एंग्जाइटी एक ऐसी परेशानी है, जो अगर लंबे समय तक किसी व्यक्ति को हो जाए, तो गंभीर बीमारियों का कारण बन सकती है। यूं तो एंग्जाइटी को खत्म करने के कई तरीके हैं, लेकिन आयुर्वेद और योग में इसका प्राकृतिक समाधान बताया गया है, जिसमें प्राणायाम सबसे खास है। रोजाना सिर्फ 30 मिनट प्राणायाम का अभ्यास करके दिमाग की शांति को बनाए रखने, कार्यक्षमता को सुधारने और ध्यान केंद्रित करने में आसानी होती है। प्राणायाम एंजाइटी को भी कम करता है।

1. नाड़ी शोधन प्राणायाम

नाड़ी शोधन एक सांस लेने की तकनीक है। रोजाना नाड़ी शोधन करने से चिंता, एंग्जाइटी और मानसिक तनाव को कम करने में मदद मिलती है। नाड़ी शोधन को अनुलोम-विलोम प्राणायाम भी कहा जाता है। प्रतिदिन इसका अभ्यास करने से ऑक्सीजन का सही प्रवाह बढ़ाकर मानसिक स्पष्टता लाता है। यह मन को शांत रखता है और दिमाग से नेगेटिविटी को भी खत्म करता है।

नाड़ी-शोधन प्राणायाम करने की विधि

इसे करने के लिए सबसे पहले योगा मैट बिछाकर सुखासन या पद्मासन में बैठ जाएं।

इसके बाद दाएं हाथ के अंगूठे से दाईं नाक को बंद करें और बाईं नाक से सांस लें।

फिर बाईं नाक को बंद करके, दाईं नाक से सांस को छोड़ने की कोशिश करें।

इस प्रक्रिया को 20 से 25 बार दोहराएं।

2. भ्रामरी प्राणायाम

एंग्जाइटी को कम करने में भ्रामरी प्राणायाम बहुत प्रभावी माना जाता है। यह प्राणायाम दिमाग को शांत करके, तंत्रिका तंत्र को संतुलित करने में मदद करता है। प्रतिदिन सिर्फ 10 से 15 मिनट भ्रामरी प्राणायाम करने से शारीरिक तनाव और मानसिक चिंता दूर होती है। योग गुरु का कहना है कि भ्रामरी प्राणायाम में जब आप गहरी सांस लेकर “हम्म्म्म” की ध्वनि निकालते हैं, तो यह कंपन दिमाग को शांत और मन को स्थिर करता है।

भ्रामरी प्राणायाम करने की विधि

इसे करने के लिए सबसे पहले आरामदायक मुद्रा में बैठें और आंखों को धीरे से बंद करें।

अब दोनों हाथों की तर्जनी उंगलियों को कानों पर रखें। इस दौरान आपको आंखों को बंद रखना होगा।

इसके बाद गहरी सांस लें और “हम्म्म्म” की ध्वनि निकालते हुए सांस को धीरे-धीरे छोड़ने की कोशिश करें।

एंग्जाइटी को कम करने के लिए इस प्रक्रिया को 10 से 12 बार दोहराएं।

3. उज्जायी प्राणायाम

उज्जायी प्राणायाम चिंता और तनाव को कम करने में लाभकारी माना जाता है। रोजाना सुबह करने से मानसिक शांति मिलती है, जिससे एंग्जाइटी कम होती है। इस प्राणयाम को करते समय गले में हल्का संकुचन होता है, जिससे सांस लेते समय एक हल्की आवाज निकलती है। जिससे चिंता और मानसिक विकारों से राहत मिलती है। एंग्जाइटी के कारण जिन लोगों को अनिद्रा की समस्या होती है, उज्जायी प्राणायाम उनके लिए भी बहुत फायदेमंद है।

उज्जायी प्राणायाम करने की विधि 

योगा मैट को बिछाकर आरामदायक पोजीशन में बैठ जाएं।

गहरी सांस लें और गले में हल्का संकुचन उत्पन्न करें जिससे सांस लेते वक्त हल्की सी आवाज आए।

अब सांस को धीरे-धीरे छोड़ने की कोशिश करें।

इस प्रक्रिया को 10 से 15 बार दोहराने की कोशिश करें।

अमृता कुमारी – नेशन्स न्यूट्रिशन                        (क्वालीफाईड डायटीशियन/ एडुकेटर, अहमदाबाद) 

 

By AMRITA

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