प्रियंवदा दीक्षित, फूड फॉर हील                       (क्वालीफाईड डायटीशियन आगरा) 

आजकल काफी तरह के डाइट ट्रेंड्स प्रसिद्धि पा रहे हैं और उन्हीं में से एक है माइंड फुल ईटिंग। मेडिटेशन को शामिल करते हुए डाइट करने को माइंड फुल ईटिंग कहा जाता है। इस ईटिंग स्टाइल को शरीर के लिए काफी लाभदायक माना जाता है। माइंड फुल का मतलब होता है दिमागी अवस्था के बारे में जागरूक रहना। यह विशेष डाइट ईटिंग डिसऑर्डर, डिप्रेशन और एंजाइटी जैसी समस्याओं को ठीक करने में बहुत लाभदायक मानी जाती है। अब तो आप भी जानना चाहते होंगे कि ये डाइट कैसे काम करती है। तो आपको बता दें कि व्यक्ति अपने शरीर के साथ संवाद करके और ताल मेल बैठाने के बाद ही कोई चीज खाता है। इसमें आपके अटेंशन की जरूरत होती है और आपकी भावनाओं को भी शामिल करना जरूरी होता है। जिससे यह पता चल सके कि शरीर और दिमाग को किस चीज की जरूरत है।

माइंड फुल ईटिंग में शामिल स्टेप्स

धीरे-धीरे और चबा-चबा कर खाना।

खाना खाते समय किसी और चीज जैसे इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स में शामिल न होना। जिससे डिस्ट्रैक्शन न हो ।

खाना खाते समय खाने की सुगंध, खाने की आवाज , रंग , टेक्सचर आदि के बारे में महसूस करना।

अपनी मानसिक और शारीरिक सेहत के हिसाब से खाना खाना, जिससे एक बैलेंस बनाने में सफल हो सकें।

यह समझ लें कि किस तरह की चीज आपके शरीर और मूड को किस तरह प्रभावित करती है।

अपने खाने के प्रति बहुत आभारी रहना।

खाने के समय एंजाइटी और इस तरह के मेंटल डिसऑर्डर को काबू में करने की कोशिश करना।

मानसिक सेहत में लाभदायक

इस डाइट का मुख्य उद्देश खाने के साथ एक बेहतरीन रिश्ता बनाना है। अगर आप सेहत के लिए अच्छा खाने की कोशिश करते हैं, तो मूड भी अच्छा रहेगा और मानसिक सेहत भी अच्छी रहेगी। इसलिए डिप्रेशन और एंग्जाइटी आदि से मुक्ति पाने के लिए भी इस डाइट को ट्राई किया जा सकता है।

बॉडी माइंड कम्युनिकेशन बढ़ेगा

माइंड फुल ईटिंग का सबसे बड़ा लाभ यह है कि यह आपकी शारीरिक जरूरतों के हिसाब से ही खाना खाने को प्रेरित करती है। इससे आपके दिमाग और आपके शरीर के बीच सही ताल मेल बैठता है। इससे पूरी सेहत में सुधार देखने को मिलता है।

ओवर ऑल सेहत को बेहतर बनाना

अगर हम अपने दिमाग और शरीर की सुन कर केवल उनकी जरूरतें पूरा करने के लिए खाते हैं, तो इससे हमारी सेहत पर भी बहुत अच्छा असर पड़ सकता है। इससे आपको कुछ भी इधर उधर का खाने का पछतावा महसूस नहीं होगा और दिल की सेहत भी बढ़िया बनेगी, जिस कारण अच्छे हार्मोन्स शरीर में रिलीज होंगे।

 

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