Yo Yo Test क्या होता है, यो-यो टेस्ट क्यों और कैसे होता है?
Yo Yo Test क्रिकेट के साथ-साथ दूसरे खेलों में भी इस्तेमाल होने वाला एक फिजिकल फिटनेस टेस्ट है, जिससे खिलाड़ियों की शारीरिक क्षमता और स्थायिता का अंदाजा लगता है। यो-यो टेस्ट के दौरान खिलाड़ियों को सरकुलर रनिंग करनी होती है। इसमें खिलाड़ियों को एक स्पेशल डिजाइन किए गए ट्रैक पर दौड़ना होता है, जिसमें एक मुख्य रनिंग लाइन और दो साइडलाइन होती हैं। यो-यो टेस्ट जैसे-जैसे आगे बढ़ता है उसकी कठिनाइयां बढ़ती जाती है। जैसे- लेवल 1, लेवल 2, लेवल 3 आदि। हर एक लेवल पर खिलाड़ियों को दिए गए तय समय पर दौड़ना होता है। बीप की आवाज के साथ खिलाड़ी साइडलाइन की ओर दौड़कर वापस आते हैं।
कैसे हुई इसकी शुरुआत?
डेनमार्क के फुटबॉल फिजियोलॉजिस्ट जेन्स बैंग्सबो को यो-यो टेस्ट का जनक माना जाता है। यह टेस्ट सबसे पहले फुटबॉल में लागू किया। इसके बाद धीरे-धीरे दूसरे खेलों में आया। क्रिकेट में सबसे पहले ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट बोर्ड ने इसे अपनाया। इस टेस्ट का मकसद ही यही है कि खिलाड़ियों की फिटनेस लेवल को खेल के मुताबिक शानदार बनाए रखा जाए ताकि फिटनेस और गेम का स्तर कभी कम न हो।
(प्रियंवदा दीक्षित – फूड फॉर हील) (क्वालीफाईड डायटीशियन, आगरा)