घबराहट या ज्यादा चिंतन की वजह से व्यक्ति कई बार काफी गहरी परेशानियों में घिर जाता है, जिसके चलते अगर उसके सामने किसी भी तरह की बात आ जाए तो उसके पैर-हाथ कांपने लगते हैं, पसीना आने लगता है और कई बार व्यक्ति की स्थिति इतनी गंभीर हो जाती है कि उसे महसूस हो रहा होता है कि मानो वह अपना नियंत्रण ही खो बैठा हो।
घबराहट के दौरे पड़ने के कारण
अज्ञात चीजों या बातों का भय, तनावपूर्ण स्थिति में व्यक्ति के अंदर घबराहट सामान्य प्रतिक्रिया है, जैसे नौकरी के लिए इंटरव्यू या परीक्षा के दौरान घबराहट महसूस करना आम बात है। कुछ लोगों में घबराहट का जोखिम ज्यादा होता है। इसके अलावा, घबराहट के दौरे पड़ने का कारण लोगों के अंदर हमेशा विचार का चलते रहना है। ऐसे लोग मानसिक रूप से खुद को शांत महसूस नहीं कर पाते। और तो और, इनका मूड भी लगातार बदलता रहता है। घबराहट के दौरे को नज़रअंदाज़ न करें, बल्कि समय रहते विशेषज्ञ की सलाह लें।
घबराहट के दौरे की शुरुआत
आपने पैनिक अटैक के बारे में तो सुना ही होगा। या हो सकता है की कई दफा हमने देखा हो कि कोई व्यक्ति इसका शिकार कैसे होता है या हो सकता है कि ऐसा हमारे साथ भी कभी हुआ हो।बहुत-से लोग जो चिंता का अनुभव करते है, उन्हें पैनिक अटैक या घबराहट के दौरे का अनुभव भी हो सकता है। अगर आपमें भी घबराहट की शुरुआत उपरोक्त तरीके से हो रही है तो इसके लिए आपको अच्छे साइकेट्रिस्ट का चयन करना चाहिए।
घबराहट के दौरान पड़नेवाले दौरे के लक्षण
तेजी से दिल का धड़कना। छाती में जकड़न की समस्या का महसूस करना। सांस फूलने की समस्या का सामना करना।चक्कर आना। बार-बार पसीने का आना। बिना किसी बड़ी बात के डर का लगना। खुद का नियंत्रण से बाहर होना। दिमाग में गलत विचारों का आना आदि।
घबराहट के दौरान पड़ने वाले दौरे से कैसे करें खुद का बचाव
इस समस्या से बचने के लिए आपको सबसे पहले सुबह के वक़्त टहलना चाहिए। घबराहट होने पर ध्यान और योग का सहारा जरूर लें। घबराहट महसूस होने पर धीरे-धीरे सांस लें और उन बातों को न सोचें, जिससे आपका तनाव बढ़ता हो।ध्यान भटकाने के लिए संगीत, फिल्म, अच्छी किताबें पढ़ें या स्वस्थ आहार का सहारा लें।पर्याप्त नींद लें, अगर आप ठीक से नहीं सो पा रहे हैं तो अपने डॉक्टर से जरूर मिलें। इसके अलावा कैफिन का सेवन कम करें, सिगरेट पीना छोड़ें। निकोटिन और कैफीन, दोनों से ही घबराहट के लक्षण बढ़ सकते हैं।