आजकल के जीवनशैली की अत्यधिक व्यवस्ता ने परिवार में रह रहे दो लोगों के बीच भी इतनी दूरी बना दी है की एक छत के नीचे रहते हुए भी उन्हें अकेलापन महसूस होता है. यह अकेलापन कई प्रकार के मानसिक विकार का कारक बनता है.अनिद्रा, डिप्रेशन, एंजायटी, घबराहट,बेचैनी, हृदय रोग, माइग्रेन और भी बहुत कुछ जिसकी उपज यह अकेलापन है. आजकल इस अकेलेपन की वजह से कई लोग घर के बाहर रिलेशन में आ जाते हैं. हालांकि यह कहीं से भी गलत नहीं है क्योंकि मानव की प्रवृत्ति ही है संयुक्त रहना किसी के साथ रहना अब यह साथ शारीरिक हो या मानसिक लेकिन यह प्राकृतिक मानव स्वभाव है कि मनुष्य अकेला नहीं रह सकता. यही सब कारणों से सीरियल डेटिंग जैसे मानसिक विकार से लोग ग्रसित हो जाते हैं. आइए जानते हैं सीरियल डेटिंग के बारे में.
क्या है सीरियल डेटिंग?
सीरियल डेटिंग का मतलब होता है कि जब कोई इंसान लगातार एक के बाद एक रोमांटिक रिश्तों में शामिल हो और वो भी किसी लंबे टाइम के ब्रेक के बाद. आजकल ज्यादातर लोग एक रिश्ता खत्म होते ही दूसरे रिश्ता शुरू कर देते है. ऐसे लोगों को कोई स्टेबल रिश्ते की तलाश नहीं होती है.
सीरियल डेटिंग के लक्षण
1. हर रिश्ते की शुरूआत बहुत जल्दी कर देते है.
2. एक रिश्ता खत्म होते ही कुछ ही दिनों में नया रिलेशन शुरू हो जाता है.
3. ऐसे इंसानों को अकेले रहना बहुत मुश्किल लगता है.
4. हर पार्टनर में कोई न कोई कमी जल्दी दिखने लगती है.
5. पुराने रिश्तों की गलतियों से सबक नहीं लिया जाता.
सीरियल डेटिंग के कारण
सीरियल डेटिंग के पीछे कई मेंटल और इमोशनल कारण हो सकते हैं. जैसे-
1. जज्बाती खालीपन: आज के समय में ज्यादातर लोग प्यार और अपनापन पाने के लिए किसी से भी बार-बार रिश्ते बनाते हैं.
2. लो कॉन्फिडेंस: जब किसी को खुद से ज्यादा दूसरों की यकीन हो या रिकॉगनिशन चाहिए होती है, तब वे रिलेशनशिप में सिक्योरिटी ढूंढते हैं.
3. कमिटमेंट का डर: कई बार लोग डीप रिलेशनशिप से डरते हैं, इसलिए सुपरफिशियल और शॉर्ट टर्म रिलेशनशिप में ही उलझे रहते हैं.
4. पुराने ब्रेकअप की भरपाई: बहुत से लोग अपने पुराने रिश्ता टूटने का दुख दूर करने के लिए नया रिलेशनशिप शुरू कर देता है.
उपचार:
यदि आप स्वयं या आपकी जान-पहचान, आपके मित्र , आपके परिवार में या आपके ऑफिस का कोई इस मानसिक रोग से ग्रसित दिखता हो तो उसकी जल्द से जल्द सहायता करने की कोशिश करें.जितनी जल्दी हो सके किसी मानसिक रोग चिकित्सक से सलाह मशवरा करना बेहतर होगा. एक व्यक्तिगत काउंसिल काफी मददगार साबित हो सकती है. साथ ही संभव हो तो अच्छे मित्र बनाएं. खुद को किसी सकारात्मक क्रियाकलापों में व्यस्त रखें. कुछ क्रिएटिव करें कुछ इन्नोवेटिव करें सोशल बनें. लोगों से मिलने जुलने में हिचकिचाएं नहीं, संगीत सुनें, मेडिटेशन करें. यह सब इस मानसिक विकार से बाहर निकलने में आपकी बहुत सहायता करेंगे.
अमृता कुमारी – नेशन्स न्यूट्रिशन क्वालीफाईड डायटीशियन डायबिटीज एजुकेटर, अहमदाबाद