दिल्ली में स्कूल खुलते ही शुगर बोर्ड्स लगने शुरू हो गए हैं। दरअसल, बच्चों में चीनी से होने वाली बीमारी को लेकर CBSE ने स्कूलों को आगाह किया था कि कैंपस में शुगर बोर्ड लगाए जाएं, ताकि बाजार से खरीदकर खा रहे चीजों को लेकर कई बार ऐसा होता है जब बच्चे लगातार प्रोसेस्ड और अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड का सेवन करते हैं तो उनमें गंभीर बीमारियों का खतरा बना रहता है। इसी कड़ी में गर्मी की छुट्टियां खत्म होते ही सेठ आनंदराम जैपुरिया स्कूल ने भी कैंपस में जगह-जगह शुगर बोर्ड लगा दिए हैं। यही नहीं, आज यानी कि 2 जुलाई से शुरू हो रहे स्कूल के सेशन में शुगर और पैकेज्ड फूड के नुकसान को लेकर रोजाना असेंबली में इन बातों के बारे में बच्चों को बताया भी जा रहा है,जो कि स्वास्थ्य के प्रति जागरूक बनाने के लिए एक अच्छी पहल है।

 

स्कूल के कैंटीन का मेनू भी बच्चे ही करेंगे तैयार

 

स्कूल की डायरेक्टर प्रिंसिपल शालिनी नांबियार ने जानकारी दी कि अब कैंटीन के मेनू की जिम्मेदारी भी बच्चों की होगी। वहां पर हेल्दी फूड मौजूद होगा और मेनू क्या हो, इसे बच्चे ही तैयार करेंगे। प्रिंसिपल नांबियार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर बार-बार अपनी चिंता जाहिर करते हैं, खासकर बच्चों में बढ़ते मोटापे को लेकर। लिहाजा, बच्चों की समझ पैकेज्ड फूड के बारे में होनी चाहिए कि वे उनकी हेल्थ पर किस तरह असर डाल रहा है।

 

स्कूल ने जारी की एडवाइजरी

 

स्कूल ने इस कड़ी में एक एडवाइजरी भी तमाम पेरेंट्स को जारी की है, जिसमें साफ-साफ कहा गया है कि कोई भी बच्चा मीठी चीजें लेकर स्कूल न आए। बर्थडे के मौकों पर ऐसा देखा गया था, तो अब स्कूल ने यह कदम उठाया है। यही नहीं, बच्चों को जागरूक करने के साथ-साथ पेरेंट्स भी जागरूक बनें, इसको लेकर स्कूल पेरेंटिंग वर्कशॉप भी शुरू करने जा रहा है। इसके माध्यम से टीचर और पेरेंट्स मिलकर बच्चों की हेल्थ पर बात करेंगे, ताकि भविष्य में होने वाले खतरे से उन्हें बचाया जा सके।बच्चों की समझ बेहतर हो सके।

सौजन्य: टीम हेल्थ वॉच

By AMRITA

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