कहते हैं इंसान का चेहरा उसके व्यक्तित्व की पहली झलक होती है और उसकी मुस्कान उसके स्वभाव की एक सटीक पहचान। लेकिन क्या हो जब आपकी खूबसूरत मुस्कान को कीड़े लग जाएं? जी हाँ हम आपके दातों की ही बात कर रहे हैं।

दांतों की सही तरह से सफाई ना की जाए तो दांतों की दिक्कतें होना शुरू हो जाती हैं. दांतों को साफ ना करने पर पीलापन जमने लगता है. पीले दांत और प्लाक के कारण मसूड़ों और दांतों पर बुरा प्रभाव पड़ने लगता है. मुंह और मसूड़ों से दुर्गंध आने लगती है।

दांतों में सड़न (Tooth Cavity) होने को दांत में कीड़े लगना कहते हैं. दांतों की यह सड़न दांत टूटने का कारण भी बनती है. ऐसे में दांतों की दिक्कतों को दूर करने के लिए घर की ही एक चीज काम आ सकती है. इस चीज को चबाने पर दांतों का खोखलापन कम हो सकता है. इससे खोखले हुए दांत फिर से मिनरलाइज्ड हो सकते हैं.

सड़े दांत के लिए करें देसी उपाय

जैसा कि आप जानते हैं डेंटल ट्रीटमेंट काफी महंगे होते हैं। ऐसे में हम कई बार सोचते हैं कि हमारे दांतों की सड़न के लिए अगर कोई देसी जुगाड़ या घरेलू उपाय मौजूद हो तो हम उसे अपने दांतों की सड़न को रोक सकते हैं या ठीक कर सकते हैं।

कीड़ा लगे, सड़े और खोखले दांत को फिर से ठीक करने के लिए जाइलाटोल चबाया जा सकता है. जाइलाटोल कुछ सब्जियों में पाया जाता है लेकिन इन सब्जियों में इसकी मात्रा बेहद कम होती है. वहीं, जाइलाटोल कुछ कंपनियां गम की फोर्म में भी बनाती हैं. आपको जाइलाटोल के ऐसे गम्स लेने हैं जिनमें शुगर की मात्रा कम हो. खाना खाने के बाद जाइलाटोल की एक गम लेकर चबा लें. इस गोली को खाने पर लार बनने लगेगी और दांत एक बार फिर मिनरलाइज होने लगेगा. जाइलाटोल चबाने पर मुंह में एक बार फिर लार बनने लगेगी जिससे खनिज उसपर आकर रुकने लगेंगे. इससे दांतों का खोखलापन भरने लगेगा.

काम के घरेलू नुस्खे 

  • दांतों की सड़न दूर करने के लिए हल्दी का इस्तेमाल किया जा सकता है. हल्दी के एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीबैक्टीरियल गुण भी दांतों की सड़न को दूर करने में मददगार होते हैं.
  • लहसुन (Garlic) में मौजूद एलिसिन भी दांतों के लिए फायदेमंद है. लहसुन को कच्चा ही हल्का सा कूटकर सड़े हुए दांत पर रखा जा सकता है.
  • नमक वाले पानी से दांतों की सड़न कम होने लगती है. इससे दांतों के बीचों-बीच जमी गंदगी भी हटना शुरू हो जाती है.
  • अमरूद के पत्ते भी दांतों के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं. अमरूद के पत्तों से मुंह में मौजूद बैक्टीरिया भी हटना शुरू हो जाते हैं. इससे मसूड़ों की इंफ्लेमेशन कम होने लगती है.
  • कैविटी को भरने के लिए और कैविटी दूर करने के लिए सोडियम फ्लोराइड वाला माउथवॉश इस्तेमाल किया जा सकता है. इस माउथवॉश को पानी में मिलाकर इस्तेमाल करें. इससे दांत और ज्यादा खराब नहीं होंगे.

अमृता कुमारी नेशन्स न्यूट्रिशन                            (क्वालीफाईड डायटीशियन/ एडुकेटर,अहमदाबाद) 

By AMRITA

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