हमारा  शरीर एक बहुत ही नपी – तुली मापदंड पर आधारित है। रक्तचाप भी इसमें से एक है। हार्टबीट, पल्स रेट,सांसों के चलने की गति, बुखार का टेंपरेचर यह सब कुछ एक खास मापन पर आधारित है और यही मापन हमारे स्वस्थ रहने और अस्वस्थ होने की एक मानक सीमा तय करती है।

रक्तचाप (BP) का माप हमारे शरीर के स्वास्थ्य का महत्वपूर्ण संकेतक है। यह हृदय द्वारा रक्त को धमनियों में प्रवाहित करने की प्रक्रिया को दर्शाता है।

रक्तचाप की दो प्रमुख श्रेणियाँ होती हैं: सिस्टोलिक (जब हृदय धमनियों में रक्त पंप करता है) और डायस्टोलिक (जब हृदय आराम करता है और धमनियाँ रक्त से भरती हैं)।

स्वस्थ रक्तचाप का स्तर यह सुनिश्चित करता है कि शरीर को पर्याप्त ऑक्सीजन और पोषक तत्व मिल रहे हैं। हर उम्र के लोगों में इस गतिविधि की दर और प्रक्रिया अलग होती है। आइए जानते हैं उम्र के हिसाब से औसतन कितना होना चाहिए ब्लडप्रेशर।

1. 20-30 वर्ष की उम्र के लिए आदर्श बीपी

इस उम्र में शरीर सबसे ज्यादा सक्रिय और स्वस्थ होता है, और रक्तचाप आमतौर पर निचले स्तर पर रहता है। आदर्श रक्तचाप 120/80 मिमीएचजी के आसपास होता है। इस उम्र के लोग आमतौर पर शारीरिक रूप से स्वस्थ होते हैं और यदि कोई स्वास्थ्य समस्या नहीं है, तो उनका रक्तचाप सामान्य रूप से नियंत्रित रहता है।

*सिस्टोलिक (ऊपरी) बीपी: 90-120 मिमीएचजी       *डायस्टोलिक (निचला) बीपी: 60-80 मिमीएचजी

 

2. 30-40 वर्ष की उम्र के लिए आदर्श बीपी

यह समय जीवन के महत्वपूर्ण बदलावों का होता है। शरीर में मेटाबोलिज्म धीमा होने लगता है और बीपी थोड़ा बढ़ सकता है। हालांकि, आदर्श बीपी 120/80 मिमीएचजी के आसपास रहना चाहिए। इस उम्र में लाइफस्टाइल संबंधी आदतें, जैसे कि आहार और शारीरिक गतिविधि, बीपी पर प्रभाव डाल सकती हैं।

*सिस्टोलिक बीपी: 120-130 मिमीएचजी              *डायस्टोलिक बीपी: 80-85 मिमीएचजी

 

3. 40-50 वर्ष की उम्र के लिए आदर्श बीपी

इस उम्र में रक्तचाप में हल्का सा उतार-चढ़ाव देखा जा सकता है। कुछ लोगों का बीपी थोड़ी बढ़ी हुई सीमा तक पहुंच सकता है, लेकिन आदर्श बीपी 130/85 मिमीएचजी तक होना चाहिए। यहां पर लाइफस्टाइल और खानपान का ध्यान रखना जरूरी होता है क्योंकि शरीर में हार्मोनल बदलाव और स्ट्रेस की वजह से बीपी बढ़ सकता है।

*सिस्टोलिक बीपी: 130-140 मिमीएचजी          *डायस्टोलिक बीपी: 85-90 मिमीएचजी

 

4. 50-60 वर्ष की उम्र के लिए आदर्श बीपी

इस उम्र में, रक्तचाप में वृद्धि अधिक सामान्य हो जाती है। बीपी 130/85 मिमीएचजी से लेकर 140/90 मिमीएचजी तक हो सकता है। हाई ब्लड प्रेशर (हाइपरटेंशन) के जोखिम को कम करने के लिए, इस उम्र में शारीरिक गतिविधि, वजन कंट्रोल, और संतुलित आहार का पालन बहुत जरूरी हो जाता है।

*सिस्टोलिक बीपी: 130-145 मिमीएचजी          *डायस्टोलिक बीपी: 85-90 मिमीएचजी

 

5. 60 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लिए आदर्श बीपी

60 वर्ष और उससे अधिक आयु में रक्तचाप में वृद्धि स्वाभाविक हो सकती है क्योंकि रक्तवाहिनियों में लचीलापन कम होने लगता है। इस उम्र में, आदर्श बीपी को 140/90 मिमीएचजी तक माना जाता है। हालांकि, यदि बीपी इससे अधिक बढ़ता है तो यह दिल और गुर्दे की समस्याओं का कारण बन सकता है, इसलिए डॉक्टर की सलाह लेना बहुत महत्वपूर्ण है।

*सिस्टोलिक बीपी: 140-150 मिमीएचजी           *डायस्टोलिक बीपी: 90 मिमीएचजी तक

 

क्या होता है उच्च रक्तचाप (हाइपरटेंशन)?

उच्च रक्तचाप का मतलब है कि रक्तचाप सामान्य से अधिक हो गया है। यह दिल पर दबाव डालता है और इससे दिल की बीमारियाँ, स्ट्रोक, किडनी फेल्योर और अन्य स्वास्थ्य समस्याएँ हो सकती हैं। उच्च रक्तचाप का इलाज न किया जाए तो यह शरीर के अंगों को नुकसान पहुंचा सकता है।

 

क्या होता है निम्न रक्तचाप (हाइपोटेंशन)?

निम्न रक्तचाप तब होता है जब रक्तचाप 90/60 मिमीएचजी से कम हो जाता है। यह स्थिति शरीर के लिए खतरनाक हो सकती है और इससे चक्कर आना, थकान, और सिरदर्द हो सकता है। यदि किसी व्यक्ति को बार-बार निम्न रक्तचाप की समस्या हो, तो उसे डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।

अमृता कुमारी – नेशन्स न्यूट्रिशन                        (क्वालीफाईड डायटीशियन / एडुकेटर, अहमदाबाद)

By AMRITA

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