अक्सर हमारे घर के बड़े-बुजुर्ग खाने में घी शामिल करने की सलाह देते हैं। दादी-नानी कहती हैं कि घी पोषक तत्वों और अच्छे स्वास्थ्य का पावरहाउस है। वहीं, दूसरी ओर कई लोगों का कहना होता है कि खासकर हार्ट या कोलेस्ट्रॉल के मरीजों के लिए घी का सेवन हानिकारक हो सकता है।
ऐसे में सच्चाई क्या है? घी खाना सेहत के लिए अच्छा है या बुरा, साथ ही कोलेस्ट्रॉल पेशेंट्स को घी खाना चाहिए या नहीं? आइए जानते हैं इस बारे में विस्तार से-
घी में पोषक तत्वों की मात्रा
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, घी पूरी तरह से वसायुक्त होता है। यानी इसमें फैट की मात्रा अधिक पाई जाती है। इसके अलावा घी में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट या फाइबर की कोई महत्वपूर्ण मात्रा नहीं होती है लेकिन यह विटामिन ए, विटामिन ई और विटामिन के से भरपूर होता है और ब्यूटिरिक एसिड का भी बेहतरीन स्रोत होता है।
अब, बात करें सेहत पर घी के फायदों और नुकसान की तो कई शोध के नतीजे बताते हैं कि घी कुछ हद तक हृदय रोग के जोखिम को कम कर सकता है। दरअसल, कोलेस्ट्रॉल पेशेंट्स को सैचुरेटेड फैट से भरपूर चीजों का सेवन न करने की सलाह दी जाती है। इस तरह के खाद्य पदार्थ कोलेस्ट्रॉल लेवल को अधिक बढ़ा सकते हैं। हालांकि, कई शोध के नतीजे ये भी बताते हैं कि सैचुरेटेड फैट युक्त होने के बावजूद एक सीमित मात्रा में घी का सेवन कोलेस्ट्रॉल पेशेंट्स के लिए सुरक्षित हो सकता है।
इसे विस्तार से समझा जाए तो एक्सपर्ट्स के मुताबिक, एक चम्मच घी में लगभग 7.5-8 ग्राम सैचुरेटेड फैट और लगभग 32-33 मिलीग्राम कोलेस्ट्रॉल होता है। ऐसे में एक्सपर्ट्स बताते हैं कि अगर आपका कोलेस्ट्रॉल का स्तर हाई रहता है, तो आपको घी का सेवन कम करना चाहिए। हालांकि, अगर आप संतुलित आहार के साथ सीमित मात्रा में घी खा रहे हैं, तो कई मामलों में आपका खराब कोलेस्ट्रॉल नहीं बढ़ेगा। यानी हेल्दी लाइफस्टाइल और अच्छी डाइट के साथ रोज थोड़ी मात्रा में घी का सेवन सुरक्षित हो सकता है। कुल मिलाकर घी का सेवन आपके कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कैसे प्रभावित करता है, ये आपकी लाइफस्टाइल, ओवरऑल डाइट, आनुवंशिक संरचना और पाचन स्वास्थ्य जैसे कई कारकों पर निर्भर करता है, साथ ही आप कितनी मात्रा में इसका सेवन कर रहे हैं, इस बात पर ध्यान देना भी जरूरी है।
सेहत पर घी का असर
बेहतर पाचन
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, घी का सेवन पाचन को दुरुस्त करने में मददगार हो सकता है। घी में मौजूद ब्यूटिरिक एसिड आंतों की दीवारों को मजबूत बनाने, मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करने और आंत के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में असर दिखाता है। ऐसे में बेहतर पाचन के लिए एक्सपर्ट्स खाली पेट गुनगुने पानी में एक चम्मच घी मिलाकर पीने की सलाह देते हैं।
इम्यूनिटी बूस्टर
घी में मौजूद ब्यूटिरिक एसिड, शरीर को कैंसर जैसी बीमारियों से लड़ने वाली टी-सेल्स का उत्पादन करने में मदद करता है, साथ ही इम्यूनिटी को भी बढ़ावा देता है।
लैक्टोज इंटॉलरेंस में भी कारगर
इन सब से अलग लैक्टोज इंटॉलरेंट लोगों के लिए भी घी का सेवन सुरक्षित होता है। दरअसल, घी लैक्टोज-फ्री होता है। ऐसे में जो लोग दूध, दही, पनीर आदि नहीं खा पाते हैं, वे घी का सेवन कर सेहत का ख्याल रख सकते हैं।
अमृता कुमारी – नेशन्स न्यूट्रिशन (क्वालीफाईड डायटीशियन/ एडुकेटर अहमदाबाद)