आपके सिर में बार-बार फुंसी निकल रही है और लंबे समय तक बनी हुई है तो इसे नजरअंदाज नहीं करें. क्योंकि यह एक बड़ी बीमारी का संकेत हो सकती हैं. यह सिर्फ स्किन प्रॉब्लम ही नहीं, बल्कि गंभीर बीमारी सोरोसिस का संकेत भी हो सकती है.

सोरोसिस में लिवर धीरे-धीरे खराब होने लगता है और शरीर से गंदगी (टॉक्सिन) सही से बाहर नहीं निकल पाती. जब शरीर के अंदर ज्यादा टॉक्सिन जमा होने लगते हैं, तो उनका असर त्वचा पर भी दिखने लगता है, जिसमें सिर की फुंसी भी शामिल हो सकती है.

सिर में बार-बार फुंसी कई गंभीर बीमारियों के लक्षण भी हो सकते हैं, इसमें सोरायसिस का खतरा अधिक हो जाता है. इस बीमारी  में त्वचा और सिर पर लाल धब्बे और फुंसी होती है.अगर बार बार फुंसी निकल रही है और इलाज कराने पर भी सुधार नहीं हो पा रहा है तो यह गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है. इसके अलावा कई बार बालों में डैंड्रफ और गंदगी के कारण भी सिर में फुंसी निकल सकती है.

सिर में फुंसी होने के कारण

सिर में फुंसी होना और ठीक नहीं होना यह गंभीर लक्षण हो सकते हैं. इसमें हार्मोनल बदलाव, आयली स्किन, बैक्टीरियल इंफेक्शन समेत कई अन्य वजहों से सिर में फुंसी आ सकती हैं.

  • ऑयली स्किन- सिर में ज्यादा तेल जमा होने से रोमछिद्र बंद हो जाते हैं, जिससे फुंसी हो सकती है.
  • गंदगी और पसीना- सिर ठीक से साफ न करने पर बैक्टीरिया पनपने लगते हैं, जिससे इंफेक्शन हो सकता है.
  • हार्मोनल बदलाव- शरीर में हार्मोन का असंतुलन भी फुंसी का कारण बन सकता है.
  • फंगल और बैक्टीरियल इंफेक्शन- कई बार स्कैल्प पर इंफेक्शन के कारण फुंसी निकल आती है.लेकिन अगर बार-बार फुंसी हो रही है और इसके साथ दूसरी दिक्कतें भी हो रही हैं, तो यह लिवर सिरोसिस का संकेत हो सकता है. सिरोसिस के दूसरे लक्षण भी हो सकते हैं. अगर आपके सिर में फुंसी के साथ हर समय थकान लग रही है तो यह सिरोसिस का संकेत हो सकता है. सिरोसिस होने पर लिवर अपना काम सही तरीके से नहीं कर पाता है.
  • आंखों और त्वचा का पीला पड़ जाना (पीलिया)
  • पेट में सूजन और दर्द रहना
  • भूख कम लगना और अचानक वजन गिरना
  • त्वचा पर खुजली और दाने निकलना

सिरोसिस और फुंसी

लिवर शरीर से गंदगी (टॉक्सिन) बाहर निकालने का काम करता है. जब लिवर कमजोर हो जाता है, तो ये टॉक्सिन शरीर में जमा होने लगते हैं। इसका असर हमारी त्वचा पर दिखता है और सिर में बार-बार फुंसी निकलने लगती है. सिरोसिस के मरीजों में यह समस्या ज्यादा देखने को मिलती है.

सही समय पर और संतुलित आहार के साथ साथ जरूरी दवाई आपकी मदद कर सकता है। पानी की अनुपातिक मात्रा और व्यायाम भी बेहद जरुरी है।

अमृता कुमारी – नेशन्स न्यूट्रीशन                          (क्वालीफाईड डायटीशियन/ एडुकेटर, अहमदाबाद) 

By AMRITA

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