च्च रक्तचाप यानी कि (high blood pressure), जिसे हाइपरटेंशन (hypertension) भी कहा जाता है, यह आजकल एक बहुत ही आम स्वास्थ्य समस्या बन चुकी है। यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें इंसान के ब्लड के दबाव का लेवल नॉर्मल से ज्यादा होता है और जब इंसान के ब्लड के दबाव का लेवल ज्यादा होता है तो इंसान के हृदय, फेफड़ों, दिमाग और दूसरे अंगों के लिए परेशान करने वाली हालत बन जाती है। यह समस्या आमतौर पर कुछ ही लोगों के सामने आती है, लेकिन यह बढ़ती उम्र वाले इंसानों के लिए अधिक आम होती है।

उच्च रक्तचाप (High blood pressure) या (हाइपरटेंशन) एक ऐसी स्वास्थ्य समस्या (health problem) है, जो रक्त (Blood) के दबाव को बढ़ाती है। यह दिल, शरीर के अन्य भागों और खून के प्रवाह (flow) के दबाव को ज़्यादा बढ़ाती है।

स्वस्थ स्तर पर, शरीर के अंदर खून का दबाव 120/80 mmHg होता है। जब खून का दबाव इस स्तर से ज्यादा हो, तो आपको हाई ब्लड प्रेशर होता है।

ब्लड प्रेशर दो तरीकों से मापा जाता है, सिस्टोलिक प्रेशर (Systolic pressure) और डायस्टोलिक प्रेशर (diastolic pressure) | उच्च रक्तचाप को 130 एमएमएचजी या उससे अधिक के सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर रीडिंग या 80 एमएमएचजी या उससे अधिक के डायस्टोलिक ब्लड प्रेशर रीडिंग के रूप में किया गया है। उदाहरण के लिए, जब ब्लड प्रेशर 120/80 होता है, तो सिस्टोलिक प्रेशर 120 होता है और डायस्टोलिक प्रेशर 80 होता है।

उच्च रक्तचाप (high blood pressure) की साधारण श्रेणियां (categories) हैं –
सामान्य (Normal) – सिस्टोलिक रक्तचाप (Systolic blood pressure) 120-129 होता है और डायस्टोलिक रक्तचाप (diastolic blood pressure) 80-84 होता है।

संकेत (Indications) –

सिस्टोलिक रक्तचाप (Systolic blood pressure) 130-139 होता है और डायस्टोलिक रक्तचाप (diastolic blood pressure) 85-89 होता है।
उच्च (High) – सिस्टोलिक रक्तचाप (Systolic blood pressure) 140 से अधिक होता है और डायस्टोलिक रक्तचाप (diastolic blood pressure) 90 से अधिक होता है।

हाई बीपी के लक्षण

हाई ब्लड प्रेशर (high blood pressure) या हाई बीपी के लक्षण आमतौर पर अस्थायी होते हैं और ये एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में अलग होते हैं। हाई ब्लड प्रेशर की समस्या की शुरुआत होने से पहले कुछ लोगों को कोई लक्षण नहीं दिखाई देते हैं। हालांकि, कुछ लोगों को हाई ब्लड प्रेशर के आम लक्षण महसूस होने लगते हैं। यह लक्षण लंबे समय तक नहीं बने रहते हैं और जब तक व्यक्ति हाई ब्लड प्रेशर की वजह से गंभीर समस्याओं में नहीं होता है, तब तक यह लक्षण टेम्पररी होते हैं।

हर व्यक्ति में हाई ब्लड प्रेशर के संकेत अलग अलग होते हैं। इनमें से कुछ लक्षण हैं :

सिरदर्द (Headache)
धुंधली दृष्टि (blurred vision)
श्वास में तकलीफ (shortness of breath)
कुछ लोगों में हाई ब्लड प्रेशर के कम आम लक्षण होते हैं। जैसे:
नाक से खून बहना (nose bleeding)
सीने में दर्द (Chest pain)
कानों में घंटी बजना (Ringing in ears)
हाई ब्लड प्रेशर समस्या के कुछ और लक्षण भी होते हैं। जैसे:
खून से भरी उल्टी (bloody vomit)
नाक से अधिक बहता हुआ पानी (runny nose)
याददाश्त कमजोर होना (weak memory)
नींद नहीं आना (sleeplessness)
नाक से बहुत ज़्यादा खून बहना (severe nose bleeding)

उच्च रक्तचाप (high blood pressure) के कारण
आनुवंशिक अंग्रेजी में यह जानकारी “genetics” कहलाती है। उच्च रक्तचाप आपके परिवार में किसी को भी हो सकता है और आपको भी इसका खतरा होता है, यदि आपके परिवार में यह समस्या पहले से होती है।

वय (Aging) समय से जुड़ी एक दूसरी समस्या है। जब आप बड़े होते हैं, आपके रक्तचाप (blood pressure) में बढ़ोतरी होने के अधिक अवसर होते हैं।

निद्रा अपनिया (sleep apnea) इस समस्या में आपकी नींद के दौरान आपकी सांस रुक जाती है जिससे आपका रक्तचाप (blood pressure) बढ़ सकता है।

इसके अलावा, किडनी रोग भी उच्च रक्तचाप (high blood pressure) का कारण बन सकता है। किडनी रोग में आपकी किडनी अपने काम को ठीक से नहीं कर पाती है, जिससे आपके शरीर में एक अधिक मात्रा में तरलता (fluid) बनी रहती है जो आपके रक्तचाप (blood pressure) को बढ़ा देती है।

खराब खाने-पीने की आदतें भी उच्च रक्तचाप (high blood pressure) का कारण बन सकती हैं। ज्यादा तले-भुने खाने, अधिक मसालेदार और तली हुई चीजें, तली हुई और अधिक मीठे खाद्य पदार्थों का सेवन करने से भी उच्च रक्तचाप (high blood pressure) का खतरा बढ़ता है।

उच्च रक्तचाप (high blood pressure) से बचने के लिए कुछ मददगार टिप्स :

1. संतुलित आहार (Balanced diet): संतुलित आहार खाने से उच्च रक्तचाप (high blood pressure) को कम करने में मदद मिलती है। इसमें सब्जियां, फल, पूरे अनाज, दूध, दही, मछली, मुर्गी, सूखे मेवे, अनार, नींबू, अमरूद, पपीता, सेब, केला, अंडे, हरी चाय, पानी और निर्मित खाद्य पदार्थ शामिल होते हैं।

2. व्यायाम (Exercise): नियमित व्यायाम करने से उच्च रक्तचाप को कम करने में मदद मिलती है। योग, ध्यान, वॉकिंग, जॉगिंग, स्विमिंग, साइकलिंग और एरोबिक्स जैसे व्यायाम इस रोग के लिए उपयोगी होता है।

3. अत्यधिक मोटापा कम करें (Reduce excessive obesity): अत्यधिक मोटापा उच्च रक्तचाप का मुख्य कारण होता है। इसलिए, संतुलित आहार खाने, व्यायाम करने और स्वस्थ जीवन शैली के माध्यम से मोटापा कम करना बेहतर होता है।

4. नियमित रक्तचाप जांच कराएं (Get your blood pressure checked regularly): नियमित रक्तचाप जांच कराना उच्च रक्तचाप से बचने में मदद करता है। अपने डॉक्टर से संपर्क करें और उनसे अपनी रक्तचाप जांच करने की सलाह लें।

5. धूम्रपान और शराब को छोड़ें (Quit smoking and alcohol): धूम्रपान और शराब का सेवन उच्च रक्तचाप को बढ़ाता है। इसलिए, इन्हें कम से कम सेवन करना होता है।

6. दवाओं का सेवन (Consumption of medicines): डॉक्टर की सलाह पर दवाओं का सेवन करने से भी उच्च रक्तचाप (high blood pressure) को कम किया जा सकता है।

हाई ब्लड प्रेशर के अनियंत्रित होने से कुछ गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, जैसे:

हृदय रोग (Heart disease) : हाई ब्लड प्रेशर से हृदय रोग हो सकता है। इससे हृदय असंगता, हृदय अग्निशमक घाव, हृदय घाव, रसोली या स्टेंट की जरूरत हो सकती है।

स्ट्रोक (Stroke): हाई ब्लड प्रेशर दर्दनाक स्ट्रोक का भी कारण बन सकता है। स्ट्रोक आने पर बोलने या चलने में दिक्कत होती है। इससे व्यक्ति की ज़िन्दगी को खतरा होता है।

किडनी रोग (Kidney diseases) : हाई ब्लड प्रेशर विविध प्रकार के किडनी रोगों का कारण बन सकता है। इसमें किडनी का असंतुलन और बीमार होने से ब्लड फ़िल्टर करने में दिक्कत होती है। ऐसे मामलों में डायलिसिस आवश्यक होता है।

 

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