आज के समय में शहर में रहना मतलब सेहत को जोखिम में डालने के बराबर है. यहां रहने वाले लोग कई तरह के प्रदूषण से घिरे होते हैं. भीड़-भाड़ इतनी है कि खुली ताजी हवा तक लेना मुश्किल है.

कई इलाकों में हवा की गुणवत्ता सिर्फ खराब नहीं बल्कि जहरीली है.इसका सबसे बड़ा उदाहरण है दिल्ली, मुम्बई, गुजरात।

हालांकि ऐसे में खुली फ्रेश हवा मिल पाना मुश्किल है. लेकिन यदि आप दिन में सिर्फ 10 मिनट इसमें बैठते हैं, तो इससे आपकी सेहत काफी हद तक सुधर सकती है. क्योंकि जब पर्याप्त ताजी हवा नहीं मिलती है तो सिरदर्द, थकान और सांस लेने में समस्या होने लगती है. ऐसे में जरूरी है कि आप दिन का कुछ समय खुली हवा में बिताएं.

ऑक्सीजन का स्तर बढ़ाता है

जब आप ताजी हवा में बैठते हैं तो यह आपके शरीर में ऑक्सीजन के लेवल को बढ़ाता है जिससे मस्तिष्क बेहतर तरीके से कार्य कर पाता है. यह आपके दिमाग को सक्रिय, सतर्क और तरोताजा रहने में भी मदद करता है.

मूड बेहतर बनाता है

बाहर ताजी हवा में बैठकर समय बिताने से मूड अच्छा होता है और तनाव और चिंता की भावना से राहत मिलती है. ताजी हवा और सूरज की रोशनी आपके शरीर को एंडोर्फिन रिलीज करने में मदद करती है जो एक नेचुरल मूड बूस्टर है.

नींद की गुणवत्ता बढ़ाता है

ताजी हवा में नियमित रूप से बैठने से नींद से जुड़ी परेशानियां नहीं होती है. यह आपकी सर्कैडियन लय को संतुलित करके आपको जल्दी सोने और रात में अधिक आरामदायक नींद का आनंद लेने में भी मदद करता है.

प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देता है

जब आप ताजी हवा में बैठते हैं तो यह आपके शरीर को सूर्य के प्रकाश के संपर्क में आने पर विटामिन डी का उत्पादन करने में मदद करता है. विटामिन डी आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है और बीमारी और संक्रमण को खत्म करने में मदद करता है.

पाचन में सुधार करता है

ताजी हवा में बैठने से पाचन में मदद मिलती है, जिससे तनाव कम होता है और आराम मिलता है, जो आंत के स्वास्थ्य को प्रभावित करने के लिए जाना जाता है.

अमृता कुमारी – नेशन्स न्यूट्रिशन                          (क्वालीफाईड डायटीशियन / एडुकेटर, अहमदाबाद) 

By AMRITA

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