तमिलनाडु के एक गांव में 23 वर्षीय महिला का प्रसव के दौरान दिल की धड़कन रुक जाने से निधन हो गया. इस घटना के बाद ही उसके परिवार को पता चला कि उसे जन्म से दिल की बीमारी था, जिसका पता नहीं चल पाया था.

उन्हें नहीं पता था कि अगर प्रेग्नेंसी के शुरुआती चरणों में उसकी जांच कर ली जाती, तो शायद उसकी जान बचाई जा सकती थी. उनके गांव के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में न तो अच्छी जांच की सुविधा थी और न ही कोई कुशल प्रसूति विशेषज्ञ मौजूद था जो चेतावनी के संकेतों को समझ सके.

हालांकि, अब चीजें बदलने वाली हैं. भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) अब एक अध्ययन के लिए धन मुहैया करा रहा है. इस अध्ययन में यह पता लगाया जाएगा कि गर्भवती महिलाओं में दिल की बीमारी के कारण कितनी मातृ मृत्यु दर होती है और भविष्य में होने वाली मौतों को रोकने के लिए क्या उपचार प्रोटोकॉल विकसित किया जा सकता है. यह इसलिए जरूरी है क्योंकि भारत में मातृ मृत्यु दर को कम करने के लिए अभी तक संक्रमण और अत्यधिक ब्लीडिंग जैसे प्रमुख रिस्क फैक्टर को काफी हद तक कंट्रोल कर लिया गया है, लेकिन अब दिल की बीमारी एक बड़ा रिस्क फैक्टर बनकर उभर रहा है.

मातृ मृत्यु दर में 70 प्रतिशत की कमी
अध्ययन के बारे में बताते हुए, ICMR के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. अंजलि सिंह ने कहा कि पिछले दो दशकों में भारत में मातृ मृत्यु दर में 70 प्रतिशत की कमी आई है. हालांकि, यह आंकड़ा अब स्थिर हो गया है. हमें उन नए रिस्क फैक्टर्स की पहचान करने की जरूरत है जो अब भी मातृ मृत्यु का कारण बन रहे हैं. हमारे अध्ययन में, हम यह जांचेंगे कि दिल की बीमारी गर्भवती महिलाओं के लिए कितना बड़ा खतरा है और इसका पता लगाने के लिए किन स्क्रीनिंग विधियों की आवश्यकता है.

कॉम्प्लिकेटेड प्रेग्नेंसी का जल्द पता चलेगा
डॉ. अंजलि ने आगे कहा कि हम जांचेंगे कि प्राथमिक और माध्यमिक स्वास्थ्य देखभाल केंद्रों में किन सुविधाओं और विशेषज्ञता की जरूरत है ताकि कॉम्प्लिकेटेड प्रेग्नेंसी का जल्द पता लगाया जा सके और मरीजों को उचित उपचार मिल सके. यह अध्ययन पूरे भारत में किया जाएगा और इसमें विभिन्न सामाजिक आर्थिक पृष्ठभूमि की महिलाओं को शामिल किया जाएगा. अध्ययन के परिणामों के आधार पर, ICMR गर्भवती महिलाओं के लिए दिल की बीमारी की जांच के लिए दिशानिर्देश तैयार करेगा और प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल केंद्रों को मजबूत करने के लिए सिफारिशें करेगा. यह उम्मीद की जाती है कि ICMR का यह नया अध्ययन भारत में मातृ मृत्यु दर को और कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.

By AMRITA

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