प्रदूषित वातावरण, मिलावटी खाद्य पदार्थ और अव्यवस्थित जीवनशैली इन सब ने हमारे स्वास्थ्य पर इतना बुरा प्रभाव डाला है कि हमारी इम्यूनिटी बहुत कमजोर हो चुकी है। ऐसे में हमारे शरीर का और हमारे शरीर के अंगों का खास ख्याल रखना हमारी प्रमुख प्राथमिकता बनती है। सांस लेना हमारे जीवन के लिए सबसे महत्वपूर्ण तथ्य है। सांसो का रुकना यानी जीवन खत्म हो जाना। ऑक्सीजन हमारे सासों के लिए सबसे कीमती चीज है और यह सांस हम अपने फेफड़ों में भरते हैं इसलिए हमारे फेफड़ों का ध्यान रखना भी हमारे लिए बेहद जरूरी है।

लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि अगर हमारे फेफड़ों में कोई समस्या हो तो उसका असर हमारी सेहत पर किस तरह पड़ता है? फेफड़ों से जुड़ी बीमारियों के शुरुआती लक्षण अक्सर हमारे लिए अदृश्य होते हैं?

प्रमुख लक्षण

1. लगातार खांसी आना

खांसी एक सामान्य समस्या हो सकती है, लेकिन अगर यह खांसी लगातार बनी रहे और 2-3 हफ्तों से ज्यादा समय तक न जाए तो यह लंग्स की बीमारी का संकेत हो सकता है। खासकर अगर खांसी के साथ बलगम का आना और खून का आना भी हो, तो यह लंग्स की गंभीर समस्या का इशारा हो सकता है।

2. सांस लेने में दिक्कत

सांस लेने में तकलीफ, गहरी सांस लेने में कठिनाई, या श्वास में आवाज़ आना जैसे लक्षण लंग्स की बीमारी का एक संकेत हो सकते हैं। यह अक्सर तब होता है जब लंग्स में सूजन होती है या उनमें कोई रुकावट आ जाती है। अगर आपको बिना किसी वजह के सांस लेने में दिक्कत महसूस हो रही हो तो इसे नज़रअंदाज न करें।

3. सीने में दर्द और दबाव

अगर आपको सीने में दर्द महसूस हो, खासकर सांस लेने या खांसी के दौरान तो यह लंग्स से जुड़ी किसी बीमारी का संकेत हो सकता है। यह दर्द हल्का हो सकता है या फिर ज्यादा तेज भी हो सकता है। कभी-कभी यह दर्द आपकी छाती में दबाव की तरह महसूस हो सकता है, जो कि लंग्स या ह्रदय दोनों से संबंधित समस्या का लक्षण हो सकता है।

4. थकान और कमजोरी

लंग्स में किसी तरह की समस्या होने पर शरीर में पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाती, जिससे आपको जल्दी थकान महसूस होती है। दिनभर में कोई भी हल्का काम करने पर भी अगर आपको थकावट महसूस हो तो यह लंग्स की बीमारी का एक महत्वपूर्ण संकेत हो सकता है।

5. नाखूनों और होंठों का नीला पड़ना

अगर आपके होंठ या नाखूनों का रंग अचानक नीला पड़ जाए, तो यह ऑक्सीजन की कमी का संकेत है। जब आपके लंग्स ठीक से काम नहीं कर रहे होते, तो शरीर में ऑक्सीजन की आपूर्ति कम हो जाती है, जिससे शरीर के इन हिस्सों का रंग बदल सकता है।

6. वजन में बिना कारण कमी आना

लंग्स की गंभीर बीमारियों, जैसे कैंसर या क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) में वजन कम होने की समस्या सामने आती है। अगर बिना किसी प्रयास के आपका वजन लगातार घट रहा है, तो यह एक चेतावनी हो सकती है कि आपके लंग्स में कुछ गड़बड़ हो सकती है।

 

प्रमुख कारण

लंग्स की बीमारियां कई कारणों से हो सकती हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख कारण हैं:

 

1. धूम्रपान

धूम्रपान लंग्स की बीमारियों का सबसे बड़ा कारण है। यह फेफड़ों को नुकसान पहुंचाता है और उनमें सूजन, संक्रमण और यहां तक कि कैंसर का खतरा भी बढ़ा सकता है।

 

2. वायु प्रदूषण

हमारे आस-पास की वायु गुणवत्ता भी लंग्स की सेहत पर असर डाल सकती है। अगर आप लगातार प्रदूषित हवा में रहते हैं, तो यह आपके फेफड़ों के लिए खतरे का कारण बन सकता है।

 

3. वंशानुगत कारण

कुछ लंग्स की बीमारियां जीन में होती हैं और अगर आपके परिवार में किसी को लंग्स की समस्या रही है, तो आपको भी इसका खतरा हो सकता है।

 

4. वायरल या बैक्टीरियल संक्रमण

कभी-कभी फेफड़ों में वायरस या बैक्टीरिया का संक्रमण भी लंग्स की बीमारियों का कारण बन सकता है। इस स्थिति में आपको खांसी, बुखार और सांस में तकलीफ हो सकती है।

 

लंग्स की बीमारियों से बचाव के उपाय

1. धूम्रपान से बचें

धूम्रपान छोड़ने से आपके लंग्स की सेहत में सुधार हो सकता है। यह सबसे अच्छा तरीका है लंग्स को स्वस्थ रखने का।

 

2. स्वस्थ आहार लें

स्वस्थ आहार और पोषण आपके शरीर और लंग्स दोनों के लिए लाभकारी होते हैं। फल, सब्जियां, और हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन करें।

 

3. वायु प्रदूषण से बचें

अगर आप प्रदूषित इलाके में रहते हैं तो मास्क का इस्तेमाल करें। घर में भी वायु शुद्धि उपकरणों का उपयोग करें।

 

4. नियमित व्यायाम करें

व्यायाम से आपके फेफड़ों की क्षमता में वृद्धि होती है। यह आपके शरीर को अधिक ऑक्सीजन प्रदान करता है और लंग्स को स्वस्थ रखने में मदद करता है।

 

5. समय पर चेकअप कराएं

लंग्स की बीमारियों का इलाज जल्द शुरू करना बहुत जरूरी है। अगर आपको कोई भी लक्षण महसूस हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

अमृता कुमारी – नेशन्स न्यूट्रिशन                          क्वालीफाईड डायटीशियन/डायबिटीज एडुकेटर अहमदाबाद

By AMRITA

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