अगर आपको खीर, मलाई और रबड़ी का टेस्ट बहुत पसंद आता है और यह तीनों कांबिनेशन आपको एक साथ खाने का मन करे तो आप एक बार कच्चे पपीते का हलवा जरूर ट्राई करें।यकीन मानिए इसके सामने आप गाजर और सूजी के हलवे भी भूल जाएंगे यह इतना टेस्टी होता है और हार्मोन को बैलेंस करने के लिए इतना इफेक्टिव होता है कि इसे अगर आप हफ्ते में दो या तीन दिन भी खाते हैं तो यह आपके लिए काफी स्वास्थ्यवर्धक साबित हो सकता है।
तो आइए जानते हैं, इस अनोखे और स्वादिष्ट हलवे को बनाने का तरीका।
कच्चे पपीते का हलवा बनाने की विधि
- एक पूरा कच्चा पपीता लें। इसे अच्छी तरह से छील लें और फिर कद्दूकस कर लें। एक पैन में घी गर्म करें। जब घी पिघल जाए, तो कद्दूकस किया हुआ पपीता इसमें डालें। पपीते को मध्यम आंच पर तब तक भूनें जब तक वह पूरी तरह से गल न जाए और अच्छी तरह से पक न जाए
- दूसरी तरफ, एक गहरे पतीले में 1 लीटर दूध डालें। इसमें थोड़ा सा केसर मिलाएं। दूध को धीमी आंच पर लगातार चलाते हुए तब तक पकाएं जब तक कि यह रबड़ी की तरह गाढ़ा न हो जाए।जब भूना हुआ पपीता अच्छी तरह पक जाए और दूध रबड़ी जैसा गाढ़ा हो जाए, तो भूने हुए पपीते को गाढ़े दूध में डाल दें।
- सारी सामग्री को अच्छी तरह मिलाएं और कुछ देर और पकाएं। अब इसमें अपनी पसंद के ड्राई फ्रूट्स (जैसे काजू, बादाम, किशमिश), हल्की चीनी (स्वाद अनुसार) और इलायची पाउडर डालें। हलवे को तब तक पकने दें जब तक यह गाढ़ा होकर पैन छोड़ने न लगे। जब यह सूखने लगे, तो गैस बंद कर दें। इसे कुछ देर ऐसे ही रहने दें ताकि स्वाद और सुगंध एक-दूसरे में अच्छी तरह मिल जाएं।
तो लीजिए…आपका स्वादिष्ट कच्चे पपीते का हलवा बनकर तैयार है! इसे गर्मागर्म परोसें या ठंडा करके आनंद लें। यदि आप इसे स्टोर करके रखना चाहते हैं तो दो से तीन दिनों तक के लिए आप इसे फ्रीज में स्टोर कर सकते हैं यह बिल्कुल भी खराब नहीं होगा। पर हां ध्यान यह रखना है कि इसे किसी टाइट कंटेनर में रखें और गीला चम्मच या हाथ से इसे इस्तेमाल न करें मॉइश्चर जाने की वजह से यह खराब हो सकता है।
अमृता कुमारी – नेशन्स न्यूट्रिशन क्वालीफाईड डायटीशियन डायबिटीज एजुकेटर, अहमदाबाद