गर्भावस्था के दौरान शिशु के विकास और प्रसव के दौरान किसी भी तरह की परेशानी से बचने के लिए महिलाओं को संतुलित आहार लेने की सलाह दी जाती है। इतना ही नहीं डिलीवरी के बाद भी महिलाओं को अपनी डाइट का बहुत ख्याल रखना होता है क्योंकि इस समय उनके बच्चे के पोषण और विकास का एकमात्र साधन ब्रेस्ट मिल्क है।
डिलीवरी के बाद ये न सोचें कि अब शिशु पैदा हो गया है तो आपको हेल्दी डाइट की जरूरत नहीं है और अब पतला होने पर काम शुरू करना है।डिलीवरी के बाद शिशु के लिए पोषण का आधार मां का दूध ही होता है और आप जो भी खाएंगी उसका सारा पोषण के दूध के जरिए शिशु को मिलेगा।
डिलीवरी के बाद 24 से 48 घंटे के अंदर दूध आना शुरू हो जाएगा। तब तक हेल्दी और संतुलित डाइट लें और कैलोरी भी लें। अपने खाने में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट्स और हेल्दी फैट्स का सही मात्रा में होना बहुत जरूरी है।
डिलीवरी के बाद न्यू मॉम का शरीर कमज़ोर हो जाता है और ऐसे में अच्छी डाइट और पोषण पर ध्यान देना ज़रूरी है। यह इसलिए भी जरूरी है क्योंकि अब माँ को अपने न्यू बोर्न को ब्रेस्टफ़ीड कराना होगा जिसके लिए उसे अधिक पोषण की ज़रूरत होती है। इस सब को ध्यान में रखते हुए आपके लिए यह ज़रूरी है कि शिशु के जन्म के बाद आप अपनी डाइट सोच समझकर चुनें।
बच्चे के जन्म के बाद सेहतमंद रहने के लिए ढेर सारे पोषक तत्वों वाले आहार की ज़रूरत होती है जिससे बॉडी की रिकवरी हो सके और खायी गयी चीज़ों से बच्चे के लिए पर्याप्त दूध बने और उसे पूरा पोषण मिले। इसके लिए आपको कैलोरीज़, प्रोटीन, गुड फैट, विटामिन, खनिज, आयरन, कैल्शियम और ओमेगा-3 से भरपूर होलसम डाइट लेनी चाहिए जो न्यू मॉम और उसके शिशु के लिए ज़रूरी है।
डिलीवरी होने के बाद क्या-क्या खाना चाहिए ताकि आपका शरीर जल्दी ही सामान्य अवस्था में आ सके।
- दाल
आपकी रोज़ाना डाइट में दालें ज़रूर होनी चाहिए क्योंकि ये फाइबर, प्रोटीन और विटामिन्स का प्राकृतिक स्रोत हैं. दालें शरीर को ताकत देती हैं लेकिन वजन बढ़ने से बचाती हैं. इससे ब्रेस्ट मिल्क बढ़ता है , इम्यून सिस्टम मजबूत होता है और पेट संबंधी समस्याएं भी दूर रहती हैं।
- फलियां और नट्स
फलियां यानी कि बीन्स जैसे राजमा और लोभिया आदि । इनमें प्रचुर मात्रा में प्रोटीन होता है. साथ ही फोलेट, मैग्नीशियम और पोटेशियम भी भरपूर होते हैं। इनसे हृदय स्वस्थ रहता है और लैक्टेटिंग मदर्स को एनर्जी मिलती है। वेजिटेरियन लोगों के लिए ये खास तौर पर फायदेमंद हैं। इनके अलावा आपको नट्स या ड्राई फ्रूइट्स भी रोज़ खाने चाहिए जिससे ओमेगा-3 फैटी एसिड, विटामिन ई, कैल्शियम, सेलेनियम, कॉपर, मैग्नीशियम और राइबोफ्लेविन जैसे तत्वों की पूर्ति होती है ।आप इन्हें रात में भिगोकर सुबह खा लें।
- हरी सब्ज़ियाँ
हरी पत्तेदार सब्ज़ियाँ आयरन का बढ़िया स्रोत हैं। इसके अलावा इनमें विटामिन-ए, सी और कैल्शियम भी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। लो कैलोरी फूड होने के कारण ये प्रेग्नेंसी के बाद वेट कम करने में भी मदद करती हैं। आप ब्रोकली, पालक, बीन्स, परवल और भिंडी जैसी हरी सब्ज़ियों को अपनी रूटीन डाइट में ज़रूर शामिल करें।
- फलों का सेवन
फल माइक्रो न्यूट्रिएंट्स से पैक्ड होते हैं जिनसे शरीर के डिटॉक्सिफिकेशन और इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में काफ़ी मदद मिलती है। बच्चे के ब्रेस्ट फीडिंग फेज के दौरान लैक्टेटिंग मदर को थोड़ी-थोड़ी देर में कुछ न कुछ खाने का मन करता है है और वह ये सोचती हैं कि डिलीवरी के बाद क्या खाना चाहिए जिससे शरीर को ऊर्जा मिलती रहे। ऐसे में अच्छे स्वास्थ्य के लिए जरूरी कई पोषक तत्व हमें केवल फलों से ही मिल जाते हैं जैसे कि विटामिन, कार्ब्स, मिनरल्स, आयरन, कैल्शियम, फॉस्फोरस और फाइबर आदि।आप केला ब्लूबेरी, खजूर, अंगूर और संतरे का सेवन जरूर करें जिसमें ढेर सारा विटामिन सी होता है।
- चिकन और मछली
अगर आप नॉनवेज के शौकीन हैं तो अपनी डाइट में लीन मीट; जैसे – चिकन या चिकन सूप, मॉडरेट क्वान्टिटी में साल्मन मछली जो डीएचए से भरपूर होती है और अंडों को शामिल करें क्योंकि ये आयरन, प्रोटीन और विटामिन बी-12 के सुपर सोर्स हैं।
डिलीवरी के बाद क्या नहीं खाना चाहिए?
चलिए अब आपको बताते हैं कि डिलीवरी के बाद आपको किन चीज़ों से परहेज़ करना चाहिए!
- मसालेदार भोजन
शिशु के जन्म के बाद आपको मसालेदार भोजन से दूर रहना चाहिए क्योंकि अब आप अपने न्यूबोर्न बेबी को ब्रेस्ट फ़ीड कराएंगी. इसलिए तेज़ और गरम प्रकृति के मसालों का असर दूध के जरिये बच्चे तक पहुँच सकता है और इससे उसकी आंतों और पेट में जलन और स्किन में रैशेज या दाने तक हो सकते हैं.
- ऑइली फूड्स
डिलीवरी के बाद ऑइली फूड केवल आपके शरीर में फैट बढ़ाने का काम करेंगे जिससे आपको कई और तरह की हेल्थ प्रॉब्लम जैसे कि हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट प्रॉब्लम और कोलेस्टॉल जैसी परेशानियाँ हो सकती हैं. साथ ही, प्रेग्नेंसी के दौरान बढ़े हुए वजह को कम करने में भी दिक्कत आएगी. इसलिए डिलीवरी के बाद घी, मक्खन, मीठा और फैटी फूड ज्यादा न खाएं. इसके बजाय अखरोट, अलसी, ऑलिव ऑयल जैसे हैल्दी फैट को प्रिफर करें.
- गैस बनाने वाले फूड्स
ऐसे फूड आइटम्स जिन्हें खाने पर आपको गैस, एसिडिटी व खट्टी डकार जैसी प्रॉब्लम होने लगें उनसे दूर रहें क्योंकि ये आपके साथ साथ आपके बेबी के लिए भी ठीक नहीं है. इसके अलावा सॉफ्ट ड्रिंक्स, कोल्ड ड्रिंक्स और जंक फूड जैसी अनहेल्दी चीजों से भी दूर रहना चाहिए.
- एलर्जी वाली चीजों से दूरी
ऐसा कोई भी फूड आइटम जिससे आपको एलर्जी हो वो ब्रेस्ट मिल्क के ज़रिये बच्चे के शरीर में भी परेशानी का कारण बन सकता है. इसलिए ऐसी सभी चीजों से दूर रहें.
अगर डिलीवरी सर्जरी के द्वारा हुई है तो डॉक्टर और आहार विशेषज्ञ की सलाह के अनुसार ही अपनी डाइट प्लान करें क्योंकि नॉर्मल डिलीवरी की तुलना में ऑपरेशन के मामलों में अधिक सावधानी रखनी पड़ती है.
डिलीवरी के बाद आपकी रिकवरी में डाइट का अहम रोल होता है. बेहतर डाइट से न सिर्फ़ आप ख़ुद को हेल्दी महसूस करेंगी; बल्कि आपके बेबी को भी पर्याप्त ब्रेस्ट मिल्क मिलेगा. इसलिए अपनी डाइट से बिल्कुल भी समझौता न करेंऔर हमेशा योग्य आहार विशेषज्ञ से परामर्श लें.
प्रियंवदा दीक्षित,फूड फॉर हील (क्वालीफाईड डायटीशियन,आगरा)