भारतीय चिकित्सा प्रणाली और आयुर्वेद का बहुत ही गहरा और पुराना संबंध है। भारतीय वनस्पति में ऐसे कई आयुर्वेदिक जड़ी बूटियां हैं जिनके गुणों और रोगों के इलाज करने की क्षमता पर शोध हो रहे। ओक का पेड़ भी इनमें से एक है।
ओक के पेड़ में बहुत से औषधीय गुण होते हैं। ओक के पेड़ की छाल में भी औषधीय गुणों के साथ-साथ बहुत से पोषक तत्व होते हैं। इसका इस्तेमाल करने से पाचन को दुरुस्त करने, स्किन को हेल्दी रखने और गले से जुड़ी समस्याओं से राहत देने जैसी स्वास्थ्य संबंधी कई लाभ मिलते हैं।
ओक की छाल के फायदे
आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों में से एक ओक की छाल का इस्तेमाल करने से स्वास्थ्य को कई लाभ मिलते हैं। ध्यान रहे, इसका इस्तेमाल सावधानियों के साथ करें।
डायरिया में फायदेमंद
ओक की छाल में एंटी-बैक्टीरियल के गुण होते हैं, साथ ही, इसमें टैनिन नामक कंपाउंड होता है। इसका सेवन करने से आंतों की लाइनिंग को मजबूती देने और डायरिया के उपचार में मदद मिलती है, साथ ही, इससे रखने में मदद मिलती है।
त्वचा और बालों के लिए फायदेमंद
ओक की छाल में अच्छी मात्रा में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी के गुण होते हैं। इसका इस्तेमाल करने से त्वचा को हेल्दी रखने, इंफेक्शन से बचाव करने, स्कैल्प को हेल्दी रखने, कोशिकाओं का नुकसान से बचाव करने, बालों को हेल्दी और शाइनी बनाए रखने में मदद मिलती है।
हार्ट के लिए फायदेमंद
ओक की छाल में अच्छी मात्रा में एंटी-ऑक्सीडेंट्स के गुण होते हैं। इसका सेवन करने से हार्ट का फ्री रेडिकल्स से बचाव करने और हार्ट के स्वास्थ्य को दुरुस्त कर बनाए रखने में मदद मिलती है।
ओरल हेल्थ के लिए फायदेमंद
ओक की छाल में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी के गुण होते हैं। इसका इस्तेमाल करने से ओरल हेल्थ में सुधार करने में मदद मिलती है। इससे दांतों के दर्द, मसूड़ों की सूजन, गले के दर्द, ब्लीडिंग गम और गले की सूजन को कम करने में मदद मिलती है।
ओक की छाल का इस्तेमाल
औषधीय गुणों से भरपूर ओक की छाल को कई तरीकों से इस्तेमाल किया जा सकता है।
– ओक की छाल की चाय का सेवन करें।
– ओक की छाल के पानी से गरारे करें, इसके पानी को माउथवॉश की तरह या नहाने के लिए इस्तेमाल करें।
– ओक की छाल का 1 दिन में 3 ग्राम सप्लीमेंट लिया जा सकता है।
ओक की छाल का इस्तेमाल करने से ओरल हेल्थ में सुधार करने, गले के दर्द से राहत देने, हार्ट को हेल्दी रखने, डायरिया से दे राहत, बालों और स्किन को हेल्दी बनाए रखने और इनसे जुड़ी समस्याओं से राहत देने में सहायक हैं। ध्यान रहे, इसका सेवन सीमित मात्रा में डॉक्टर की सलाह के साथ ही करें। इसके अलावा, प्रेग्नेंसी, ब्रेस्टफीडिंग और किसी भी तरह की एलर्जी होने पर इसके सेवन से बचें।
अमृता कुमारी – नेशन्स न्यूट्रिशन क्वालीफाईड डायटीशियन डायबिटीज एजुकेटर, अहमदाबाद