जब हमारी थायराइड ग्रंथि जरूरत से ज्यादा या कम हार्मोन बनाती है तो इसका सीधा असर शरीर के मेटाबॉलिज्म पर होता है जिससे कई सारे गंभीर लक्षण महसूस हो सकते हैं। इन लक्षणों के आधार पर हम हाइपोथायरायडिज्म या हाईपरथायरायडिज्म को
जैसे कि वजन का बढ़ना या फिर तेजी से वजन का घटना। इसके अलावा हार्मोनल हेल्थ और पीरियड्स का प्रभावित होना। साथ ही कई बार थायराइड की बीमारी की वजह से फर्टिलिटी भी प्रभावित रहती है। ऐसे में त्रिकटु का सेवन कई प्रकार से थायराइड की समस्या को कम करने में मदद कर सकता है।
त्रिकटु थायराइड के लिए अच्छा कैसे है?
त्रिकटु, पिप्पली, काली मिर्च और शुंठी से बना एक आयुर्वेदिक मिश्रण है जो चयापचय को बढ़ावा देने, पाचन में सुधार और कफ व वात दोषों को संतुलित करने के लिए जाना जाता है। थायराइड स्वास्थ्य के संदर्भ में, खासकर हाइपोथायरायडिज्म के लिए, त्रिकटु सहायक हो सकता है क्योंकि यह पाचन अग्नि को बढ़ाता है और पोषक तत्वों के अवशोषण में सुधार करता है, जिससे थायराइड कंट्रोल करने में मदद मिल सकती है। इसके गर्म और उत्तेजक गुण थायराइड की कमी के कारण होने वाले वजन बढ़ने, सुस्ती और थकान को कम करने में मदद कर सकते हैं।
त्रिकटु और शहद
हाइपोथायरायडिज्म के मामले में, लक्षणों के आधार पर, त्रिकटु को अकेले शहद के साथ या अन्य औषधियों के साथ उचित मात्रा में इस्तेमाल किया जा सकता है। आप इसे गुनगुने पानी के साथ भी ले सकते हैं जो कि थायराइड कंट्रोल करने में मदद कर सकती है। इसके अलावा आप थायराइड में दूध में त्रिकटु मिलाकर ले सकते हैं। इसके अलावा लोग छाछ में भी त्रिकटु मिलाकर ले सकते हैं।
खास सलाह
हालांकि, यह विकारों के लिए प्रत्यक्ष उपचार नहीं है। त्रिकटु का सेवन करने से पहले हमेशा पंजीकृत आयुर्वेदिक चिकित्सकों से परामर्श लें, क्योंकि उपयुक्तता और खुराक थायराइड असंतुलन की प्रकृति और व्यक्तिगत संरचना पर निर्भर करती है। चूंकि त्रिकटु शरीर में पित्त या कहें कि गर्मी बढ़ाता है, इसलिए इसका उपयोग सावधानी से करना जरूरी है, खासकर हाइपरथायरायडिज्म के मामलों में या गर्मी असहिष्णुता, अल्सर या एसिडिटी जैसे लक्षणों की उपस्थिति में।
बहती नाक की स्थिति में भी इसका सेवन किया जाता है, जहां यह सासों की रुकावटों को दूर करने में मदद करता है और इस प्रकार लक्षणों से राहत देता है। लेकिन, ध्यान रहे कि इसकी प्रकृति गर्म होती है इसलिए संतुलित मात्रा में ही इसका सेवन करें, ज्यादा सेवन से बचें।