हर इंसान के लिए शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य बहुत जरूरी तथ्य है। हमारा पोषण, जीवनशाली और सामाजिक परिवेश हमारे संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए जिम्मेदार होते हैं। शारीरिक स्वास्थ्य के अलावा मानसिक स्वास्थ्य हमारे लिए सबसे महत्वपूर्ण होता है। मानसिक रोग भी कई तरीके के होते हैं इनमें से ही एक है OCD और OCPD। आइए जानते हैं क्या है यह OCD और OCPD ,और कैसे यह दोनों एक दूसरे से अलग हैं?
यह एक ऐसी मेंटल कंडीशन है जिसमें इंसान बार-बार एक जैसा काम करने लगता है। चाहे उसे पता हो कि ऐसा करना जरूरी नहीं है, इसके बावजूद वो ये काम करेगा। उसकी ये आदतें धीरे-धीरे उसकी जिंदगी पर असर डालने लगती हैं।
क्या है OCD?
ये दिमागी सेहत से जुड़ा एक डिसऑर्डर है। इससे जूझ रहे इंसानों के मन में बार-बार ऐसे ख्याल आते हैं जिससे वो परेशान होता है। इन्हीं ख्यालों से छुटकारा पाने के लिए वो कुछ कामों को बार-बार करने लगता है, जैसे बार-बार हाथ धोना या ताले चेक करना। उसकी ये आदतें उसके जिंदगी को मुश्किल बना देती हैं। वो चाहकर भी अपनी इस आदतों से छुटकारा नहीं पा सकता है।
OCD और OCPD में क्या है फर्क?
OCD और OCPD नाम से मिलते हैं, लेकिन दोनों अलग-अलग बीमारी हैं। OCD में इंसान को अपनी आदतें अजीब लगती हैं और वो इलाज करवाना चाहता है। जबकि OCPD में उसे लगता है कि उसकी आदतें बिल्कुल सही हैं, भले ही वे दूसरों को परेशान ही क्यों न कर रहीं हों। साथ ही OCPD से ग्रसित लोगों को लगता है कि वह सबसे बेस्ट है वह जो भी कर रहे हैं वह बाकी लोगों से कहीं बेहतर है । कहीं न कहीं उनमें घमंड की भावना ज्यादा देखी जाती है।
किसे हो सकता है OCD ?
हालांकि ओसीडी किसी को भी हो सकती है। लेकिन ज्यादातर मामलाें में इसके लक्षण 19 साल की उम्र से पहले ही शुरू हाे जाते हैं। हर 100 में से लगभग दो लोग OCD से पीड़ित होते हैं। यानी ये कोई बहुत ही दुर्लभ बीमारी नहीं है।
क्या हैं इसके लक्षण?
गंदगी या कीटाणुओं से बहुत ज्यादा डर लगना
गलती कर देने का डर
किसी को नुकसान पहुंचा देने का डर
बार-बार यही सोचते रहना कि कोई काम ठीक से हुआ या नहीं
चीजों को एकदम सही तरीके से जमाने की जरूरत महसूस होना
बार-बार मन में गलत ख्याल आना
हाथ धोते रहना
दरवाजा, लॉक या गैस बार-बार चेक करना
कुछ शब्द या मंत्रों को बार-बार दोहराना
चीजों को बहुत सटीक तरीके से करना
गिनती करना या कोई काम खास तरीके से करना।
क्यों होता है OCD ?
ये बीमारी जेनेटिक होती है। परिवार में इतिहास रहा है तो आपको भी खतरा हो सकता है।
जब दिमाग के कुछ हिस्से सही तरीके से काम नहीं करते हैं तो भी ये समस्या हो सकती है।
अगर बचपन में कोई डरावना एक्सपीरियंस रहा हो तो भी ये बीमारी हो सकती है।
अमृता कुमारी – नेशन्स न्यूट्रिशन क्वालीफाईड डायटीशियन डायबिटीज एजुकेटर, अहमदाबाद