शरीर स्वस्थ रहे इसके लिए पौष्टिक आहार और लाइफस्टाइल का ठीक रहना जितना जरूरी है, उतना ही जरूरी है कि आप स्वस्थ नींद लें। स्वस्थ नींद का मतलब, निर्बाध और रात में कम से कम 6-8 घंटे की नींद लेने से है।

वयस्कों से लेकर बुजुर्गों तक, सभी लोगों को नींद पर विशेष ध्यान देने की सलाह दी जाती है। जिन लोगों की रात की नींद पूरी नहीं होती है उनमें कई प्रकार की शारीरिक और मानसिक विकारों का खतरा हो सकता है।

क्या आप भरपूर नींद ले पा रहे हैं? अगर नहीं तो इसके कारणों के बारे में समझना और उसका समय रहते उपचार करना आवश्यक हो जाता है। एक रात भी नींद पूरी न होने के कारण

गुणवत्तापूर्ण नींद जरूरी

 गुणवत्तापूर्ण नींद शरीर में ऊर्जा के स्तर को बेहतर बनाए रखने में मदद करती है। इम्युनिटी सिस्टम को ठीक रखने के लिए भी इसे आवश्यक माना जाता है, जिससे आप कई बीमारियों से बचाव कर सकते हैं। हालांकि लाइफस्टाइल और आहार में गड़बड़ी के कारण नींद विकारों की समस्या काफी तेजी से बढ़ती हुई देखी जा रही है। किसी भी उम्र में नींद की समस्याओं के कारण संपूर्ण स्वास्थ्य पर असर हो सकता है। अच्छी नींद पाने के लिए जरूरी है कि आप सोने से पहले की अपनी आदतों में सुधार करें।

सोने से पहले क्या करें?

बेड पर जाने से पहले इन बातों का रखें ध्यान

  • हर दिन एक ही समय पर सोने और उठने की कोशिश करें, वीकेंड पर भी इस बात का ध्यान रखें। सोने से पहले एक आरामदायक दिनचर्या की आदत बनाएं जैसे किताब पढ़ना, गर्म पानी से स्नान या गहरी सांस लेने के व्यायाम का अभ्यास करना। सुनिश्चित करें कि आपके कमरे में पर्याप्त अंधेरा हो, यदि आवश्यक हो तो गहरे रंग के पर्दे का इस्तेमाल भी कर सकते हैं।

सोने से पहले क्या न करें?

अच्छी नींद पाने के लिए न करें ये गलती

  • सोने से कम से कम 4-6 घंटे पहले कॉफी और चाय जैसे कैफीन युक्त पेय का सेवन न दें, ये नींद की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकते हैं। रात में भारी भोजन और देर रात खाने की आदत से बचें। अधिक या भारी भोजन असुविधा पैदा करता है और आपके लिए सोना कठिन बना सकता है। कमरे में तेज रोशनी के स्रोतों से बचें क्योंकि इससे मेलाटोनिन का उत्पादन बाधित हो सकता है जो नींद के लिए जरूरी हार्मोन है।

नींद की समस्या में क्या करें?

ऐसे तो नींद न आने के कई कारण हो सकते हैं। पर अगर आपको अक्सर ही नींद न आने की समस्या बनी रहती है तो इस बारे में किसी विशेषज्ञ की सलाह जरूर ले लें। कुछ स्थितियों में नींद की समस्या को कुछ प्रकार की अंतर्निहित बीमारियों का कारण भी माना जाता है, जिसका समय पर निदान और उपचार किया जाना आवश्यक हो जाता है।

अमृता, नेशन्स न्यूट्रिशन ‌‌‌‌‌‌‌                                            (क्वालीफाईड डायटीशियन / एडुकेटर अहमदाबाद) 

By AMRITA

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