूर रहने की कोशिश करें। इसके अलावा, खाने में नमक या अचार का सेवन भी सीमित करें.
हर्बल टी का सेवन करें
अपनी डाइट में सौंफ, पुदीना, अदरक या कैमोमाइल टी जैसी हर्बल चाय शामिल करें। ये आपके पाचन तंत्र को आराम देती हैं और ब्लोटिंग तथा गैस की समस्याओं को कम करने में मदद करती हैं। साथ ही, पर्याप्त मात्रा में पानी पीना भी जरूरी है, क्योंकि यह अतिरिक्त सोडियम को बाहर निकालता है. बाजार के हर्बल टी का सेवन न करें.
स्ट्रेस प्रबंधन
आपको शायद पता नहीं होगा, लेकिन अत्यधिक तनाव भी समस्या का कारण बन सकता है.तनाव हार्मोनल असंतुलन को बढ़ाता है, जिससे ब्लोटिंग होती है.इसे प्रबंधित करने के लिए ध्यान, गहरी सांस लेना और जर्नल लिखना शुरू करें.
अमृता कुमारी – नेशन्स न्यूट्रिशन क्वालीफाईड डायटीशियन डायबिटीज एजुकेटर, अहमदाबाद