दिव्या सिंह

मानव शरीर ईश्वर की एक अद्भुत संरचना है। जितना हम इसके बारे में शोध करते हैं, उतने ही हमें अचंभित करने वाले परिणाम मिलते हैं। मानव एक अकेला ऐसा प्राणी है जो असंभव से असंभव कार्यों को भी संभव कर सकता है। वह चाहे तो अपना विकास भी कर सकता है और अपना विध्वंस भी। हमारे शरीर का बाहरी सांचा जितना अद्भुत है, उतना ही अंदर का सांचा अनगिनत रहस्यों से भरपूर है। इसी शरीर के एक ऐसे अद्भुत भाग की आज हम बात करने जा रहे हैं और वह भाग है हमारा ‘मन’। कहते हैं- मन के हारे हार है मन के जीते जीत, यदि हम अपने मन को नियंत्रित करना सीख लें तो हमारा जीवन खुशहाल हो सकता है, हम हर असंभव कार्य को पूरा कर सकने में सक्षम हो सकते हैं। हमारा मन 3 प्रकार का होता है :

चेतन मन- चेतन मन वह अवस्था है, जब हम कोई कार्य सक्रिय अवस्था में रहकर करते हैं या किसी कार्य को पहली बार सीखते या करते हैं, तब हमारा पूरा ध्यान उस कार्य के प्रति समर्पित हो जाता है।
अचेतन मन- सदा सक्रिय व संस्कारों से प्रभावित अवस्था अचेतन मन है। इसमें दमित विचार और कामनाएं संचित रहती हैं।
अवचेतन मन- अवचेतन मन मानव शरीर का एक ऐसा रहस्यमय हिस्सा है, जिसको नियंत्रित कर हम जादुई परिणाम पा सकते हैं। यह एक बहुत ही शक्तिशाली हिस्सा है, यह एक तरीके का डाटा बैंक है जो हमारी यादों, हमारे विश्वासों, पिछले अनुभवों एवं कौशल को सुरक्षित रखता है । जो हम देखते हैं, करते हैं, सोचते हैं, वह सब इसके अंदर संग्रहित रहता है। अवचेतन मन द्वारा हमारी बड़ी से बड़ी समस्या का समाधान निकाला जा सकता है ।अवचेतन मन हमारे दिमाग का वह हिस्सा है, जो मस्तिष्क को भेजे गए निर्देशों को अपने कार्यों को अपने-आप किए जाने वाले कार्यों के समूह के तौर पर संरक्षित रखता है। अगर आप अपनी ज़िदंगी में सकारात्मकता और खुशहाली चाहते हैं तो आपको अपने अवचेतन मन की programing ज़रूर करनी चाहिए, यदि हम इसकी प्रोग्रामिंग सही और सकारात्मक तरीके से करते हैं तो यह हमें बार-बार सकारात्मक चीजों की तरफ आकर्षित करता है।

ऐसे करें अपने अवचेतन मन को एक्टिवेट

खुद की कमजोरियों को समझें, खुद की गलतियों को खोजें, फिर गलतियां कहां से शुरू हुई हैं, वहीं से सुधारने की कोशिश करें। यदि आप हमेशा बिना बात के गुस्सा हो जाते हैं तो आप अपने अवचेतन मन में यह सिग्नल दें कि अब आप बेवजह गुस्सा नहीं करेंगे। जब अवचेतन मन इस सिग्नल को ले लेगा तो वो बार-बार आपको याद दिलाएगा कि अब चाहे आप कितने भी परेशान हों, आपको गुस्सा नहीं करना है और फिर धीरे-धीरे आप देखेंगे कि आपके अंदर से ये सारी बुरी आदतें कम होती जा रही हैं। जितनी सकारात्मक सोच आप उसके अंदर डालेंगे, उतना ही सकारात्मक इंसान आप बाहर से भी बनेंगे।

साधना /ध्यान एक ऐसी विधि है जो हमारे मन-मस्तिष्क को कुछ पलों के लिए बाहरी दुनिया से हटकर उच्चतम चेतना की अवस्था में ले जाती है, जहां पर हम कुछ देर के लिए सांसारिक समस्या, दुख, तकलीफ एवं परेशानी से दूर एक शांतिपूर्ण अवस्था में होते हैं। यह दिमाग में उठ रही सारे तरंगों को नियंत्रित कर हमें शांति देती है और दिमाग को आराम। ध्यान करने की आदत डालना आज के जीवन में हर उम्र के लोगों के लिए बहुत ज़रूरी हो चुका है । यदि आप anxiety, depression जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं तो मेडिटेशन आपके लिए अति उत्तम विकल्प है। ध्यान की मुद्रा में भी आप अपने अवचेतन को प्रोग्राम कर सकते हैं। जैसे आज के दिन मैं दुखी नहीं होऊंगा, जितनी शक्ति आपके affirmation में होगी उतना ही अच्छा परिणाम आपको मिलेगा, सुबह जागने के साथ जो आप चाहते हैं वो अपने अवचेतन को बताएं, रात को सोते समय फिर वो affirmation दोहराएं, कुछ ही दिनों में आप यह महसूस करने लगेंगे कि आपके अंदर सकारात्मकता आ रही है । याद रखें अवचेतन मन को आप जिस तरफ प्रोग्राम करेंगे वह वैसे की काम करेगा, तो इसमें अच्छी सोच डालें, अपनी अच्छी ज़िन्दगी और विकास के लिए, न कि दूसरों को कष्ट पहुंचाने के लिए। हम और हमारा ब्रहमांड ‘Law of attraction’ पर चलता है, जो आप बोलते हैं, वही आप आकर्षित करते हैं, इसलिए इसका प्रयोग हमेशा आप खुद के विकास के लिए करें, न कि दूसरों के विध्वंस के लिए। आपकी सकारात्मक सोच ही आपके उत्तम मनुष्य होने का सामर्थ्य है और इसी से आपकी सफलता और हार सुनिश्चित होती है।

By AMRITA

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