यूँ तो बदलते मौसम की वजह से गले में इंफेक्शन हो सकता है। लेकिन कुछ लोगों को खानपान की सही जानकारी न होने की वजह से भी गले के इंफेक्शन का सामना करना परता है। गले में इंफेक्शन के कारण लोगों को खाना निगलने में  भी परेशानी होती है। कई बार यह स्थिति इतनी गंभीर बन जाता है कि लोगों को पानी को निगलने में भी दर्द होने लगता है।

गले में इंफेक्शन होने पर आपको सांस लेने और बोलने में भी तकलीफ हो सकती है। वैसे, गले का हल्का इंफेक्शन (Throat Infection) अपने आप ठीक हो जाता है। लेकिन, कई बार यह इंफेक्शन काफी बढ़ता जाता है, जिससे आपको गले में खराश महसूस हो सकती है। इस दौरान आपको गले में खुजली और खसखसाहट महसूस होने लगती है। घरेलू उपायों से भी गले के इंफेक्शन को ठीक किया जा सकता है। लेकिन, आपको अपनी डाइट पर भी विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है।

गले में इंफेक्शन होने के कारण 

बैक्टीरियल और वायरल इंफेक्शन की वजह से गले में इंफेक्शन हो सकता है। राइनोवायरल व अन्य सर्दी में गले में इंफेक्शन का कारण बन सकते हैं। इसके अलावा, फ्लू (इंफ्लूएंजा) वायरस भी गले में इंफेक्शन कर सकता है। शरीर में दर्द, बुखार और थकान महसूस होना इसके आम लक्षण हैं। बैक्टीरियल इंफेक्शन में ग्रुप ए स्ट्रेप्टोकोकस बैक्टीरिया गले में बैक्टीरियल संक्रमण का एक आम कारण माना जाता है। स्ट्रेप्टोकोकस के अलावा, अन्य बैक्टीरिया जैसे माइकोप्लाज्मा निमोनिया या क्लैमाइडिया निमोनिया गले में संक्रमण का कारण बन सकते हैं। इन सभी के अलावा एलर्जी, प्रदूषण, धूम्रपान, साइनस, कान में संक्रमण व टॉन्सिल गले में इंफेक्शन को बढ़ा सकती है।

गले में इंफेक्शन होने पर किन खाद्य पदार्थों से रखें परहेज

मसालेदार आहार

गले में इंफेक्शन होने पर आहार नली में संवेदनशीलता बढ़ जाती है। ऐसे में आप मसालेदार चीजों का सेवन न करें। मसाले पहले से ही सूजे हुए गले में जलन पैदा कर सकते हैं, जिससे परेशानी बढ़ सकती है। जब तक गले में इंफेक्शन हो आप तब तक ज्यादा तीखी मिर्च व मासलेदार भोजन से दूरी बनाए रखें।

जंक फूड

गले में इंफेक्शन होने पर आप जंक फूड का सेवन न करें। बाहर का जंक फूड बैक्टीरियल और वायरल इंफेक्शन की समस्या को बढ़ा सकते हैं। ऐसे में आप बाहर का खाना खाने से बचें। दरअसल, जंक फूड इम्यून सिस्टम को कमजोर करने में मुख्य भूमिका निभाते हैं, जिससे गले का संक्रमण बढ़ सकता है।

ऑयली और डीप फ्राई फूड

तैलीय आहार पचाने में ज्यादा समय लगता है। साथ ही, इससे ग्रास नली में बैक्टीरिया की ग्रोथ होने की संभावना बढ़ जाती है। तैलीय आहार पेट में गैस, अपच और कुछ मामलों में मतली का कारण भी बन सकते हैं। गले में इंफेक्शन होने पर आप हल्के व आसानी से निगलने वाले आहार का सेवन करें। जबकि, तैलीय आहार से दूरी बनाएं।

ठंडी चीजों का सेवन न करें

गले में इंफेक्शन होने पर आपको फ्रिज का ठंडा खाना खाने से बचना चाहिए। ठंडा खाना गले में होने वाली सूजन को बढ़ाने में मदद कर सकता है। इससे आपको खाने में परेशानी हो सकती है। साथ ही, टॉन्सिल बढ़ सकते हैं और आपको गले में दर्द हो सकता है।

खट्टी चीजें बढ़ा सकती हैं मुश्किलें

खट्टे चीजों से गले का इंफेक्शन बढ़ सकता है। टॉन्सिल की समस्या में डॉक्टर मरीज को खट्टी चीजे न खाने की सलाह देते हैं। दरअसल, खट्टे फल टॉन्सिल की सूजन को बढ़ाने में मदद करते हैं। इससे आपको कुछ भी चीज को निगलने में परेशानी हो सकती है।

गले में इंफेक्शन होने पर आप कोल्ड ड्रिंंक आदि ठंडे पेय पदार्थों का सेवन न करें। यह गले में इंफेक्शन की समस्या को बढ़ा सकते हैं। यदि, गले का इंफेक्शन काफी समय से हो, तो ऐसे में इसे नजरअंदाज न करें और तुरंत ईएनटी स्पेशलिस्ट से संपर्क करें।

अमृता, नेशन्स न्यूट्रीशन                                           (क्वालिफाईड डायटीशियन / एडुकेटर, अहमदाबाद) 

By AMRITA

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