आजकल आए दिन खबर सुनने को मिलती है कि किसी छोटी उम्र के बच्चे की खेलने के दौरान, दौड़ने के दौरान, नाचने के दौरान,क्लास में बैठे-बैठे हार्ट अटैक आया और उसकी मौत हो गई । यह कितना दुखद है ना पर क्या कभी यह सवाल मन में आया कि ऐसा हो क्यों रहा है इसकी वजह है हमारी गैर जागरूक लाइफस्टाइल।

बच्चों में बढ़ता मोटापा

 आजकल के बच्चों में हार्ट डिजीज और अटैक का एक बड़ा कारण बढ़ता मोटापा भी है. खानपान की गलत आदतों और बिगड़े हुए लाइफस्टाइल की वजह से बच्चों में मोटापा बढ़ रहा है जो दिल की बीमारियां का बड़ा रिस्क फैक्टर है. इसके अलावा बच्चों में खेल कूद का कम होता चलन, मानसिक तनाव, बीपी का बढ़ना भी दिल का दौरा पड़ने का कारण है.

बच्चों में हार्ट अटैक के लक्षण

होठों के पास नीले निशान का पड़ना

सांस लेने में परेशानी

थोड़ा चलते ही सांस फूलना

सही तरह से विकास न होना

चक्कर आना

छाती में दर्द

लक्षण दिखते हीं हो जाएं सतर्क

अगर बच्चा छाती में दर्द और सांस लेने मेंं परेशानी की शिकायत कर रहा है तो उसको तुरंत अस्पताल लेकर जाएं. इस मामले में लापरवाही न करें. इस दौरान बच्चे का बीपी भी चेक करा लें.

 बचाव के लिए जरूरी है ये बातें : 

बच्चे के जन्म के समय हार्ट की सभी जांच कराएं

बच्चों को जंक फूड खाने से रोंके

बच्चों का लाइफस्टाइल ठीक रखें

बच्चों को खेलकूद के लिए प्रेरित करें

अमृता, नेशन्स न्यूट्रिशन

(क्वालीफाईड डायटीशियन / एडुकेटर अहमदाबाद) 

By AMRITA

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