दिव्या सिंह (वेलनेस कोच एवं रेकी हीलर, पटना) 

लाफ्टर थेरेपी एक खास प्रकार की चिकित्सा है, जिसमें दर्द और तनाव को दूर करने और किसी व्यक्ति के वेल-बीइंग में सुधार करने के लिए ह्यूमर का उपयोग किया जाता है। इसका उपयोग मेंटल स्ट्रेस (mental stress) के साथ-साथ कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से निपटने में मदद करने के लिए भी किया जा सकता है। इस थेरेपी में लाफ्टर एक्सरसाइज (laughter exercise), कॉमेडी फिल्में, किताबें, खेल और पहेलियां शामिल हो सकती हैं। इसे ह्यूमर थेरेपी (humor therapy) भी कहा जाता है।

कैसे काम करती है लाफ्टर थेरेपी?

लाफ्टर एक पॉजिटिव सेंसेशन है, जो तनाव को दूर करने का उपयोगी और स्वस्थ तरीका है। लाफ्टर थेरेपी एक तरह का कॉग्निटिव-बिहेवियरल ट्रीटमेंट (cognitive behavioral treatment) है, जो फिजिकल, साइकोलॉजिकल और सोशल रिलेशनशिप को हेल्दी बना सकता है। एक गैर-औषधीय, वैकल्पिक उपचार के रूप में लाफ्टर थेरेपी मानसिक स्वास्थ्य (mental health) पर सकारात्मक प्रभाव डालती है। इससे तनाव का प्रभाव कम हो सकता है।

लाफ्टर से कोर्टिसोल, एपिनेफ्रीन (Epinephrine), ग्रोथ हार्मोन और 3,4-डायहाइड्रॉफिनाइलैसिटिक एसिड (एक प्रमुख डोपामाइन कैटाबाइट) का सीरम लेवल कम हो जाता है, जो स्ट्रेस रिस्पॉन्स को रिवर्स कर देता है। जैसा  कि डिप्रेशन एक मानसिक बीमारी है, जहां मस्तिष्क में न्यूरोट्रांसमीटर, जैसे कि नॉरपेनेफ्रिन, डोपामाइन और सेरोटोनिन कम हो जाते हैं और मस्तिष्क के मूड कंट्रोल सर्किट में कुछ गड़बड़ी हो जाती है। ऐसे में लाफ्टर थेरेपी डोपामाइन और सेरोटोनिन एक्टिविटी को बदल सकती है। इसके अलावा, हंसने से एंडोर्फिन हॉर्मोन रिलीज होता है जो मनोदशा को ठीक करने में मदद कर सकता है।

लाफ्टर थेरेपी करने का तरीका

लाफ्टर थेरेपी की शुरुआत धीरे-धीरे हंसी से की जाती है। फिर व्यक्ति को हा… हा… हा… तेज-तेज बोलने के लिए कहा जाता है। ये प्रक्रिया अकेले नहीं बल्कि ग्रुप में की जाती है। इस प्रक्रिया के दौरान एक-दूसरे को देखकर हंसना शुरू कर देते हैं। इस थेरेपी में किसी टूल की मदद से भी हंसी दिलाई जाती है।

लाफ्टर थेरेपी के फायदे:

1.रोज लाफ्टर  थेरेपी करने से व्यक्ति डिप्रेशन से दूर रहता है। साथ ही उसके सिर दर्द में राहत मिलती है।

2 – जो लोग नियमित रूप से थेरेपी या योग करते हैं उनकी डायबिटीज भी कंट्रोल रहती है।

3 – रोज हंसने से हमारे मस्तिष्क को ऑक्सीजन पर्याप्त मात्रा में मिलता है, जिससे शरीर में नई ऊर्जा बनी रहती है और व्यक्ति उत्साह महसूस करता है।

4 – जो व्यक्ति हंसता है तो उसके तनाव बढ़ाने वाले हार्मोन यानी कार्टिसोल का स्तर घटने लगता है।

5.नकारात्मक भाव जैसे द्वेष, ईर्ष्या, घृणा आदि को दूर करने के साथ-साथ लाफ्टर थेरेपी व्यक्ति में आशावाद और सकारात्मक विचारों को पैदा करती है।

किसे नहीं करना चाहिए लाफ्टर थेरेपी ?

1 – गर्भवती महिलाओं को लाफ्टर योग एक्सपर्ट की सलाह पर करना चाहिए।

2 – जिन लोगों कि 6 महीने के अंदर किसी भी प्रकार की सर्जरी हुई है वे इस योग या थेरेपी को न करें।

3 – यदि आप किसी गंभीर बीमारी से ग्रस्त हैं तब भी योग और थेरेपी को करने से पहले एक बार एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।

लाफ्टर थेरेपी मन मस्तिष्क को चुस्त दुरुस्त करने का एक असरदार व्यायाम है ,जो जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती है ,सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह जीवन को सुखमय बनाने में मददगार होता है ,यह ना सिर्फ आपको ऊर्जावान अपितु मासपेशियों में भी खीचाव पैदा कर उसे भी चुस्त करने की क्रिया है ,अतः दिन में कुछ समय निकालकर इसकी प्रैक्टिस जरूर करें ।

By AMRITA

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