किडनी का काम मुख्य रूप से खून में बने टॉक्सिन पदार्थों को शरीर से बाहर निकालना है. अगर दोनों किडनी काम करना बंद कर दें तो इंसान 24 घंटे भी जीवित नहीं रह सकता है. इसलिए किडनी को सुरक्षित रखना हेल्थ के लिए बहुत जरूरी है. दरअसल, हम जब खाना खाते हैं तो खाने के साथ हमारे शरीर में कई तरह जहरीले रसायन भी जाते हैं और भोजन से पोषक तत्वों के अवशोषण के दौरान कई टॉक्सिन मैटेरियल भी बनते हैं. ये टॉक्सिन खून में जमा हो जाते हैं. किडनी खून को फिल्टर या छानने का काम करती है. इस फिल्टरेशन के माध्यम से खून में मौजूद टॉक्सिन को छान लिया जाता है शरीर से बाहर निकाल दिया जाता है.

इस तरह किडनी छन्नी का काम करती है. यह खून में मौजूद सभी तरह के टॉक्सिन को छान लेती है और पेशाब के रास्ते इसे बाहर निकाल देती है. इसलिए अगर किडनी में किसी तरह की परेशानी होगी तो शरीर के विभिन्न हिस्सों में वेस्ट मैटेरियल जमा होने लगेगा जो धीरे-धीरे शरीर में जहर बनने लगेगा और जीवन को जोखिम में डाल देगा. इससे किडनी में स्टोन या इंफेक्शन होने का खतरा बढ़ जाएगा. इसलिए यह समझना जरूरी है कि किडनी खराब होने का वार्निंग साइन क्या है.

1.चेहरे और पैरों में स्वेलिंग- किडनी पर कोई संकट आता है तो किडनी शरीर में मौजूद फ्लूड को छानने में असमर्थ हो जाता है. इस कारण खून से टॉक्सिन और अशुद्धियां निकल नहीं पाती. यह फ्लूड के रूप में चेहरे और पैरों के आसपास जमा होने लगता है. इससे चेहरा और आंखों के आसपास पफीनेस दिखने लगता है.

2. बहुत अधिक थकान -किडनी का काम आरबीसी को भी बनाना है. अगर खून में आरबीसी की कमी हो जाए तो एनीमिया हो जाती है. इससे खून ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की आपूर्ति दिमाग और मसल्स तक करने में असमर्थ हो जाता है. यही कारण है कि किडनी में खराबी होने पर लोग बहुत थका-थका महसूस करते हैं.

3. पेशाब में बदलाव-किडनी अपना फंक्शन ठीक से नहीं करेगी तो सबसे पहला वार्निंग साइन पेशाब में ही दिखता है. किडनी ब्लड को फ़िल्टर करने में मदद करती हैं जिससे पेशाब बनता है. जब किडनी ठीक से काम नहीं करेगी तो इससे यूरीनरी ट्रेक्ट में दिक्कतें होंगी. इस कारण बार-बार पेशाब आना, पेशाब में खून आना, पेशाब का झागदार और बुलबुलापन होना जैसी समस्या दिखने लगेगी.

4.सांस लेने में तकलीफ-किडनी हमारे शरीर में फ्लूड का पीएच बैलेंस करती है. किडनी में दिक्कत आने से लंग्स में फ्लूड जमा होने लगेगा. जब लंग्स में फ्लूड जमा होने लगेगा तो यह ऑक्सीजन की सप्लाई को बाधित करेगा. इससे सांस लेने में दिक्कत स्वभाविक है.

5. स्किन में खुजली -अगर किडनी डिजीज हो जाए तो स्किन ड्राई होने लगती है और स्किन में खुजली भी होने लगती है. किडनी में खराबी होने से खून में पोषक तत्वों और मिनिरल्स का बैलेंस भी गड़बड़ा जाएगा. इससे खून में फॉस्फोरस की मात्रा बढ़ जाती है जिसके कारण स्किन में दिक्कतें होने लगती है.

  प्रियंवदा दीक्षित – फूड फॉर हील  ‌‌                (क्वालीफाईड डायटीशियन, आगरा)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *