ब्रेस्टफीडिंग, जिसे हिंदी भाषा में स्तनपान यानि बच्चे को दूध पिलाना भी कहते हैं, मां और बच्चे के बीच के रिश्ते को मजबूत बनाने और नवजात शिशु को सही पोषण देने का सबसे अच्छा तरीका है। हालांकि पहली बार मां बनने वाली महिलाओं के लिए शिशु को स्तनपान कराना थोड़ा मुश्किल हो सकता है। अगर आप भी हाल-फिलहाल में मां बनी हैं तो आपको जरूरत है ऐसी सलाह की, जो आपके काम आए। बच्चे को दूध पिलाना मां और बच्चे दोनों के लिए अनूठा अनुभव है। धैर्य रखकर आप इस अनुभव को और खास और बच्चे के साथ कनेक्शन को और मजबूत बना सकती हैं।

खुद को मानसिक रूप से तैयार करें

बच्चे के आने से पहले ही स्तनपान के फायदों के बारे में जान लें, इसके तरीके को समझने की कोशिश करें। इससे आपमें आत्मविश्वास आएगा और आप बच्चे को दूध पिलाने में खुशी महसूस करेंगी।  

सहज रहें

अपने लिए आरामदायक कुर्सी या कुशन ढूंढें, जिससे सहारा लेकर आपके लिए बच्चे को स्तनपान कराना आसान हो जाए। इससे आप रिलेक्स रहेंगी और असहज महसूस नहीं करेंगी।

दिनचर्या बनाएं

बच्चे को स्तनपान कराने के लिए दिनचर्या बनाएं, इससे आपके और आपके बच्चे दोनों के लिए यह अनुभव बेहतर होगा। एक निर्धारित समय पर ही बच्चे को दूध पिलाएं।

बच्चे के हावभाव को समझें

बच्चे के हाव-भाव से समझने की कोशिश करें कि वह कब दूध पीना चाहता है। जैसे भूख लगने पर शिशु अक्सर अपनी जीभ से होठों को चूसते हैं।

ठीक पॉजिशन में बैठें

ऐसा करने से बच्चे की पॉजिशन ठीक रहेगी। याद रहे कि अगर बच्चे की पकड़ अच्छी न हो तो आप दोनों ही असहज रहेंगे और ऐसा करने से दूध की आपूर्ति भी कम हो सकती है। बच्चे को पता होता है कि उसे कितना दूध चाहिए, इसलिए जब तक बच्चा एक स्तन से दूध पी रहा है, पीने दें, इसके बाद ही स्तन बदलें।

जरूरत पड़े तो मदद लें

अगर आपको बच्चे को ब्रेस्टफीड कराते हुए कोई परेशानी हो रही है तो लेक्टेशन कन्सलटेन्ट या स्थानीय ब्रेस्टफीडिंग सपोर्ट ग्रुप की मदद लें।

पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं

बच्चे को ब्रेस्टफीड कराते वक्त आपको पानी और तरल पदार्थों का सेवन पर्याप्त मात्रा में करना चाहिए, जिससे दूध की आपूर्ति अच्छी होगी।

अपना ख्याल रखें

ब्रेस्टफीड कराने के दौरान अपने शारीरिक और भावनात्मक स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें। आराम करें, संतुलित आहार लें और जरूरत पड़ने पर मदद लें।

बच्चे को फायदे

मां के दूध में बच्चे की ज़रूरत के लिए सभी ज़रूरी पोषक तत्व सही मात्रा में होते हैं। इसलिए मां का दूध पीने से बच्चे का विकास ठीक तरह से होता है। मां के दूध में विटामिन, मिनरल और अन्य पोषक तत्व मौजूद होते हैं जो बच्चे की सेहत के लिए जरूरी है। मां के दूध में एंटीबॉडीज होते हैं जो बच्चे को कई तरह के इन्फेक्शन और बीमारियों से बचाते हैं। मां का दूध पीने से बच्चे में कान के इन्फेक्शन, निमोनिया और डायरिया की संभावना कम हो जाती है।

मां को फायदा

स्तनपान कराने से मां और शिशु के बीच का रिश्ता मजबूत होता है। इससे मां और बच्चे के बीच शारीरिक के साथ-साथ भावनात्मक कनेक्शन बनता है। स्तनपान कराने से मां को भी कई फायदे होते हैं जैसे स्तन कैंसर, अण्डाश्य के कैंसर और प्रसव के बाद अवसाद जैसी समस्याओं की संभावना बहुत कम हो जाती है। इससे गर्भाश्य भी जल्द अपने सामान्य आकार में लौट आता है और गर्भावस्था के दौरान बढ़ा वजन कम करने में मदद मिलती है।

    प्रियंवदा दीक्षित, फूड फॉर हील  ‌‌                          (क्वालीफाईड डायटीशियन, आगरा)

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