गेहूं के आटे की रोटी हमारे खाने का अहम हिस्सा है. भारत ही नहीं दुनियाभर में इसे पसंद किया जाता है. इससे रोटी के अलावा ब्रेड और अन्य चीजें भी बनाई जाती है. इस आटे की रोटी के कई फायदे हैं लेकिन कुछ लोग इसे सेहत (Health) के लिए अच्छा नहीं मानते हैं. माना जाता है कि इसे खाने से कई तरह की दिक्कतें हो सकती हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या गेहूं के आटे की रोटियां छोड़ देनी चाहिए. अगर एक महीने तक इन रोटियों को न खाया जाए तो शरीर पर इसका क्या असर होगा. आइए जानते हैं…
कुछ रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार रोजाना गेहूं की रोटी का सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। गेहूं के आटे में कई पोषक तत्व होते हैं, लेकिन इसकी अधिकता से कई समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
डायबिटीज: गेहूं की रोटी में ग्लूटेन होता है, जो रक्त शर्करा के स्तर को बढ़ा सकता है, जिससे डायबिटीज का खतरा बढ़ता है। लगातार इसका सेवन स्वास्थ्य के लिए उचित नहीं है। मौसम के अनुसार, गेहूं के बजाय अन्य आटे का उपयोग करना बेहतर हो सकता है।
पाचन तंत्र: रोजाना गेहूं की रोटी खाने से पाचन में कठिनाई हो सकती है। इसमें मौजूद ग्लूटेन के कारण इसे पचाना मुश्किल हो जाता है, जिससे गैस की समस्या उत्पन्न हो सकती है।
वजन बढ़ना: गेहूं में उच्च मात्रा में कार्बोहाइड्रेट होते हैं, जो कैलोरी के सेवन को बढ़ाते हैं और मोटापे का कारण बन सकते हैं। इसके अतिरिक्त, यह कोलेस्ट्रॉल की समस्या भी पैदा कर सकता है।
गेहूं का आटा न खाने के फायदे:
1. वेट और डायबिटीज दोनों कंट्रोल
गेहूं के आटे में कार्बोहाइड्रेट्स होते हैं, जो वजन बढ़ाने में मदद करते हैं. इसे छोड़ने से वजन कम करने में मदद मिलती है. इस आटे का ग्लाइसेमिक इंडेक्स हाई होता है, जो ब्लड शुगर लेवल को बढ़ाता है. इसे छोड़ने से डायबिटीज के खतरे को कम किया जा सकता है.
2. पाचन तंत्र के लिए फायदेमंद
गेहूं के आटे में ग्लूटेन होता है, जो पाचन तंत्र को नुकसान पहुंचा सकता है. इसका सेवन बंद करने से पाचन तंत्र को सुधारने में मदद मिलती है. इससे पेट की कई समस्याओं का खतरा घटाया जा सकता है.
3. एलर्जी और सूजन का कारण
गेहूं के आटे में ग्लूटेन और अन्य एलर्जिक तत्व होते हैं, जो एलर्जी और सूजन का कारण बन सकते हैं. ये तत्व त्वचा को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं. इस आटे का सेवन बंद कर इन समस्याओं से बचा जा सकता है.
4. एनर्जी लेवल बढ़ाए, मेंटल हेल्थ में सुधार
गेहूं के आटे में कार्बोहाइड्रेट्स होते हैं, जो ऊर्जा के स्तर को बढ़ाते हैं, लेकिन इसका अधिक सेवन ऊर्जा के स्तर को कम भी कर सकता है. इसे छोड़कर एनर्जी लेवल को मेंटेन कर सकते हैं. इससे शरीर एक्टिव बना रहेगा.
गेहूं का आटा न खाने के नुकसान
1 महीने तक गेहूं का आटा छोड़ देने से सेहत पर बुरा असर भी पड़ सकता है. इस आटे में फोटेल मौजूद होता है, जो मेंटल हेल्थ को बेहतर बनाकर तनाव को दूर करने में मदद करता है. हालांकि, कितनी रोटियां खानी चाहिए, इसकी सलाह डाइटीशियन से लेनी चाहिए.
गेहूं के आटे की जगह क्या खाएं
1. मल्टीग्रेन आटे की रोटियां
2. जौ के आटे की रोटी
3. बाजरे के आटे की रोटियां
4. रागी का आटा
गेहूं की रोटी के विकल्प: गेहूं के आटे के स्थान पर आप रागी, बाजरा, जौ और मक्का के आटे का सेवन कर सकते हैं। मिलेट्स गेहूं के आटे का एक बेहतरीन विकल्प है।
अमृता कुमारी – नेशन्स न्यूट्रिशन क्वालीफाईड डायटीशियन डायबिटीज एजुकेटर, अहमदाबाद