शक्कर या चीनी को मोटापे और डायबिटीज जैसी बीमारियों के साथ जोड़कर देखा जाता है। इसीलिए, जैसे ही लोग हेल्दी इटिंग की योजना बनाते हैं वैसे ही शक्कर खाना बंद कर देते हैं। हालांकि, जिन लोगों को चीनी वाली चाय-कॉफी पीने की आदत होती है उनके लिए अचानक से पूरी तरह से शक्कर छोड़ पाना आसान नहीं होता। ऐसे में उन लोगों को रिफाइंड शुगर की जगह ब्राउन शुगर का सेवन करने की सलाह भी दी जाती है।

क्या ब्राउन शुगर है रिफाइंड शुगर से बेहतर ?

किसी भी तरह की शक्कर का सेवन अधिक मात्रा में नहीं करना चाहिए। हालांकि, रिफाइंड शक्कर की तुलना में गुड़ और ब्राउन शुगर का सेवन कुछ लोगों के लिए बेहतर माना जाता है। शरीर के लिए एक सीमित मात्रा में शक्कर का सेवन भी जरूरी माना जाता है। लेकिन, अगर आप बहुत अधिक मात्रा में शक्कर का सेवन करते हैं तो इससे आपकी हेल्थ बुरी तरह से प्रभावित हो सकती है। शक्कर एक प्रकार का कार्बोहाइड्रेट है जो फलों और अनाजों में भी पाया जाता है। इससे शरीर को शक्ति मिलती है। वहीं, जब शक्कर को रिफाइंड किया जाता है तो इसमें से पोषक तत्व कम हो जाते हैं। इससे रिफाइंड शुगरया सफेद शक्कर में अनहेल्दी कैलोरी की मात्रा बढ़ जाती है।

वहीं ब्राउन शुगर या नेचुरल शुगर वाली चीजों में पायी जानी वाली मिठास उतनी नुकसानदायक नहीं मानी जाती जितना कि सफेद शक्कर से नुकसान होने का डर होता है।

मोटापा बढ़ा सकती है सफेद शक्कर

हालांकि, दोनों तरह की शक्कर में कैलोरी होती है और अगर आप कसरत नहीं करते हैं या बहुत अधिक सुस्त रहते हैं तो आपके लिए किसी भी तरह की चीनी का सेवन नुकसानदायक साबित हो सकता है। इससे मोटापा बढ़ सकता है। चीनी से मिलने वाली कैलोरी धीरे-धीरे शरीर में फैट के तौर पर जमा होने लगता है और इससे शरीर का वजन बढ़ने लगता है।

सफेद शक्कर खाने के नुकसान

ब्राउन शुगर या नेचुरल शुगर की तुलना में धीमी गति से पचती है। इसीलिए, जब आप ब्राउन शुगर का सेवन करते हैं तो इससे आपके शरीर पर धीरे-धीरे प्रभाव दिखायी देता है। वहीं, जब आप सफेद शक्कर का सेवन करते हैं तो यह तुरंत डाइजेस्ट हो जाता है। इससे ब्लड में शुगर का लेवल भी बढ़ने लगता है।

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