स्टेम सेल्स उन सेल्स को कहा जाता है, जो अन्य तरह के सेल्स में डेवेलप हो सकते हैं. उदाहरण के लिए यह मसल्स या ब्रेन सेल्स बन सकते हैं. लंबे समय तक इनएक्टिव रहने के बाद भी यह विभाजित हो कर खुद को रीन्यू कर सकते हैं. हाल के सालों में स्टेम सेल्स थेरेपी को कई कंडिशंस जैसे झुर्रियों से लेकर स्पाइनल रिपेयर तक में जादुई इलाज के रूप में जाना गया है. यही नहीं, स्टेम सेल ट्रीटमेंट्स हार्ट डिजीज, पर्किंसन’स डिजीज और मस्कुलर डिस्ट्रॉफी आदि में भी फायदेमंद माने गए हैं. स्टेम सेल रिसर्च साइंटिस्ट्स को यह समझने में मदद कर रही है कि एक सिंगल सेल्स से ऑर्गनिज्म कैसे डेवलप होते हैं और किस तरह से हेल्दी सेल्स उन सेल्स को रिप्लेस कर सकते हैं, जो सही से काम नहीं कर रहे हैं.
स्टेम सेल थेरेपी क्या है?
स्टेम सेल थेरेपी को रीजनरेटिक मेडिसिन भी कहा जाता है, जो स्टेम सेल और उनके डेरिवेटिव्स का इस्तेमाल करके बीमार, बेकार और इंजर्ड टिश्यू के रिपेयर रेस्पॉन्स को बढ़ावा देती है. स्टेम सेल्स को लैब में ग्रो करते हैं. यह स्टेम सेल्स खास प्रकार के सेल्स, जैसे हार्ट मसल्स सेल्स, ब्लड सेल्स और नर्व सेल्स आदि को रिप्लेस करने में सक्षम होते हैं. इन खास सेल्स को व्यक्ति में इम्प्लांट किया जा सकता है. एडल्ट बोन मेरो सेल्स हार्ट जैसे सेल्स बनने के लिए गाइडेड होते हैं, जो हार्ट टिश्यूज की मरम्मत कर सकते हैं.
स्टेम सेल थेरेपी के फायदे क्या हैं?
साइंटिस्ट्स को स्टेम सेल थेरेपी को रेगुलर मेडिकल प्रैक्टिस का पार्ट बनाने से पहले और अधिक शोध करने की आवश्यकता है. इसके कुछ फायदे इस प्रकार हैं:
-कार्डियोवैस्कुलर डिजीज के उपचार में.
-चोट या घावों को हील करने में मदद करने के लिए.
-न्यूरोडिजेनरेटिव डिजीज के ट्रीटमेंट में.
-ऑटोइम्यून डिजीज
-ऑर्थोपेडिक कंडिशंस
(प्रियंवदा दीक्षित – फूड फॉर हील) (क्वालीफाईड डायटीशियन, आगरा)