दरभंगा: दिल्ली मोड़ स्थित श्री नारायण अस्पताल के अध्यक्ष डॉ. राधाकृष्णन ने दरभंगा में पहली बार पैंक्रियटायटिस (अग्नाशय में संक्रमण) में ओपन सर्जरी कर एक मिसाल कायम किया है। पैंक्रियाटाइटिस में ओपन सर्जरी की सुविधा देश के महानगरों में ही केवल उपलब्ध है। डॉ. राधाकृष्णन महानगरों से शिक्षा प्राप्त कर अपने मिथिला के दरभंगा वासियों को अब यह सुविधा उपलब्ध करा रहे हैं। जानकारी के अनुसार, बिहार में यह ऑपरेशन केवल तीन अस्पतालों में होता है। दरभंगा में यह ऑपरेशन पहली बार हुआ है। अब यह सर्जरी की सुविधा दरभंगा में होने से उत्तर बिहार के मरीजों के लिए वरदान साबित हो रहा है। मिथिला में इस बीमारी से परेशान होकर अपने जीवन से निराश होकर बैठे लोगों के लिए डॉ. राधाकृष्णन एक उम्मीद की किरण बनकर मिथिलावासियों के सामने आये हैं। वो अपनी कार्य कुशलता से पैंक्रियाटाइटिस से ग्रस्त मरीजों का इलाज कर एक नया जीवन दे रहे हैं।
श्री नारायणी अस्पताल के चेयरमैन डॉ. राधाकृष्ण ने बताया कि पैंक्रियटायटिस से ग्रस्त मरीजों का इलाज की सुविधा अभी भी महानगरों में ही है। महानगरों से पढ़ाई करने के बाद मैं दरभंगा में अपने अस्पताल में यह सुविधा उपलब्ध करा रहा हूं। साथ ही यह सर्जरी को दरभंगा जिले में कम बजट में भी अंजाम दे रहा हूं।
मरीज ने साझा की अपनी बीमारी और इलाज, डॉक्टर को किया धन्यवाद देखें वीडियो:-
पैंक्रियटायटिस का सफल ऑपरेशन महानगरों में 4 से 10 लाख के बीच होता है। मैं यह ऑपरेशन दरभंगा में केवल डेढ़ से तीन लाख के बीच कर रहा हूं।
पैंक्रियाटाइटिस से ग्रस्त मरीज बाबूबढ़ी निवासी विष्णु देव यादव ने कहा कि मैं देश के कई अस्पतालों में इलाज के लिए गया था। इस बीमारी का नाम सुनकर ही कई डॉक्टरों ने ऑपरेशन करने से मना कर दिया। मैं अपने जीवन से हार मान चुका था। मैं अपने एक संबंधित के कहने पर श्री नारायणी अस्पताल इलाज के लिए आया। डॉ. राधाकृष्णन ने सफल ऑपरेशन कर मुझे एक नई जिंदगी दी है। इसके लिए मैं डॉ. राधाकृष्ण का आभारी हूं। महानगर में इलाज कराने के दौरान इस ऑपरेशन के लिए 10 लाख से ज्यादा रुपए की मांग की जा रही थी, जो मेरे लिए संभव नहीं था। डॉ. राधाकृष्णन ने केवल दो लाख रुपए में यह सर्जरी को अंजाम दिया है। प्रेसवार्ता में डॉ. प्रेरणा झा एवं श्री नारायणी अस्पताल के कर्मी मैजूद थे।