जामुन एक मौसमी फल है जो हर साल गर्मी के मौसम में फलता है. इस फल के कई औषधीय गुण हैं, डायबिटीज, ब्लड प्रेशर और वजन को संतुलित करने के साथ-साथ इसके और भी कई स्वास्थ्य लाभ हैं . लेकिन इसे सही तरीके से और सही मात्रा में खाना बहुत ज्यादा जरूरी है वरना इसके नुकसान भी हो सकते हैं.
बहुत सारे लोग इसे खाने का सही तरीका नहीं जानते हैं, जिस वजह से उनको इसका पूरा लाभ नहीं मिल पाता है. उल्टा उन्हें नुकसान उठाना पड़ता है. हाजमा खराब हो जाती है, पेट में जलन शुरू हो जाता है, डकार और बदहजमी होती है और भी कई समस्याएं होने लगती हैं.आइए जानते हैं जामुन खाने का वैज्ञानिक और पारंपरिक तरीका क्या है.
खाली पेट खाना हाजमा बिगाड़ सकता है
सुबह-सुबह खाली पेट जामुन खाना नुकसानदेह हो सकता है. इसमें मौजूद टैनिक एसिड और ऑक्सालिक एसिड पेट में गैस, एसिडिटी या जलन पैदा कर सकते हैं. बेहतर होगा कि आप जामुन को नाश्ते के बाद या दोपहर के भोजन के कुछ घंटे बाद खाएं.
नमक या काला नमक डालकर खाना फायदेमंद
जामुन में प्राकृतिक रूप से कुछ कसैलापन (अस्ट्रिंजेंसी) होता है, जो कुछ लोगों को पसंद नहीं आता. इसे दूर करने और पाचन में सहायक बनाने के लिए जामुन पर थोड़ा सा काला नमक या सेंधा नमक डालकर खाना फायदेमंद होता है. यह स्वाद बढ़ाने के साथ ही गैस और अपच की समस्या से भी बचाता है. जिन लोगों को उच्च रक्तचाप की समस्या है वह नमक का इस्तेमाल न करें साथ ही किडनी से संबंधित रोगी भी नमक का इस्तेमाल न करें.
धोकर, बीज निकालकर खाएं
जामुन के बीज सख्त होते हैं और इन्हें सीधे निगलना हानिकारक हो सकता है. जामुन को अच्छी तरह चबाकर बीज को अलग करें. हालांकि, जामुन के बीज भी औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं. अगर इसे सुखाकर पीस लें तो इससे डायबिटीज कंट्रोल करने में मदद मिल सकती है.
अधिक मात्रा में न खाएं
जामुन का अत्यधिक सेवन करने से शरीर में “कूलिंग इफेक्ट” ज्यादा हो सकता है, जिससे गले में खराश या बलगम बनने की शिकायत हो सकती है. एक दिन में 100-150 ग्राम (लगभग एक छोटी कटोरी) जामुन लोगों के लिए पर्याप्त होता है.
दूध या अन्य डेयरी उत्पादों के साथ न खाएं
जामुन के साथ तुरंत दूध या अन्य डेयरी उत्पादों का सेवन करने से पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं. क्योंकि दोनों की प्रकृति भिन्न होती है, और इसका एक साथ सेवन से पेट में गैस, ऐंठन या दस्त की शिकायत हो सकती है.
बच्चों को सावधानी से दें
बच्चों को जामुन देते समय यह सुनिश्चित करें कि वे इसके बीज को न निगलें, क्योंकि इससे गले में फंसने या पेट की समस्या हो सकती है. छोटे बच्चों को जामुन की प्यूरी बनाकर दी जा सकती है.
हल्दी और जामुन साथ न खाएं
अगर आपने ऐसा खाना खाया है जिसमें हल्दी डली हो, तो उसके तुरंत बाद जामुन बिल्कुल न खाएं. हल्दी और जामुन एक साथ खाने से शरीर पर उल्टा असर हो सकता है. इससे पेट में जलन हो सकती है. इसलिए हल्दी वाला खाना खाने के कम से कम 30 मिनट बाद ही जामुन खाएं.
जामुन के साथ अचार न खाएं
बहुत से लोग खाने के साथ अचार खाना पसंद करते हैं, लेकिन जामुन के साथ ऐसा करना सेहत के लिए ठीक नहीं है. अगर आप जामुन के साथ या उसके तुरंत बाद अचार खाते हैं, तो इससे पेट खराब हो सकता है. पेट में गैस, जलन या अपच जैसी समस्याएं हो सकती हैं. इसलिए जामुन खाते समय अचार से परहेज करें.
अमृता कुमारी – नेशन्स न्यूट्रिशन क्वालिफाइड डाइटिशियन डायबिटीज एजुकेटर, अहमदाबाद