मानसून में गर्मी से राहत तो मिलती है, लेकिन बीमारियां बहुत आती हैं। इस मौसम में लोग काफी बीमार पड़ते हैं। वे बुखार, जुकाम, या फ्लू की चपेट में आ जाते हैं। ऐसे में हेल्दी ड्रिंक्स को अपनी डाइट का हिस्सा बनाएं। अगर आप इन पांच तरह के काढ़े का उपयोग करते हैं, तो आपका इम्यून सिस्टम मजबूत होगा और आप बीमारियों से लड़ने में सक्षम होंगे। इसलिए इन काढ़े को घर पर बनाएं और इस्तेमाल करें। अगर आपको किसी भी तरह की गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, तो डॉक्टर की सलाह लें।
काढ़े सदियों पुराने आयुर्वेदिक ड्रिंक्स हैं जो जड़ी-बूटियों और मसालों को पानी में उबालकर उनके औषधीय गुणों को निखारने के लिए बनाए जाते हैं। आज ऐसे हीं 5 काढ़े के बारे में जानते हैं जिन्हें आप घर पर आसानी से बनाकर अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत कर सकते हैं और बरसात के मौसम में स्वस्थ रह सकते हैं।
1. तुलसी-अदरक काढ़ा
तुलसीजी का पौधा लगभग हर एक हिंदू के घर में होता ही होता है और इसकी पत्तियां बहुत ही गुणकारी होती हैं। यह एक शक्तिशाली एडाप्टोजेन है जो रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए जानी जाती है, जबकि अदरक सूजन और जकड़न से राहत दिलाने में मदद करता है। तुलसी के 4-5 ताजा पत्तों को कुटी हुई अदरक, कुछ काली मिर्च, और थोड़े से गुड़ या शहद के साथ उबालें। गले की खराश से राहत पाने और संक्रमण से बचाव के लिए दिन में एक बार इस गर्म काढ़े का सेवन करें।
2. हल्दी-दालचीनी काढ़ा
हल्दी एक नेचुरल जनरोधी है, और दालचीनी पाचन में सुधार करती है और ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करती है। ये दोनों मिलकर वायरल बीमारियों से लड़ने और आपके शरीर को मजबूत रखने के लिए बहुत फायदेमंद हैं, और दोनों को मिलाकर एक शक्तिशाली काढ़ा बनता है। 2 कप पानी में आधा छोटा चम्मच हल्दी और दालचीनी का एक छोटा टुकड़ा डालें। इसे 10-15 मिनट तक उबलने दें। गरमागरम पिएं।
3. गिलोय-आंवला काढ़ा
आयुर्वेद में गिलोय (गुडूची) को बहुत उपयोगी माना जाता है और यह व्यापक रूप से ब्लड को शुद्ध करने और रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने के लिए यूज किया जाता है। बता दें कि यह विटामिन सी से भरपूर आंवला शरीर की संक्रमणों से लड़ने की क्षमता को बढ़ाता है। गिलोय के तने के एक टुकड़े या पाउडर को 1 छोटा चम्मच आंवले के रस या पाउडर के साथ उबालें। यह काढ़ा शरीर से विषैले पदार्थों को बाहर निकालने के लिए बहुत अच्छा है।
4. मुलेठी-सौंफ का काढ़ा
(मुलेठी की जड़) गले को आराम देती है और सूजन से लड़ती है, जबकि सौंफ पाचन में सहायक होती है और एसिडिटी से बचाती है जो मानसून में आम है। यह काढ़ा हल्का है और बच्चों के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है। दरअसल, इसे बनाने के लिए उबलते पानी में एक छोटी मुलेठी और एक छोटा चम्मच सौंफ डालें और छानकर धीरे-धीरे घूंट-घूंट करके पिएं।
5. लौंग-काली मिर्च का काढ़ा
लौंग और काली मिर्च दोनों ही अपने गर्माहट देने वाले गुणों और रोगाणुरोधी गुणों के लिए जानी जाती हैं। अगर आपको फ्लू या बुखार के शुरुआती लक्षण महसूस हो रहे हैं तो यह काढ़ा आपके लिए फायदेमंद है। 2-3 लौंग, 4-5 काली मिर्च, और अदरक का एक छोटा टुकड़ा पानी में उबालें। और भी ज्यादा फायदे के लिए इसमें तुलसी भी मिलाएं।
काढ़ा पीने का सही तरीका
रोज 1 कप काढ़ा पिएं।
काढ़े में गुड़ या शहद का प्रयोग करें, चीनी का नहीं
ये लोग काढ़ा न पिएं- एसीडिटी, गर्भवती महिला, खास प्रकार की एलर्जी वाले लोग।
काढ़ा के अधिक सेवन से पेट में जलन हो सकती है, इसलिए संयमित मात्रा और अनुपात में ही लें।
अगर आप गर्भवती हैं, स्तनपान करा रही हैं, या कोई चिकित्सीय स्थिति है, तो हमेशा डॉक्टर से परामर्श लें।
ये सरल, नेचुरल उपचार आपकी प्रतिरक्षा को मजबूत रख सकते हैं और आपको स्वस्थ मानसून मौसम का आनंद लेने में मदद कर सकते हैं।
अमृता कुमारी – नेशन्स न्यूट्रिशन क्वालीफाईड डायटीशियन डायबिटीज एजुकेटर, अहमदाबाद