प्रियंवदा दीक्षित, फूड फॉर हील       (क्वालीफाईड डायटीशियन,आगरा) 

किसी भी व्यक्ति के लिए शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों ही बहुत जरूरी हैं। अगर कोई व्यक्ति शारीरिक रूप से स्वस्थ है लेकिन उसका मानसिक स्वास्थ्य खराब है तो उसे अपने जीवन में कई प्रकार की दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। मानसिक स्वास्थ्य से एक व्यक्ति को अपनी क्षमताओं का पता चलता है, उसके भीतर आत्मविश्वास आता कि वे जीवन में तनाव से सामना कर सकता है और अपने काम या कार्यों से अपने समुदाय के विकास में योगदान दे सकता है। मानसिक विकार व्यक्ति के स्वास्थ्य-संबंधी व्यवहार, फैसले, नियमित व्यायाम, पर्याप्त नींद, सुरक्षित यौन व्यवहार आदि को प्रभावित करता है और शारीरिक रोगों के खतरे को बढ़ाता है। मानसिक अस्वस्थता के कारण ही व्यक्ति को बेरोजगार, बिखरे हुए परिवार, गरीबी, नशीले पदार्थों का सेवन और संबंधित अपराध का सहभागी बनना पड़ता है। अगर किसी व्यक्ति का मानसिक स्वास्थ्य सही रहेगा तो उसका जीवन भी सही रहेगा।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, मानसिक स्वास्थ्य एक ऐसी स्थिति है, जिसमें व्यक्ति को अपनी क्षमताओं का एहसास होता है। इस स्थिति में व्यक्ति दूसरों के साथ सकारात्मक तरीके से बातचीत कर सकता है। साथ ही तनाव की समस्या से निपटने की क्षमता भी रखता है ।

यदि किसी को मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्या होती है, तो उनमें इसके लक्षण पहले ही दिखाई देना शुरू हो जाते हैं। मानसिक स्वास्थ्य के लक्षण कुछ इस तरह के हो सकते हैं:-

 

खाने या सोने की आदतों में बदलाव

पसंदीद लोगों और गतिविधियों से दूरी बनाना

ऊर्जा हीन या लो एनर्जी का एहसास होना

सुन्न महसूस करना जैसे कि कुछ भी मायने नहीं रखता है

अजीब सा दर्द महसूस होना

असहाय या निराश महसूस करना

धूम्रपान, शराब पीना और ड्रग्स का अधिक उपयोग करना

कन्फ्यूज्ड होना, चीजों को भूलना और गुस्सा आना

परेशान, चिंतित या डरा हुआ महसूस करना

मूड स्विंग्स के कारण रिश्तों में दरार पड़ना

दिमाग में बार-बार उन यादों का आना, जिन्हें भूलना चाह रहे हैं

ऐसी आवाजें सुनना और बातों पर विश्वास करना जो सच नहीं हैं

खुद को या दूसरों को नुकसान पहुंचाने की सोच

दैनिक कार्य को ठीक से न कर पाना

 

मानसिक स्वास्थ्य को कैसे बेहतर बनाए रखें

1. व्यायाम

मानसिक स्वास्थ्य के उपाय के तौर पर व्यायाम कर सकते हैं। दरअसल, व्यायाम के दौरान होने वाली शारीरिक गतिविधि से तनाव और अवसाद कम होता है। साथ ही यह मूड में सुधार करने का भी काम कर सकता है। इसलिए, शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य के लिए व्यायाम करना जरूरी है ।

2. मेडिटेशन

यह मन और शरीर का अभ्यास होता है, जिसे ध्यान केंद्रित करने के लिए किया जाता है। इससे मानसिक स्वास्थ्य बेहतर हो सकता है। मेडिटेशन के कई तरीके होते हैं, जिसे दिनचर्या में शामिल किया जा सकता है। इनमें माइंडफुलनेस मेडिटेशन और ट्रांसेंडेंटल मेडिटेशन भी शामिल हैं। ये दोनों ध्यान करने की तकनीक हैं, जिनके माध्यम से मन को शांत रखा जा सकता है ।

3. रिलेक्सेशन तकनीक

रिलैक्सेशन एक्सरसाइज के माध्यम से पूरे शरीर को आराम दिया जा सकता है। इस तकनीक के मदद से रक्तचाप और मांसपेशियों में तनाव व मानसिक तनाव को कम करने में सहायता मिल सकती है। इससे मानसिक स्वास्थ्य भी बेहतर हो सकता है।

4. लिखना

कई सारी चीजों को दिमाग में रखने से टेंशन हो सकती है। इससे मानसिक स्वास्थ्य धीरे-धीरे बिगड़ते जाता है। ऐसे में लेखन की मदद से चीजों को दिमाग से निकालने से मन को हल्का महसूस हो सकता है। इससे मूड बेहतर करने में भी सहायता मिल सकती है ।

5. टाइम मैनेजमेंट स्ट्रेटजी

एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) की वेबसाइट पर प्रकाशित वैज्ञानिक परीक्षण में मानसिक स्वास्थ्य के लिए टाइम मैनेजमेंट ट्रेनिंग को प्रभावी बताया गया है। टाइम मैनेजमेंट स्ट्रेटेजी चिंता, अवसाद, नींद की गुणवत्ता में सुधार करने के साथ ही नकारात्मक भावनाओं से बचाने का काम कर सकता है। इस ट्रेनिंग के दौरान यह खास ध्यान दिया जाता है कि व्यक्ति का ध्यान परेशान करने वाली बातों में न जाए और उसका दिमाग किसी-न-किसी कार्य में व्यस्त रहे ।

6. ओरोमा थेरेपी (लेवेंडर तेल ) 

अरोमाथेरेपी की मदद से मानसिक स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है। इस बात की पुष्टि के लिए हुए वैज्ञानिक रिसर्च में दिया है कि लैवेंडर का तेल कई न्यूरोलॉजिकल (मस्तिष्क से संबंधित) विकारों के उपचार में प्रभावी औषधि का काम करता है। इससे चिंता, तनाव और अवसाद सभी को कम किया जा सकता है

7. कैनेबिडयल ऑयल 

एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित रिसर्च पेपर से मिली जानकारी के अनुसार, कैनाबिडियोल ऑयल के इस्तेमाल से चिंता की समस्या कम हो सकती है। साथ ही इस तेल के उपयोग से नींद की गुणवत्ता में भी सुधार हो सकता है। इसी वजह से माना जाता है कि मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर करने में यह तेल अच्छी भूमिका निभाता है।

8. हर्बल टी

मानसिक स्वास्थ्य में सुधार करने के लिए कैमोमाइल को लेकर कई शोध किए गए है। उन परीक्षणों से पता चलता है कि कैमोमाइल टी में एंटी-डिप्रेसेंट और एंटी एंग्जायटी प्रभाव होते हैं। इन दोनों गतिविधियों के कारण अवसाद और चिंता की समस्या दूर रहती है और मानसिक स्वास्थ्य बेहतर हो सकता है

9. ओमेगा-3 फैटी एसिड

ओमेगा -3 फैटी एसिड मानसिक स्वास्थ्य के लिए जरूरी होता है। इस बात को प्रमाणित करने के लिए किए गए अध्ययन में दिया हुआ है कि ओमेगा -3 फैटी एसिड अवसाद और सिजोफ्रेनिया की समस्या को कम करने का काम कर सकता है। इससे मानसिक स्वास्थ्य को लाभ मिलता है।

10. दोस्तों और परिवार संग समय बिताना

मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर रखने में दोस्तों और परिवार के सदस्यों की भी अहम भूमिका होती है। सोशल सपोर्ट और लोगों से मजबूत रिश्ता होने पर इंसान अपने मन की सारी बातें खुलकर एक दूसरे से एक कर सकता है, जिससे मानसिक स्वास्थ्य बेहतर रह सकता है। साथ ही तनाव, चिंता जैसे मानसिक विकार दूर रहते हैं ।

  1. पेट्स के साथ समय बिताना

मानसिक स्वास्थ्य के लिए पेट्स थेरेपी को भी आजमाया जा सकता है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर पब्लिश वैज्ञानिक रिसर्च के अनुसार, पेट्स मूड को अच्छा करने का काम कर सकते हैं। इससे व्यक्ति को सकारात्मक तरीके से सोचने में भी मदद मिल सकती है ।

 

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