
कई सर्जन आपको अस्पताल में भर्ती होने से पहले या कुछ आउटपेशेंट प्रक्रियाओं से पहले नियमित प्रयोगशाला परीक्षण का आदेश देते हैं। परीक्षण उन संभावित समस्याओं का पता लगाने में मदद करते हैं जो अगर समय रहते नहीं पाई गईं और उनका इलाज नहीं किया गया तो सर्जरी को जटिल बना सकती हैं। सर्जरी से पहले किए जाने वाले कुछ सबसे आम परीक्षणों में शामिल हैं:
- छाती का एक्स-रे। एक्स-रे सांस की तकलीफ, सीने में दर्द, खांसी और कुछ बुखार के कारणों का निदान करने में मदद कर सकते हैं। वे हृदय और फेफड़ों की समस्याओं का निदान करने में भी मदद कर सकते हैं।
- इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (ईसीजी)। यह परीक्षण हृदय की विद्युत गतिविधि को रिकॉर्ड करता है। यह असामान्य लय (अतालता) दिखाता है; हृदय की मांसपेशियों की क्षति का पता लगाता है; और सीने में दर्द, दिल की धड़कनों में तेज़ी (धड़कन) और दिल की धड़कनों में गड़बड़ी का कारण जानने में मदद करता है।
- मूत्र विश्लेषण। यह परीक्षण गुर्दे और मूत्राशय के संक्रमण और मधुमेह का निदान करने में मदद कर सकता है। कुछ प्रकार के मूत्र विश्लेषण से शरीर में अवैध दवाओं का भी पता लगाया जा सकता है।
- श्वेत रक्त गणना। यह परीक्षण कुछ खास बुखार और संक्रमणों का निदान करने में मदद कर सकता है। यह यह भी पता लगा सकता है कि क्या आप ऐसी दवाएँ ले रहे हैं जो श्वेत रक्त गणना को प्रभावित करती हैं।
सर्जरी से पहले आपको इनमें से एक या अधिक रक्त परीक्षण करवाने की आवश्यकता हो सकती है:
- ग्लूकोज। यह परीक्षण आपके रक्त शर्करा के स्तर को मापता है।
- इलेक्ट्रोलाइट्स। यह परीक्षण आपके रक्त में पोटेशियम, सोडियम और अन्य इलेक्ट्रोलाइट्स की मात्रा को मापता है। ये रसायन हृदय की लय और शरीर के अन्य कार्यों को विनियमित करने में मदद करते हैं।
- गुर्दे के कार्य का अध्ययन। यह परीक्षण रक्त यूरिया नाइट्रोजन (बीयूएन) और क्रिएटिनिन को मापता है ताकि यह देखा जा सके कि गुर्दे कितनी अच्छी तरह काम कर रहे हैं।
- पूर्ण रक्त गणना (सीबीसी): यह परीक्षण लाल रक्त कोशिकाओं की कम संख्या (एनीमिया), कम प्लेटलेट काउंट और संक्रमण की जांच करता है।
- जमावट अध्ययन (पीटी/पीटीटी): इन परीक्षणों से पता चलता है कि आपका रक्त कितनी अच्छी तरह से जमता है।
(प्रियंवदा दीक्षित – फूड फॉर हील) (क्वालीफाईड डायटीशियन, आगरा)