पार्वती देवी (रिटायर्ड नर्स)
दुनिययभर में 12मई को इंटरनेशनल नर्स डे मनाया जाता है. हेल्थकेयर सेक्टर में नर्सेज का रोल काफी अहम होता है. इन लोगों की जिंदगी काफी चुनौतीपूर्ण होती है.एक बीमार लाचार की तन मन से सेवा करना और उनकी मानसिक स्थिति के हिसाब से उनसे व्यवहार करना इनकी सबसे बड़ी और चुनौतीपूर्ण जवाबदेही होती है.
नर्स डे के मौके पर बिहार के समस्तीपुर जिला के वारिस नगर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से रिटायर्ड ग्रेड ए सीनियर नर्स पार्वती देवी से टेलीफोन पर अपने अनुभव साझा करते हुए कुछ विशेष बातचीत के अंश आपके बीच रखने जा रही हूँ.
कैसी होती है नर्स की चुनौती भरी जिंदगी
कई बार नर्सेज को अपनी नींद, खाने को भूलकर जॉब पर रहना पड़ता है. आज नर्स डे के अवसर पर हम आपको रियल लाइफ नर्स से उनकी जॉब और काम को लेकर विचार जानेंगे और उन्हें किन चैलेंज का सामना करना पड़ता है. उन्होंने बताया कि नर्सिंग को आज एक उभरते हुए पेशे के रूप में पहचाना जाता है. दुनिया भर में अनुमानित 29 मिलियन से ज्यादा नर्सें हैं. पेशंट के बीमारी से उबरने और जल्दी स्वस्थ्य हो कर अस्पताल से डिस्चार्ज होने तक नर्सेज की अहम भूमिका होती है. हमारे समय में यह काफी चुनौतीपूर्ण जवाबदेही थी, सुविधाएं इतनी तब नहीं थी जितनी आज हैं. हमने लालटेन और टॉर्च की रौशनी में भी डिलीवरी करवाईं हैं. इतनी सुविधाजनक अस्पताल तब नहीं हुआ करते थे, आज सब एक नई ईकाई के रूप में दिखाई पड़ता है.
मेडिकल के अन्य कार्यों से अलग है नर्सिंग
अपने आनुभव को याद करते हुए उन्होंने बताया कि नर्सिंग दूसरे स्वास्थ्य से जुड़े कामों से थोड़ी अलग है. नर्स कई तरह की बीमारियों का इलाज और देखभाल कर सकती हैं. ये न सिर्फ बीमार लोगों को ठीक करने में मदद करती हैं, बल्कि लोगों को स्वस्थ रहने के तरीके भी बताती हैं और बीमारी से बचाव के लिए भी काम करती हैं. साथ ही, जो लोग विकलांग हैं या उन्हें शारीरिक या मानसिक बीमारी है, उनकी देखभाल में भी नर्सों का अहम रोल होता है.
खतरे से भरा प्रोफेशन, सावधान रहना बेहद जरुरी
ज्यादातर नर्सें अस्पताल में बीमार लोगों की देखभाल करती हैं. अस्पताल के काम में शारीरिक मेहनत तो काफी ज़्यादा लगती है. साथ ही, काम के दौरान बैक्टीरिया, वायरस और खतरनाक दवाओं के संपर्क में आने से नर्सों को संक्रमण या बीमारी होने का भी खतरा भी ज्यादा रहता है. इस खतरे को कम करने के लिए साफ-सफाई और सुरक्षा के नियमों का पालन करना बहुत ज़रूरी है. खुद भी संक्रमित होने का खतरा भी बना रहता है हमेशा स्वक्षता बनाए रखनी पड़ती है.
24×7 /365 होती है तैनाती
अस्पताल में मरीजों को हर समय देखभाल की ज़रूरत होती है, इसलिए नर्सें अक्सर शिफ्टों में काम करती हैं ताकि चौबीसों घंटे मरीजों का ध्यान रखा जा सके. कई बार नर्सों को रात की शिफ्ट, छुट्टियों या वीकेंड पर भी काम करना पड़ता है. इससे उनकी नींद पूरी नहीं हो पाती और कभी-कभी शिफ्ट में काम करने की वजह से नींद से जुड़ी परेशानी भी हो सकती है. इस कारण नर्सेज को “मानवता की गुमनाम सख्सियत ” भी कहा जाता है.
दूरभाष साक्षात्कार : पार्वती देवी(रिटायर्ड सीनियर नर्स) प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मनियारपुर,वारिस नगर, समस्तीपुर द्वारा – डायटीशियन अमृता कुमारी