सनस्क्रीन लगाना 365 दिन जरूरी है लेकिन इसे दिन में बार-बार लगाना एक झंझट है. अब बाजार में सनस्क्रीन लोशन के रूप में ही नहीं बल्कि गोली में भी आ रहे हैं.
सनस्क्रीन की गोलियां बेहतर विकल्प
स्किन स्पेशलिस्ट का कहना है कि सनस्क्रीन लोशन कई तरह की कंफ्यूजन पैदा करते हैं. बाजार में कई SPF वाले सनस्क्रीन बिक रहे हैं लेकिन इंडियन स्किन के लिए SPF 15++ और 30++ ठीक रहते हैं. वहीं जो लोग पश्चिमी देशों में रहते हैं, उनके लिए SPF50 बेस्ट होता है. यह स्किन टाइप के हिसाब से आते हैं लेकिन लोगों को नहीं पता होता. ऑयली स्किन वालों के लिए जेल या मैट सनस्क्रीन, ड्राई स्किन वालों के लिए क्रीम या लोशन और सेंसिटिव स्किन वालों के लिए फिजिकल सनस्क्रीन लोशन बेस्ट रहता है. लेकिन इन्हें हर 3 से 4 घंटे बाद दोबारा अप्लाई करना पड़ता है. वहीं ओरल सनस्क्रीन यानी सनस्क्रीन की गोलियों के साथ यह झंझट नहीं है. इसे दिन में 1 बार ही खाना होता है और यह हर स्किन टाइप को सूट करती हैं.
क्यों खास है ओरल सनस्क्रीन
ओरल सनस्क्रीन एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन का मिश्रण होता है जो स्किन को बाहर से और शरीर को अंदर से यूवी रेंज से सुरक्षा देता है. इसे खाने से टैनिंग की समस्या बिल्कुल नहीं सताती. दरअसल यह गोली खून में मिल जाती है जो शरीर को डबल प्रोटेक्शन देती है.
त्वचा रहती है मुलायम
ओरल सनस्क्रीन में एंटी एजिंग गुण होते हैं. इसे ब्रेकफास्ट के बाद खाया जा सकता है. या घर से बाहर निकलने से आधे घंटे पहले खा सकते हैं. जिन लोगों के चेहरे पर सूरज की किरणों की वजह से सूजन या लाल रंग के धब्बे पड़ जाते हैं, उनके लिए ओरल सनस्क्रीन वरदान है. इससे त्वचा मुलायम बनती है और झुर्रियां नहीं पड़ती. इन गोली के साथ दिनभर में खूब सारा पानी पीना भी जरूरी है.
किन लोगों के लिए फायदेमंद
ओरल सनस्क्रीन को हर कोई खा सकता है लेकिन इसे लेने से पहले डॉक्टर की सलाह बेहद जरूरी है. त्वचा रोग विशेषज्ञ स्किन की जांच करने के बाद ही इसे लेने की सलाह देते हैं. जिन लोगों को सनस्क्रीन लगाने के बाद भी टैनिंग रहती है या सनबर्न हो जाते हैं, उन्हें सनस्क्रीन की गोलियां दी जाती हैं. जिनकी स्किन सेंसिटिव है और सनस्क्रीन लगाने के बाद दिक्कत होती है, उनके लिए भी इसकी गोलियां बेहतर विकल्प है.
हेल्थ वॉच पोर्टल