बच्चे को स्तनपान करवाने, सुलाने, डायपर बदलने के बाद माँ को अपने बच्चों के कपड़े खरीदने की सबसे ज्यादा फ़िक्र होती है। छोटे बच्चों के कपड़े खरीदना माता पिता के लिए एक मुश्किल काम हो सकता है। नवजात शिशु की त्वचा बहुत ज्यादा नाज़ुक होती है, ऐसे में उसके लिए कपड़े खरीदते या उसे कपड़े पहनाते समय कुछ खास बातों का ध्यान रखना चाहिए।

नवजात शिशु के लिए कौन सा कपड़ा सबसे अच्छा होता है?

छोटे बच्चों के कपड़े खरीदते समय आपको उनकी त्वचा के बारे में सोचना चाहिए, क्योंकि उनकी त्वचा बहुत ज्यादा नाज़ुक होती है और गलत कपड़ा चुनने से उन्हें त्वचा संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। कुछ विशेषज्ञ बच्चों को सूती कपड़े पहनाने की सलाह देते हैं, हालांकि मिक्स कॉटन के मुलायम कपड़े भी उनके लिए अच्छे होते हैं। जैविक कपड़े जैसे रेशम या मलमल शिशु की त्वचा के लिए अच्छे होते हैं, लेकिन ये थोड़े महँगे होते हैं। इसलिए सीमित बजट में छोटे बच्चों के कपड़े खरीदते समय सूती (कॉटन) या मिक्स कॉटन का विकल्प उनके लिए सबसे बेहतर होता है।

छोटे बच्चों के कपड़े खरीदते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?

बच्चे का साइज़

छोटे बच्चों के कपड़े खरीदते समय उनके साइज का विशेष ध्यान रखें। छोटे बच्चे बहुत तेज़ी से बढ़ते हैं, ऐसे में उनके लिए थोड़े बड़े और इलास्टिक वाले कपड़े खरीदना सबसे अच्छा रहता है।

कम संख्या में खरीदें

छोटे बच्चों के कपड़े कभी भी एक साथ ज्यादा ना खरीदें, क्योंकि बच्चे तेजी से बढ़ते हैं और थोड़े ही दिनों में उनके कपड़े छोटे पड़ने लगते हैं। ऐसे में छोटे बच्चों के कपड़े खरीदते समय इस बात का ख़्याल रखें कि एक बार में दो से चार कपड़े ही खरीदने हैं।

मुलायम और नर्म कपड़ा देखें

नवजात शिशुओं की त्वचा बहुत नाज़ुक और संवेदनशील होती है, इसलिए  छोटे बच्चों के कपड़े खरीदते समय सूती या मिक्स कॉटन का विकल्प चुने। छोटे बच्चों के कपड़े सूती होने से उन्हें त्वचा संबंधी समस्याएं होने की संभावना कम होती है इसलिए उन्हें सिंथेटिक कपड़े ना पहनाएं।

पहनाने और उतारने में आसान हों

छोटे बच्चों के कपड़े पहनाने और उतारने में आसान होने चाहिए, क्योंकि उनका शरीर बहुत नाज़ुक होता है और उन्हें जल्दी चोट लग सकती है। इसलिए चैन या चिट-बटन वाले कपड़े खरीदना सही होगा। इसके अलावा छोटे बच्चों के कपड़े तनने वाले (इलास्टिक) होने चाहिए, ताकि उनकी गर्दन या बाजू में कपड़े आसानी से आ सकें।

उनमें डायपर बदलना आसान हो

छोटे बच्चों के कपड़े ऐसे होने चाहिए जिनमें से उनका गंदा डायपर बदला जा सके। इसलिए अगर आप बच्चे के लिए कपड़े खरीदने जा रहे हैं, तो ऐसे कपड़े खरीदें जिनमें कमर में इलास्टिक हो या फिर पैरों के पास खुलने वाले बटन हों।

बटन, रिबन, टाई वाले कपड़े ना खरीदें

अगर छोटे बच्चों के कपड़े बटन, रिबन या टाई युक्त हैं, तो ये उनके लिए खतरनाक हो सकते हैं, क्योंकि बच्चे बटन आदि को निगल सकते हैं। इसलिए छोटे बच्चों के कपड़े खरीदते समय इस बात का खास खयाल रखें कि उनमें ऐसा कुछ ना हो जिसे बच्चे निगलने की कोशिश करें।

छोटे बच्चों के लिए उभरी हुई डिजाइन वाले कपड़े ना खरीदें

अपने बच्चे के लिए ऐसे कपड़े ना खरीदें जिनमें कढ़ाई, या किसी और तरह की डिजाइन बनी हो, क्योंकि इस तरह की डिजाइन शिशु के शरीर में चुभ सकती है और इससे उसे चोट लग सकती है। इसके अलावा ऐसे कपड़ों में बच्चा असहज महसूस करता है और बार बार रोता है।

छोटे बच्चों के कपड़ों से जुड़ी कुछ सावधानियां

छोटे बच्चों के कपड़े उपयोग में लेने से पहले धोयें

छोटे शिशुओं की त्वचा बहुत ज्यादा कोमल होने की वज़ह से उन्हें नए कपड़े पर लगे रसायन या कीटाणुओं की वजह से रैशेज या खुजली हो सकती है। इसलिए जब अपने शिशु के लिए नए कपड़े लेकर आएं, तो उसे पहनाने से पहले कपड़े एक बार अच्छी तरह धो लें।

छोटे बच्चों के कपड़े बिना खुशबू वाले डिटर्जेंट से धोएं

शिशु की नाक बहुत ज्यादा संवेदनशील होती है, इसलिए उसके कपड़ों को बिना खुशबू वाले डिटर्जेंट से धोएं। अगर शिशु की त्वचा ज्यादा संवेदनशील है, तो शिशु के कपड़ों की देखभाल के बारे में डॉक्टर से सलाह लें।

अगर बच्चे के कपड़े में चैन है तो उसे बनियान के ऊपर ही पहनायें

अगर छोटे बच्चों के कपड़े चैन युक्त हैं, तो उन्हें शरीर पर पतली बनियान पहनाकर ही ऐसे कपड़े पहनाने चाहिए। बिना बनियान पहनाये, बच्चों को चैन वाले कपड़े पहनाने से उनकी त्वचा चैन में आकर कट सकती है, ऐसे में जोख़िम ना लें।

बच्चे को बहुत ज्यादा कपड़े ना पहनायें

कई माँओं को लगता है कि बच्चों को ज्यादा कपड़े पहनाना उनकी सेहत के लिए बेहतर होता है, लेकिन ऐसा नहीं है। छोटे बच्चों के कपड़े भी हमारे कपड़ों की तरह ही उनके शरीर को गर्म रखते हैं, इसलिए उन्हें बहुत ज्यादा कपड़े ना पहनाएं। ज्यादा कपड़े पहनाने से बच्चे के शरीर में पानी की कमी हो सकती है और उसे ज्यादा नींद भी आती है। इससे बच्चा एक गंभीर समस्या का शिकार हो सकता है, जिसमें बच्चे को इतनी ज्यादा नींद आती है कि वो स्तनपान करने के लिए भी नहीं उठता है। कपड़ों की जितनी परत आपने पहनी है शिशु को उससे एक परत ज्यादा कपड़े पहनायें और फिर गर्म कंबल से ढँक दें।

बच्चे को ज्यादा कसे हुए कपड़े ना पहनायें

नवजात शिशु का शरीर बहुत नाज़ुक होता है, ज़रा सा दबाव पड़ने पर उसे चोट लग सकती है। इसलिए छोटे बच्चों के कपड़े खरीदते समय इस बात का ध्यान रखें कि वो ज्यादा कसे हुए ना हों। ज्यादा कसे हुए इलास्टिक वाले कपड़े शिशु के शरीर में खून के प्रवाह में रुकावट डालकर उसके विकास को बाधित कर सकते हैं। गंभीर स्थितियों में शिशु के शरीर में थक्के जम सकते हैं, यह स्थिति जानलेवा हो सकती है। इसलिए शिशु को ढीले-ढाले कपड़े ही पहनायें।

शिशु को कपड़े कैसे पहनायें?

  • सबसे पहले कपड़े को अच्छी तरह जांच लें, कि कहीं उसमें कोई पिन, कीड़ा या कुछ और हानिकारक चीज तो नहीं है। इसके बाद ऐतिहात के तौर पर कपड़े को एक बार झाड़कर देख लें।
  • बच्चे को अपनी गोद में पकड़ें और टी शर्ट या ड्रैस के गले को अपनी उंगलियों से चौड़ा करके शिशु की गर्दन में डालें, इस दौरान ध्यान रखें कि उसके चेहरे या कान पर चोट ना लगे।
  • टी शर्ट या ड्रैस की बांह में शिशु का हाथ डालने की कोशिश ना करें। इसके बजाय अपना हाथ बाहर की तरफ से टी-शर्ट में डालें और अंदर से शिशु का हाथ धीरे धीरे खींचकर बाहर निकाल लें। यही तरीका पजामा पहनते समय शिशु के पैरों के लिए भी आज़मा सकते हैं।

                     प्रियंवदा दीक्षित, फूड फॉर हील  ‌‌                          (क्वालीफाईड डायटीशियन, आगरा)

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