Stool test

ब कोई बीमार हो जाता है, तो डॉक्टर स्वास्थ्य समस्याओं की जांच करने के लिए कई तरह के टेस्ट को कराने की सलाह देते है, जिनमें से एक स्टूल टेस्ट भी है। स्टूल टेस्ट एक डाइग्नोसिस प्रक्रिया है, जिसे खास तौर पर पेट संबंधी समस्याओं का पता लगाने के लिए किया जाता है। यह टेस्ट आपके स्टूल यानी मल में मौजूद बैक्टीरिया, वायरस और अन्य जर्म्स का पता लगाता है जो आपको बीमार करते हैं। गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल डिजीज और पेट के कैंसर के डाइग्नोसिस में भी मदद के लिए हेल्थ केयर प्रोवाइडर स्टूल टेस्ट का भी उपयोग करते हैं।

स्टूल टेस्ट क्या है?

स्टूल टेस्ट आपके मल में मौजूद पैथोजन्स (बैक्टीरिया, वायरस, पैरासाइट) का पता लगाता है, जो आपको बीमार कर सकते हैं। स्टूल टेस्ट अन्य लक्षणों का भी पता लगा सकता है, जैसे मल में छिपा हुआ रक्त, जो कुछ गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है। डॉक्टर इंफेक्शन और कैंसर के साथ-साथ गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल की कई समस्याओं के लिए स्टूल टेस्ट कराने की सलाह देते हैं।

अगर आप में निम्नलिखित लक्षण दिखाई दे रहे हैं, तो डॉक्टर स्टूल टेस्ट कराने का सुझाव दे सकते हैं:

  • मल में खून
  • मल में बलगम (Mucus)
  • दस्त (loose poop) जो तीन दिनों से अधिक समय तक रहे
  • पेट में दर्द या ऐंठन
  • मतली या उल्टी जो कई दिनों तक बनी रहती है
  • बुखार

स्टूल टेस्ट किसका पता लगाता है?

स्टूल टेस्ट से कई अलग-अलग गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल कंडीशन का पता चल सकता है, जिनमें ये शामिल हैं:

  • एनल फिशर्स- आपकी गुदा (anus) में एक छोटा सा कट, जहां से मल बाहर आता है।
  • एनीमिया (लाल रक्त कोशिकाओं की कमी)।
  • कोलाइटिस (इंटेस्टाइन, आंत के हिस्से में सूजन या जलन)।
  • कोलन पॉलीप्स (कोलन में कोशिकाओं के छोटा ग्रुप)।
  • कोलोरेक्टल (कोलन) कैंसर।
  • डायवर्टिकलोसिस (आंत में उभरी हुई पॉकेट)।
  • एक्सोक्राइन पैंक्रिएटिक इंसफिशिएंसी (आंतों में भोजन को तोड़ने में सक्षम नहीं होना)।
  • गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ब्लीडिंग।
  • बवासीर (गुदा में सूजी हुई नसें)।
  • संक्रमण (बैक्टीरिया, वायरस, पैरासाइट)।
  • इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज (पाचन तंत्र में जलन)।
  • स्टेटोरिया (मल में एक्स्ट्रा फैट)।
  • पेट के अल्सर (पेट में घाव)।

स्टूल टेस्ट के प्रकार

स्टूल टेस्ट कई प्रकार के होते हैं। आपका डॉक्टर आपके लक्षणों के आधार पर बेस्ट प्रकार के स्टूल टेस्ट का चयन कर सकता है:

  • फेकल ओकुल्ट ब्लड टेस्ट: इस प्रकार का स्टूल टेस्ट आपके मल में मौजूद रक्त के निशान का पता लगाता है। अगर आपका टेस्ट पॉजिटिव आता है, तो इसका मतलब है कि आपके पाचन तंत्र में कहीं रक्तस्राव हो रहा है।
  • फिट-डीएनए टेस्ट: एफओबीटी की तरह यह स्टूल टेस्ट आपके मल में थोड़ी मात्रा में रक्त का पता लगाता है। लेकिन यह परिवर्तित डीएनए की भी जांच करता है जो कैंसर के पूर्व या कैंसर संबंधी कंडीशन का संकेत दे सकता है।
  • संक्रमण के लिए टेस्ट: डॉक्टर इन टेस्ट्स को कई अलग तरीकों से कर सकता है। लेकिन ये सभी टेस्ट या तो आपके मल में कीटाणुओं की तलाश करते हैं, या तो उन्हें बढ़ाते हैं, माइक्रोस्कोप के नीचे उनकी तलाश करते हैं या जर्म्स डीएनए की तलाश करते हैं।

स्टूल टेस्ट की तैयारी कैसे करें 

कई खाद्य पदार्थ, आहार सप्लीमेंट्री और मेडिसिन कुछ फोकल ओकुल्ट ब्लड टेस्ट के रिजल्ट को प्रभावित कर सकते हैं या तो यह दर्शाता है कि रक्त तब मौजूद है जब वह मौजूद नहीं (false-positive) है या वास्तव में मौजूद रक्त की उपस्थिति नहीं (false-negative) दिखती है। आपका डॉक्टर आपको कुछ खाद्य पदार्थों या दवाओं को परहेज करने के लिए कह सकता है। इन खाद्य पदार्थ में ये शामिल है:

  • ब्रोकोली और शलजम के साथ कुछ फल और सब्जियां
  • लाल मांस
  • विटामिन सी की खुराक
  • दर्द निवारक, जैसे एस्पिरिन और इबुप्रोफेन (एडविल, मोट्रिन आईबी, अन्य)
 (प्रियंवदा दीक्षित – फूड फॉर हील) ‌‌                (क्वालीफाईड डायटीशियन, आगरा)

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