गर्मी के मौसम  के मीठे रसीले आम और उसके बाद आने वाला मानसून हर किसी को भाता है। लेकिन, यह सिर्फ राहत की बूंदें ही नहीं, बल्कि कुछ स्वास्थ्य चुनौतियां भी लेकर आता है। इन्हीं में से एक है पैरों में होने वाला फंगल इन्फेक्शन, जिसे आमतौर पर ‘फुट फंगस’ के नाम से जाना जाता है।

पसीने और लगातार बनी रहने वाली नमी के कारण यह समस्या तेजी से पनपती है और कई लोगों के लिए परेशानी का सबब बन जाती है।

 

कई बार यह सिर्फ मामूली खुजली नहीं, बल्कि जलन, त्वचा का फटना, लालिमा और असहनीय बदबू का कारण बन सकती है। खासकर ‘एथलीट फुट’ (पैर की उंगलियों के बीच का इन्फेक्शन) और ‘टोनेल फंगस’ (नाखूनों का इन्फेक्शन) जैसी बीमारियां इस मौसम में बहुत आम हो जाते हैं। त्वचा विशेषज्ञों का कहना है कि यह संक्रामक भी हो सकता है। अच्छी बात यह है कि सही देखभाल और थोड़ी सी सावधानी से इस समस्या से बचा जा सकता है।आइए जानते हैं फुट फंगस से बचने के उपाय!

 

पैरों को रखें साफ और सूखा 

 

गर्मी में पसीने के कारण पैर नम रहते हैं, जो फंगस के लिए आदर्श वातावरण बनाता है। रोजाना पैरों को एंटी-बैक्टीरियल साबुन से धोएं, खासकर उंगलियों के बीच। टिप धोने के बाद तौलिए से अच्छी तरह सुखाएं। नहाने के बाद पैरों को हेयर ड्रायर के ठंडे मोड से सुखाना भी प्रभावी है। साफ मोजे पहनें और रोजाना बदलें।

 

हवादार जूते और मोजे चुनें

टाइट या प्लास्टिक के जूते पैरों में हवा को रोकते हैं, जिससे नमी बढ़ती है और फंगस पनपता है। चमड़े या मेश वाले वेंटिलेटेड जूते पहनें। सूती या नमी सोखने वाले मोजे चुनें। गर्मी में बंद जूतों की जगह सैंडल या ओपन-टो जूते बेहतर हैं। जूतों को धूप में सुखाएं और डीओडरेंट पाउडर का इस्तेमाल करें।

 

एंटी-फंगल प्रोडक्ट्स के इस्तेमाल से मिलेगी राहत

फुट फंगस से बचाव के लिए एंटी-फंगल पाउडर या क्रीम का इस्तेमाल करें, खासकर यदि आप जिम, स्विमिंग पूल या सार्वजनिक शावर का उपयोग करते हैं। रात को पैर धोने के बाद एंटी-फंगल क्रीम लगाएं। नीम का तेल या टी ट्री ऑयल भी प्राकृतिक रूप से फंगस को रोकने में मदद करते हैं।

 

साझा चीजों के इस्तेमाल से बचें

 

सार्वजनिक स्थानों पर नंगे पैर चलने से फंगस का जोखिम बढ़ता है। दूसरों के जूते, मोजे या तौलिए का इस्तेमाल न करें। स्विमिंग पूल या जिम में चप्पल पहनें। नाखूनों को छोटा और साफ रखें, क्योंकि लंबे नाखूनों में फंगस आसानी से पनप सकता है। नेल कटर को भी नियमित रूप से साफ करें।

इसके बाद भी यदि पैर में खुजली या लालिमा हो, तो तुरंत त्वचा विशेषज्ञ की सलाह लें।

अमृता कुमारी – नेशन्स न्यूट्रिशन                            क्वालीफाईड डायटीशियन                                    डायबिटीज एजुकेटर, अहमदाबाद

By AMRITA

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