बिना पानी पिए कोई भी नहीं रह सकता है. प्यास बुझाने के लिए पानी पीना तो जरूरी है ही, साथ ही पानी शरीर की सभी कोशिकाओं को सही तरीके से काम करने के लिए भी जरूरी है.

अक्सर डाइट एक्सपर्ट कहते हैं कि पानी दिन भर में 3 लीटर पीना चाहिए लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो हद से ज्यादा पानी का सेवन करते हैं. प्यास न भी लगी हो तो भी वो पानी पीते हैं. जब आप हद से ज्यादा पानी पीते हैं तो इसे ओवरहाइड्रेशन (Overhydration) कहा जाता है. वैसे तो प्रतिदिन कितना पानी पीना चाहिए, इस बात को निर्धारित करने का कोई एक फॉर्मूला नहीं है. लेकिन, दिन में 8 गिलास पानी पीना एक अच्छी आदत है. वैसे, हर किसी को अपने वातावरण, एक्सरसाइज, आहार, समग्र स्वास्थ्य और गर्भावस्था या स्तनपान जैसी स्थितियों के आधार पर पानी पीने की मात्रा समायोजित करनी चाहिए.

 अधिक पानी पीने से क्या होता है?
जब आप बहुत अधिक पानी पीते हैं, तो आपको वॉटर पॉइजनिंग, इन्टॉक्सिकेशन या फिर मस्तिष्क की कार्यप्रणाली में व्यवधान का अनुभव हो सकता है. ऐसा तब होता है, जब कोशिकाओं (मस्तिष्क कोशिकाओं सहित) में बहुत अधिक पानी होता है, जिससे उनमें सूजन आ जाती है. जब मस्तिष्क की कोशिकाओं में सूजन हो जाती है तो वे मस्तिष्क में दबाव पैदा करती हैं. इस स्थिति में आपको भ्रम, उनींदापन और सिरदर्द हो सकता है. ये प्रेशर बढ़ता है तो हाई ब्लड प्रेशर, ब्रैडीकार्डिया (bradycardia) या कम हृदय गति जैसी स्थितियों का कारण बन सकता है.

जब आप ओवरहाइड्रेशन से ग्रस्त होते हैं तो सबसे अधिक सोडियम एक इलेक्ट्रोलाइट प्रभावित होता है, जिससे हाइपोनेट्रेमिया (hyponatremia) नामक स्थिति उत्पन्न होती है. सोडियम एक आवश्यक तत्व है जो कोशिकाओं के अंदर और बाहर तरल पदार्थ के संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है. जब शरीर में पानी की अधिक मात्रा के कारण इसका स्तर गिर जाता है तो तरल पदार्थ कोशिकाओं के अंदर चला जाता है. इससे कोशिकाओं में सूजन आ जाती है. ऐसी स्थिति होने पर आपको दौरे पड़ने, कोमा में जाने या यहां तक ​​कि मौत का भी जोखिम बढ़ सकता है.

 पानी के अधिक सेवन से शरीर में नजर आने वाले लक्षण

पेशाब का रंग बदलना- जब आप अधिक पानी पीते हैं और इस वजह से ओवरहाइड्रेशन का शिकार होते हैं तो यूरिन के रंग में बदलाव नजर आ सकता है. इसमें आपका पेशाब पेल येलो से लेकर टी-कलर्ड दिखने लगेगा. ऐसा शरीर में पानी का स्तर बढ़ने से होता है.

बार-बार टॉयलेट भागना- सामान्य से अधिक बार जब आपको पेशाब करने के लिए टॉयलेट भागना पड़े तो समझ जाएं कि आपके शरीर में पानी की मात्रा अधिक हो गई है. आमतौर पर एक दिन में 6 से 8 बार पेशाब करना नॉर्मल है, लेकिन इससे काफी अधिक होना ठीक नहीं.

प्यास नहीं लगने पर भी पानी पीना- जब आपको प्यास ना लगी हो तो भी आप बार-बार पानी पीते हों तो ये अधिक पानी पीने के लक्षण हैं. अधिक पानी पीने से आप तभी बच सकते हैं जब आप अपने शरीर की जरूरत को जान जाएं. आपका शरीर खुद ये इशारा करता है कि आपको कब पानी पीने की ज़रूरत है. इस तरह से बॉडी डिहाइड्रेशन से लड़ सकता है. प्यास लगना डिहाइड्रेशन के प्रति शरीर की प्रतिक्रिया है.

मतली या उल्टी होना- ओवरहाइड्रेशन होने पर आपको मतली, उल्टी आदि की समस्या हो सकती है. जब आपके शरीर में अत्यधिक पानी होगा तो किडनी भी अतिरिक्त तरल पदार्थ यानी लिक्विड को बाहर नहीं निकाल पाते हैं. इस तरह से ये शरीर में जमा होने लगेगा, जिससे आपको उल्टी, मतली, दस्त की समस्या शुरू हो सकती है.

इसके अलावा ओवरहाइड्रेशन यानी शरीर में अत्यधिक पानी होने के कारण आपको सिरदर्द, हाथ, पैर और होंठ के रंग में बदलाव नजर आ सकता है. शरीर अत्यधिक हाइड्रेटेड होता है तो पैरों, हाथों और होंठों में सूजन या discoloration नजर आ सकता है. ऐसे में कोशिकाओं के सूजने पर त्वचा भी सूज सकती है. अधिक पानी पीने से शरीर में इलेक्ट्रोलाइट लेवल काफी कम हो जाता है, जिससे शरीर का बैलेंस भी खराब हो जाता है. इलेक्ट्रोलाइट लेवल कम होने से मांसपेशियों में दर्द, क्रैम्प, कमजोरी महसूस हो सकती है.

एक दिन में कितना पानी पीना चाहिए? 
वैसे तो पानी पीने से संबंधित कोई वेरिफाइड गाइडलाइंस नहीं हैं लेकिन हर दिन आपके शरीर को कितनी मात्रा में पानी की जरूरत है, वो आपकी फिजिकल एक्टिविटी लेवल, क्लाइमेट, वजन, सेक्स पर निर्भर करता है. 19 से 30 वर्ष की महिलाओं को लगभग 2.7 लीटर पानी डेली पीने की सलाह दी जाती है. इसी उम्र के पुरुषों को 3.7 लीटर पानी पीना चाहिए. फिर भी आपको ठीक से नहीं पता कि आपको दिन भर में कितना पानी पीना चाहिए तो दिन भर में 8 गिलास पीने की कॉमन और लोकप्रिय सलाह को फॉलो कर सकते हैं.

अमृता कुमारी – नेशन्स न्यूट्रिशन                    (क्वालीफाईड डायटीशियन एडुकेटर अहमदाबाद) 

By AMRITA

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