पेशाब और उससे जुड़े रोगों के मामले इन दिनों बढ़ गए हैं। दरअसल, हमारा यूरिन शरीर से निकलने वाला ऐसा पदार्थ है, जो न सिर्फ टॉक्सिन्स को बाहर निकालता है बल्कि कई ऐसे संकेतों की ओर भी इशारा करता है, जो बीमारियों का लक्षण होते हैं।

पेशाब में झाग आना, रंग का बदलना डायबिटीज और डिहाइड्रेशन का संकेत होते हैं। मगर क्या आप जानते हैं? खांसते समय पेशाब निकलना भी गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है। पिछले साल की हेल्थ रिपोर्ट्स में भी इस बात की पुष्टि की गई है कि खांसते समय या फिर छींकते हुए पेशाब का लीक होना सामान्य समस्या नहीं है। आइए जानते हैं आखिर ऐसा क्यों होता है?

 

क्या कहते हैं एक्सपर्ट?

एक्सपर्ट की माने तो छींकते या खांसते हुए पेशाब का लीक होना गुप्त रोगों का संकेत हो सकता है। गर्भावस्था के बाद महिलाओं में यह समस्या ज्यादा होती है, क्योंकि डिलीवरी के बाद महिलाओं का वजाइनल एरिया ढीला हो जाता है, जिसके चलते उनमें यह समस्या होती है। कई बार बच्चेदानी के नीचे खिसकने के बाद भी ऐसा होता है। इसे मेडिकल भाषा में यूरिनरी इनकॉन्टिनेंस कहते हैं।

 

क्या होता है यूरिनरी इनकॉन्टिनेंस?

यूरिनरी इनकॉन्टिनेंस में पेशाब रोकने वाली मांसपेशियों में कमजोरी आ जाती है, जिस कारण हमारा ब्लैडर ज्यादा देर तक पेशाब को रोक नहीं पाता है। ऐसे में हंसने, जोर से छींकने या फिर खांसने पर ब्लैडर पर प्रेशर पड़ता है और पेशाब निकल जाता है।

किन बीमारियों का है खतरा? 

हालांकि, यह समस्या महिलाओं में ही नहीं बल्कि पुरुषों में भी कॉमन है। वैसे पुरुषों में इसके कारण अलग हो सकते हैं लेकिन समस्याएं सामान्य ही महसूस की जाती हैं। इससे दोनों को ही एक जैसी बीमारियां होती हैं।

कौन – कौन सी समस्या कर सकती है परेशान? 

कब्ज- अगर हमारा ब्लैडर एरिया की मांसपेशियां ज्यादा कमजोर हो जाती है, तो इससे कब्ज की समस्या बढ़ जाती है। ऐसे में खांसते हुए पेशाब लीक होता है।

डायबिटीज- शरीर में ब्लड शुगर लेवल हाई होने पर भी इंसान को खांसते समय पेशाब लीक हो जाता है। दरअसल, इन लोगों को पेशाब का प्रेशर कंट्रोल करने में परेशानी होती है।

डिप्रेशन-  जो लोग तनाव और डिप्रेशन में रहते हैं, उनमें भी यह समस्या आमतौर पर ज्यादा होती है।

बचाव के लिए क्या करें?

चाय-कॉफी से परहेज करें।

मसल्स को स्ट्रॉन्ग करने के लिए एक्सरसाइज करें।

नियमित योगाभ्यास जरूर करें।

यूरिन इन्फेक्शन से बचें।

दवाओं का सेवन भी कम से कम करें।

यदि समस्या ज्यादा है, तो मेडिकल हेल्प जरूर लें

अमृता कुमारी – नेशन्स न्यूट्रिशन                          (क्वालीफाईड डायटीशियन/ एडुकेटर, अहमदाबाद) 

By AMRITA

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