डॉ. विनोद कश्यप ( जीवनदायिनी मेडिकल, गोरखपुर)
मोतियाबिंद, या कैटरेक्ट, एक आँख की बीमारी है जिसमें आँख के लेंस में धुंदलापन या अंधेरा हो जाता है। इसमें आँख का लेंस धुंधला, ओपेक, या क्लाउडेड हो जाता है, जिसकी वजह से रोशनी सही तरह से रेटिना तक नहीं पहुंच पाती। इसका इलाज सर्जरी के जरिए होता है, जिसमें प्रभावित लेंस को बदला जाता है।
मोतियाबिंद (Cataract) की सर्जरी के विभिन्न प्रकार हैं:
1. **फैकोइम्यूल्सीफिकेशन (Phacoemulsification):** यह सबसे सामान्य तकनीक है, जिसमें धुंधला लेंस एक छोटी मशीन के साथ तोड़ा जाता है और फिर निकाला जाता है।
2. **एक्सट्राकैप्सुलर कैटरैक्ट एक्सट्रैक्शन (ECCE):** इस तकनीक में, पूरा धुंधला लेंस बाह्य सक्रिय सुर्जरी के द्वारा निकाला जाता है।
3. **मूत्रा इंफुजन (Intraocular Lens Implantation):** सर्जरी के दौरान, एक नया लेंस प्रदान किया जा सकता है, जिससे धुंधले लेंस की जगह होती है।
4. **फेक्टो ट्रेंडी (Femto Trendy):** इसमें लेज़र का इस्तेमाल करके सर्जरी की जा सकती है, जिससे और अधिक सुक्ष्म तकनीक से काम किया जा सकता है।
इनमें से कौनसी तकनीक उपयुक्त है, यह व्यक्ति के रोग की गंभीरता और उनकी आवश्यकताओं पर निर्भर करती है। सबसे अच्छा है कि एक नेत्रशास्त्री से संपर्क करें ताकि उन्हें व्यक्तिगत सलाह मिल सके।