आयुर्वेद के अनुसार नहाने का पानी चुनने के तरीके

यूं तो नहाने के लिए ठंडे या गर्म पानी का चुनाव व्‍यक्तिपरक होता है, लेकिन किसी भी निष्‍कर्ष पर आने से पहले, अपनी उम्र, आदतों, सदियों पुरानी प्रथाओं, बीमारी आदि जैसे कारकों पर विचार करना चाहिए। हालांकि गर्म या ठंडे पानी दोनों से नहाने के अपने कई फायदे हैं।

ठंडे पानी से नहाने के फायदे

सुबह के समय ठंडे पानी से नहाने से आलस्‍य से छुटकारा पाने में मदद मिलती है।
ठंडे पानी से नहाने से डिप्रेशन को दूर करने वाले बीटा एंडोर्फिन नामक केमिकल के रिलीज में मदद कर अवसाद को दूर करता है।
ठंडे पानी से नहाने से टेस्‍टोस्‍टेरोन के रिलीज में मदद होती है जिससे पुरुषों में प्रजनन स्वास्थ्य में सुधार होता है।
यह फेफड़ों के कार्यों में भी सुधार लाने में मदद करता है।
ठंडे पानी का स्नान शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली और लसीका को उत्तेजित करता है जिससे संक्रमण के खिलाफ लड़ने के लिए कोशिकाओं का उत्पादन बढ़ता है।

गर्म पानी से नहाने के फायदे

हम सभी जानते हैं कि गर्म तापमान कीटाणुओं को अधिक तेजी से मारता है। इस तरह गर्म पानी से नहाने से शरीर साफ होता है।
गर्म पानी मांसपेशियों के लचीलेपन में सुधार और दर्द वाली मांसपेशियों को आराम देने में मदद करता है।
गर्म पानी से स्‍नान शरीर में शुगर के स्‍तर को कम करने और डायबिटीज के खतरे को कम करने में मदद करता है।
इसके अलावा यह भाप नली को साफ कर खांसी और सर्दी के इलाज के लिए फायदेमंद होता है।

ठंडे या गर्म पानी के बीच चयन कैसे करें

1. उम्र पर आधारित
युवाओं और बुजुर्ग को ‍गर्म पानी से नहाने का सु‍झाव दिया जाता है। लेकिन अगर आप छात्र है और अपना ज्‍यादातर समय पढ़ने में लगाते हैं तो आपके ठंडे पानी से नहाना ज्‍यादा फायदेमंद होगा।

2. शारीरिक प्रकार पर आधारित
अगर आपके शरीर का प्रकार पित्‍त है तो आपके लिए ठंडे पानी से नहाना बेहतर रहता है और अगर आपके शरीर का प्रकार कफ या वात है तो गर्म पानी का उपयोग करें।

3. रोगों पर आधारित
अगर आप पित्‍त से संबंधित किसी रोग जैसे अपच या लीवर संबंधित विकार से पीडि़त हैं, तो ठंडे पानी से नहाना आपके स्‍वास्‍थ्‍य के लिए बहुत फायदेमंद होगा। और अगर आप कफ या वात से संबंधित विकारों से पीड़ि‍त हैं तो गर्म पानी से नहाना चाहिए। अगर आप मिर्गी रोगी हैं, तो गर्म और ठंडे पानी दोनों से नहाने के लिए मना किया जाता है इसकी बजाय, गुनगुने पानी से नहाना चाहिए।

4. आदतों पर आधारित

अगर आप नियमित रूप से काम करते हैं तो गर्म पानी से नहाने का सुझाव दिया जाता है।

5. समय पर आधारित
अगर आप सुबह के समय नहाते हे तो ठंडे पानी से नहाना बेहतर रहता है। लेकिन अगर आप रात में नहाते हैं तो आराम महसूस करने के लिए गर्म पानी से नहाना चाहिए। चूंकि शाम के समय वात क प्रभुत्‍व होता है इसलिए गर्म पानी से नहाना फायदेमंद होगा।

कैसे नहायें

“जल्‍दबाजी में नहाना जल्‍दबाजी में भोजन करने की तरह होता है और आपके शरीर को सभी लाभ नहीं मिल पाते। और आप जल्‍दी में नहाते है तो ठीक से शरीर की सफाई भी नहीं होती।“ ताजगी पाने के लिए नहाने का अच्‍छा अनुभव करना जरूरी होता है। आप इस प्रक्रिया का धीरे-धीरे का पालन करें ताकि आपके शरीर के हर हिस्से में पानी ठीक तरह से जा सके।

  • नहाने की शुरुआत अपने हाथ और पैरों को धोने से करें।
  • अगर आप ठंडे पानी से नहा रहे हैं तो आपको शुरुआत सिर से पांव से करनी चाहिए।
  • और अगर आप गर्म पानी से नहा रहे हैं तो आपको पैरों की उंगालियों से धोना शुरु करते हुए फिर सिर तक आना चाहिए।
  • आपको बाजार में उपलब्‍ध केमिकल युक्‍त साबुन से बचना चाहिए क्‍योंकि सभी केमिकल आपकी त्‍वचा अवशोषित कर सकती है।
  • नहाने से पहले सरसों के तेल या तिल के तेल की मसाज आपके शरीर के लिए फायदेमंद हो सकती है। यह मांसपेशियों को रिलैक्‍स करने और त्‍वचा की बनावट में सुधार करने में मदद करती है।
  • हालांकि स्‍नान करते समय जल्‍दी नहीं होनी चाहिए, लेकिन बहुत देर तक भी नहाना ठीक नहीं होता। इसके अलावा बेहतर स्‍वच्‍छता के लिए दिन में दो बार नहाना पर्याप्‍त रहता है।
  • आप नहाने के पानी के कुछ नीम मिलाकर कुछ समय मे लिए छोड़ सकते है। फिर इस पानी से नहाने से त्‍वचा के स्‍वास्‍थ्‍य में सुधार होता है।

 (प्रियंवदा दीक्षित – फूड फॉर हील) ‌‌                (क्वालीफाईड डायटीशियन, आगरा)

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