डॉ. डी.एन. मल्लिक एम. बी. बी. एस. (मुजफ्फरपुर)
टिटनेस एक लाइलाज जानलेवा बीमारी है जो गर्भवती माँ से होने वाले बच्चे को भी संक्रमित कर सकती है. इस तरह के इंफेक्शन को मैटर्नल टिटनेस कहते हैं. बच्चे के जन्म के दो दिन बाद इस बीमारी के लक्षण दिखते हैं. इनमें बच्चे की मांसपेशियां अकड़ने लगती है और हार्ट पर भी असर पड़ता है. बच्चों में टिटनेस होने पर 90 फीसदी मामलों में बच्चे की जान चली जाती है. टिटनेस का कोई इलाज या दवा भी नहीं है. ऐसे में लक्षणों के आधार पर ही ट्रीटमेंट किया जाता है, लेकिन इसमें बच्चे की जान बचने की संभावना बहुत ही कम होती है.
क्या है खतरा?
टिटनेस की बीमारी एक जानलेवा बीमारी है जिसका आजतक कोई इलाज नहीं मिल पाया है. इस बीमारी से बचाव के लिए केवल वैक्सीन मौजूद है, लेकिन अगर किसी ने ये वैक्सीन नहीं लगवाई और उसे टिटनेस का इंफेक्शन हो जाता है तो ऐसे मरीज की जान बचाना मुश्किल हो जाता है.
टिटनेस की वजह से ब्रेन, हार्ट और मांसपेशियों पर असर पड़ता है. टिटनसे की वजह से हार्ट फेल, ब्रेन स्ट्रॉक हो सकता है. जिससे मरीज की मौत हो जाती है.
प्रेगनेंसी में टिटनेस का टीका जरूरी क्यों?
बच्चों को टिटनेस से बचाने के लिए प्रेगनेंसी में मां को टिटनेस का टीका लगवाना जरूरी है. इसके लिए प्रेगनेंसी की शुरुआत में ही टिटनेस टॉक्साइड यानी टीटी की दो डोज लगवाने चाहिए. इससे मां और बच्चा दोनों ही सुरक्षित रहते हैं. डिलिवरी के समय होने वाले रक्त स्राव और नसों के फटने की अवस्था में माँ और बच्चे दोनों ही इन्फेक्शन के हाई रिस्क पर रहते हैं.ऐसे में बचाव के तौर पर लिया गया टिटनेस का टीका खतरे को कम करता है और माँ और बच्चे को सुरक्षित रखता है.
बच्चों को भी लगवाएं टीका
यदि माँ को टिटनेस का टीका लग जाता है तो इससे नवजात शिशु का बचाव हो जाता है. लेकिन बच्चे के जन्म के 6 सप्ताह के बाद उसको डीपीटी का टीका लगवाना चाहिए. इसके बाद 10 सप्ताह में दूसरा और 14 वे सप्ताह में तीसरा टीका लगवा लें. डीपीटी का टीका डिप्थीरिया, टिटनेस और काली खांसी तीनों से ही बचाव करता है.
जरूरी है हर पांच साल में बूस्टर डोज
जब बच्चे के ये तीन टीके लग जाएं तो फिर हर पांच साल बाद एक बूस्टर डोज लगवा सकते हैं. अगर बच्चे को टिटनेस का टीका लग जाएगा तो कभी टिटनेस का खतरा नहीं रहेगा. चूंकि बच्चे धूल, मिट्टी में भी रहते हैं तो उनको टिटनेस का इंफेक्शन होने का खतरा रहता है. ऐसे में अगर टीका लगा रहेगा तो खतरा नहीं रहता है.