पुरुषों की तुलना में महिलाओं को ज़्यादा नींद की ज़रूरत होती है, जिसका कारण मस्तिष्क का ज़्यादा इस्तेमाल, हार्मोनल उतार-चढ़ाव, और घरेलू व अन्य ज़िम्मेदारियों का बोझ है। अध्ययनों के अनुसार, महिलाओं को पुरुषों की तुलना में लगभग 20 मिनट ज़्यादा नींद की ज़रूरत हो सकती है, क्योंकि वे एक साथ कई काम करती हैं और ज़्यादा मानसिक ऊर्जा खर्च करती हैं।
नींद की ज़रूरत ज़्यादा होने के कारण:
मस्तिष्क का अधिक उपयोग: महिलाएं पुरुषों की तुलना में एक साथ कई काम करती हैं, जिससे उनके मस्तिष्क की गतिविधि ज़्यादा होती है और उसे ठीक होने के लिए ज़्यादा नींद की ज़रूरत होती है।
हार्मोनल चक्र: हार्मोनल बदलाव, जैसे मासिक धर्म, गर्भावस्था और मेनोपॉज, महिलाओं की नींद की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकते हैं।
ज़िम्मेदारियों का बोझ: महिलाएं अक्सर अवैतनिक श्रम (जैसे घरेलू काम और परिवार की देखभाल) में ज़्यादा समय लगाती हैं, जो कि एक बड़ा मानसिक और शारीरिक बोझ होता है।
नींद संबंधी विकारों का ज़्यादा जोखिम: अध्ययनों से पता चला है कि महिलाओं में अनिद्रा, रेस्टलेस लेग सिंड्रोम और स्लीप एपनिया जैसे नींद संबंधी विकारों का खतरा पुरुषों की तुलना में ज़्यादा होता है।
जैविक कारक: जैविक रूप से, महिलाओं की आंतरिक घड़ी (internal clock) पुरुषों की तुलना में थोड़ा जल्दी सोने के लिए प्रोग्राम की गई होती है।
हालांकि शोध यह बताते हैं कि महिलाओं को ज़्यादा नींद की ज़रूरत है, फिर भी नींद की मात्रा व्यक्ति-दर-व्यक्ति अलग-अलग हो सकती है।
महिलाओं को आमतौर पर हर रात 7 से 9 घंटे की नींद की आवश्यकता होती है, लेकिन मासिक धर्म, गर्भावस्था और रजोनिवृत्ति जैसे हार्मोनल परिवर्तन नींद को प्रभावित कर सकते हैं। खराब नींद से मूड स्विंग, प्रतिक्रिया समय कम होना और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। इसके अलावा, शिफ्ट में काम करने और घरेलू काम के बोझ जैसे सामाजिक कारक भी महिलाओं की नींद की गुणवत्ता को प्रभावित करते हैं।
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सामान्य आवश्यकता:अधिकांश वयस्क महिलाओं को अपनी शारीरिक और मानसिक सेहत के लिए प्रति रात 7-9 घंटे की नींद की आवश्यकता होती है।
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प्रभावी कारक:
यह संख्या उम्र, शारीरिक गतिविधि और स्वास्थ्य की स्थिति जैसे कारकों के आधार पर भिन्न हो सकती है।
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हार्मोनल परिवर्तन:
मासिक धर्म चक्र, गर्भावस्था और रजोनिवृत्ति जैसे हार्मोनल परिवर्तन नींद को प्रभावित कर सकते हैं।
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जैविक कारण:
हार्मोनल उतार-चढ़ाव से अनिद्रा और अन्य नींद संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
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सामाजिक कारक:
शिफ्ट में काम करना और पारिवारिक और घरेलू कामों का अतिरिक्त बोझ भी नींद पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
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नियमित दिनचर्या:
प्रतिदिन एक ही समय पर सोने और जागने का प्रयास करें।
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आरामदायक वातावरण:
अपने शयनकक्ष को शांत और आरामदायक रखें।
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कैफीन और शराब:
शाम को कैफीन और शराब का सेवन कम करें या उससे बचें।
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स्क्रीन से दूरी:
सोने से कम से कम एक घंटा पहले मोबाइल, टीवी और लैपटॉप जैसे उपकरणों के उपयोग से बचें।
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सोने से पहले:
सोने से पहले कुछ लिखने जैसी आरामदायक गतिविधियाँ तनाव कम कर सकती हैं और बेहतर नींद को बढ़ावा दे सकती हैं।
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व्यायाम:
नियमित रूप से व्यायाम करें, लेकिन सोने से ठीक पहले भारी व्यायाम से बचें।
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डॉक्टर से सलाह:यदि आपको नींद संबंधी लगातार समस्याएं हैं तो डॉक्टर से सलाह लें।