मिथिला के लोगों की स्वास्थ्यवर्धक आदतों में एक प्रमुख आदत है साग का सेवन। इतना ही नहीं हर अलग-अलग व्रत त्यौहार में अलग-अलग प्रकार के साग खाने की भी परंपरा है। इनमें से ही एक है छठ के पारण के दिन पोरो का साग खाने की परंपरा जिसका केवल धार्मिक महत्व ही नहीं वैज्ञानिक कारण भी है।

पोरो का साग, जिसे मालाबार पालक या पोई साग भी कहा जाता है, एक पौष्टिक और सेहतमंद पत्तेदार सब्जी है। यह स्वादिष्ट होता है और इसे कई तरह से पका सकते हैं, जैसे कि दाल के साथ या आलू के साथ सब्जी बनाकर। इसमें आयरन, कैल्शियम, फाइबर और अन्य विटामिन जैसे पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं, जो इम्युनिटी बढ़ाने, कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने में मदद करते हैं। इसके औषधीय गुणों को जानकर आप भी अपने आहार में शामिल कर सकते हैं.इसका सेवन सप्ताह में एक दिन आवश्यक तौर पर करते हैं.

 

पोरो के साग के स्वास्थ्य लाभ

 

इम्युनिटी बढ़ाता है: इसमें विटामिन ए और सी की भरपूर मात्रा होती है, जो प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में मदद करते हैं।

 

कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर नियंत्रित करता है: फाइबर की उच्च मात्रा खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करके हृदय स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करती है।

 

हड्डियों को मजबूत बनाता है: इसमें मौजूद कैल्शियम और मैग्नीशियम हड्डियों को मजबूत बनाने में सहायक होते हैं।

 

पाचन में सहायक: फाइबर की मौजूदगी पाचन तंत्र को दुरुस्त रखती है।

 

आयरन का बेहतरीन स्रोत: पालक से भी अधिक आयरन होता है, जो आयरन की कमी को दूर करने में मदद करता है।

 

पोरो के साग की सब्जी बनाने की विधि

साफ करें और काटें: पोई साग के पत्तों को डंठल से अलग कर लें, अच्छी तरह धोकर बारीक काट लें। लहसुन, हरी मिर्च और अदरक को भी बारीक काट लें।

तड़का तैयार करें: एक कड़ाही में तेल गरम करें। इसमें जीरा, राई, मेथी दाना (पंच फोरन) और हींग डालें। फिर बारीक कटा लहसुन, हरी मिर्च डालकर सुनहरा होने तक भूनें।

आलू भूनें (वैकल्पिक): अगर आप आलू डाल रहे हैं, तो छिलका उतारकर और छोटे टुकड़ों में काटकर तेल में 5-6 मिनट तक भूनें।

मसाले भूनें: अब इसमें हल्दी पाउडर, धनिया पाउडर, नमक और अमचूर पाउडर डालें। मसाले तेल छोड़ने तक भूनें।

साग पकाएं: कटे हुए पोई साग डालकर अच्छे से मिलाएं। धीमी आंच पर ढककर पकाएं और बीच-बीच में चलाते रहें जब तक कि साग पक न जाए और पानी सूख न जाए।

परोसें: पोरो का साग तैयार है। इसे दाल-चावल, रोटी या पराठे के साथ परोसें।

 

अमृता कुमारी – नेशन्स न्यूट्रीशन                           क्वालीफाईड डायटीशियन                                  डायबिटीज एजुकेटर, अहमदाबाद

By AMRITA

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