बच्चों में बढ़ती दिल की बीमारी चिंता का विषय
आजकल छोटी उम्र के बच्चों और टीनएजर्स को भी हार्ट अटैक का खतरा होता है. आमतौर पर ऐसी परेशानी अनहेल्दी लाइफस्टाइल और खराब फूड हैबिट्स से हो सकती है. इन बीमारियों के लक्षण अक्सर धीरे-धीरे सामने आते हैं, जिन्हें वक्त पर पहचानना बेहद ज़रूरी है. जब बच्चों के शरीर में कुछ अजीबोगरीब इशारे नजर आने लगें, तो फौरन किसी योग्य डॉक्टर को दिखाकर उनकी सलाह पर बच्चे का फुल बॉडी चेकअप कराएं. जरूरी टेस्ट कराने के बाद रिपोर्ट्स को डॉक्टर से कंसल्ट करें और अपने बच्चों के खान-पान पर खास ध्यान रखें हो सके तो डायटीशियन की सलाह अवश्य लें और उनके बताए गए खान – पान की सूची के हिसाब से ही उनके भोजन की व्यवस्था करें. बच्चों पर हमेशा उचित ध्यान दें. योगा और मेडिटेशन कराएं ताकि उनकी जीवनशैली सुधर सके और नियमित हो सके.
बच्चों में दिल की बीमारी के लक्षण
1. जल्दी थकान महसूस होना: बच्चा खेल-कूद या नॉर्मल फिजिकल एक्टिविटीज के दौरान जल्दी थक जाता है.
2. सांस फूलना: हल्की शारीरिक गतिविधि के बाद भी बच्चे की सांस फूलने लगती है.
3. होंठ, नाखून या त्वचा का नीला पड़ना (Cyanosis): शरीर में ऑक्सीजन की कमी के कारण त्वचा का रंग नीला पड़ सकता है.
4. छाती में दर्द या भारीपन: कुछ बच्चों को फिजिकल एक्टिविटीज के दौरान सीने में दर्द या दबाव महसूस होता है.
5. असामान्य हार्ट बीट (Arrhythmia): दिल की धड़कन बहुत तेज, बहुत धीमी या अनियमित हो सकती है.
6. बेहोशी या चक्कर आना: अचानक बेहोश हो जाना या सिर चकराना दिल की समस्या का संकेत हो सकता है.
नोट : यदि ऊपर बताए हुए किसी भी लक्षण में से कोई भी दो या तीन लक्षण आपके बच्चे में दिखते हो तो तुरंत ही अपने आसपास के किसी योग्य हार्ट स्पेशलिस्ट या पेडियाट्रिक से अपने बच्चों की जांच करवाएं.अपने बच्चों पर ध्यान देने की पूरी जवाबदेही सिर्फ और सिर्फ आपकी है।
अमृता कुमारी – नेशन्स न्यूट्रिशन (क्वालीफाईड डायटीशियन/ एडुकेटर अहमदाबाद)